Data क्या है और इसके प्रकार?

डाटा क्या है (What is Data in Hindi)? आप कोई भी background से क्यूँ न हो, हम सभी ने कभी न कभी तो data शब्द का इस्तमाल जरुर किया होगा। लेकिन उसके वाबजूद भी हमारे मन में कई बार ये सवाल जरुर उठता है की आखिर में ये Data क्या है, और सभी जगहों में इस data को इनता ज्यादा महत्वपूर्ण क्यूँ माना जाता है।

यदि आप भी data के सच्चे अर्थ के बारे में जानना चाहते हैं तब आपको ये article Data क्या है और इसके types क्या हैं जैसे सभी जानकारी जो की Data से जुड़ी हुई हो उसे मैंने इस article के जरिये आपको समझाने की कोशिश करी है।

वैसे data सिर्फ एक computer से सम्बंधित term नहीं है बल्कि data plain facts को कहा जाता है. ये शब्द ‘data’ plural होता है ‘datum’ का. ये data कुछ भी हो सकता है जैसे की किसी देश की आबादी, अस्पतालों में मरीजों की संख्या, किसी school का ठीकाना इत्यादि। ये सभी चीज़ें इनके natural form में organized या structured नहीं होती है इसलिए इनका ज्यादा इस्तमाल नहीं किया जा सकता।

वहीँ अगर इसी data को processes, organized, structured कर present किया जाये किसी एक particular context में उन्हें useful बनाने के लिए तब इसे Information कहा जाता है. ये तो बस एक simple definition थी data और information की, पूरी details में जानने के लिए आपको यह article Data क्या है? पूरा पढना होगा।

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डाटा क्या है (What is Data in Hindi)

Data को हम ऐसे कह सकते हैं की ये एक representation होता है facts, concepts, या instructions का एक formalized manner में, जो की suitable होता है communication, interpretation, या processing के लिए इन्सान या electronic machine के द्वारा।

Data Kya Hai Hindi

Data को हम characters के मदद से represent कर सकते हैं जैसे की alphabets (A-Z, a-z), digits (0-9) या कोई special characters (+,-,/,*,<,>,=) इत्यादि।

ये data कुछ भी हो सकता है कोई character, text, numbers, pictures, sound, या फिर video भी. वहीँ अगर data को कोई context में डाला न गया तब इसका कोई काम नहीं होता है चाहे वो किसी इन्सान के लिए या फिर कोई computer के लिए।

Data अपने raw form में किसी काम का नहीं होता है. लेकिन उसी data को जब हम process और interpret करते हैं तब जाकर उनका सही मतलब सामने आता है, और जो की हमारे लिए बहुत उपयोगी होते हैं. इन्ही processed data को Information भी कहा जाता है।

Analog vs. Digital Data

Data को represent करने के दो general ways होते हैं : Analog और digital. Analog data प्राय तोर से continuous होते हैं – ये ‘analogous’ होते हैं उनके actual facts के प्रति जिन्हें की ये represent करते हैं. Digital data बहुत ही discrete और उन्हें broken up किया जाता है limited number of elements में. उदहरण के लिए Nature (प्रकृति) analog होता है, वहीँ computers digital होते हैं।

हमारे natural world प्राय चीजें continuous होती हैं nature में. उदहरण के लिए, आप इन्द्रधनुष के colors को देख सकते हैं. इसमें इन्द्रधनुष continuous होता है और infinite number के shades प्रदान करता है. वहीँ Computer systems में, वो continuous तो होते हैं लेकिन finite होते हैं. वो सभी data जिन्हें की आप binary digits में store करते हैं, इनमें ये limit है की कितने data को represent किया जा सकता है।

Data के प्रकार

Computer systems काम करते हैं अलग अलग प्रकार के digital data के साथ।

Computing के पहले के दिनों में data primarily केवल text और numbers ही हुआ करता था; लेकिन वहीँ modern day computing की बात करें तब, अभी बहुत सारे प्रकार के multimedia data हैं, जैसे की audio, images, graphics और video. लेकिन ultimately, सभी data types को binary digits के हिसाब से ही store किया जाता है।

प्रत्येक data type के लिए, कुछ बहुत ही specific techniques होते हैं उन्हें convert करने के लिए binary language के बिच computers में और उन्हें कैसे हम अपने senses से interpret करें उन data को जैसे की sight और sound।

डाटाबेस क्या है

हम data के बारे में ज्यादा बोल नहीं सकते बिना database का नाम लिए. हाँ एक database एक organized collection of data होता है. Data को ऐसे ही किसी list में random order में न डालकर एक database के मदद से उन्हें एक structure प्रदान किया जाता है, उन data को organize करने के लिए।

एक बहुत ही common data structures होता है database table. इस table में मुख्य रूप से rows और columns होते हैं. प्रत्येक row को typically एक record कहा जाता है, वहीँ प्रत्येक column को typically एक field कहा जाता है।

Information क्या है?

Information एक ऐसा प्रकार का data होता है जिसे की पूरी तरह से process किया गया होता है कुछ इसप्रकार से की वो बहुत ही meaningful होता उस person के लिए जो की इसे receive करते हैं. ये कोई भी चीज़ हो सकता है जिसे की communicate किया जा सके।

जहाँ Data raw facts को कहा जाता है वहीँ information processed data को कहा जाता है. उदहरण के लिए किसी class के students के subject marks, roll number, age, rank इत्यादि को data कहा जा सकता है।

वहीँ अगर आपको कहा जाये की उन students में से best 5 students के maths के marks को लाया जये तब आपको पहले उन students के सभी data को categorize करना होगा और फिर उसे process कर ही आप मांगे गए data को प्रदान कर सकते हैं. यहीं तो data आप results के तोर पर पाते हैं उसे information कहते हैं

Information बहुत ही organized और classified data होता है, जिसकी कुछ meaningful values होती है receiver के लिए. Information एक प्रकार का processed data होता है जिसके ऊपर decisions और actions based होता है।

Decision को meaningful बनाने के लिए, processed data must qualify करने चाहिए कुछ characteristics, जो की हैं

TimelyInformation हमेशा available होने चाहिए जब उनकी जरुरत पड़े.
AccuracyInformation हमेशा accurate होने चाहिए.
CompletenessInformation हमेशा complete होने चाहिए.


यदि किसी processed data में ये सभी characteristics होते हैं तब उन्हें ही असल में Information कहा जाता है.

Data कैसे Store किया जाता है?

Data और Information को typically computer में store करने के लिए hard drive या कोई दूसरा storage device का इस्तमाल किया जाता है।

Data जो की computer memory/storage में store किया जाता है उन्हें मुख्य रूप से दो हिस्सों में categorized किया जाता है।

1. Permanent storage (Hard disk/ Hard drive)
2. Temporary storage (RAM – Random Access memory)।

इन दोनों में मुख्य अंतर है वो ये की permanent storage data को retain करता है power failure के case में भी, ये तब तक उसे retain कर सकता है जब तक की आप उसे intentionally delete न कर दें वहीँ temporary memory data तुरंत ही lost हो जाते हैं जब power failure होता है और इसे automatically manage किया जाता है computer के CPU के द्वारा।

Temporary memory को ज्यादातर computer applications इस्तमाल करते हैं processes को run करने के लिए. एक बार process complete हो जाये, तब इसका इस्तमाल दुसरे नए processes को run कराने के लिए किया जाता है. इसका इस्तमाल मुख्य रूप से temporary files को store करने के लिए किया जाता है।

जब हम bits को एकसाथ group करते हैं तब उसे computer industry में एक नाम दिया जाता है. ज्यादातर references के तोर से computers number of bytes का इस्तमाल एक measure के तरह करता है computer’s memory (primary storage) capacity और storage (secondary) capacity को लेकर।

Computer memory को partitioned (divided) किया जाता है बहुत सारे number of data containers में जिन्हें की memory cells कहते हैं।

सभी cell एक specific amount of data को ही store कर सकते हैं जिन्हें की word कहा जाता है (उदहरण के लिए 8 bits data का इस्तमाल)

सभी cell में एक associated location identifier होता है जिसे की address कहते हैं।

Data जिन्हें की process किया जाता है, उन्हें coded किया जाता है binary (base-2 number) form में जिसके लिए बहुत से अलग प्रकार के encoding schemes का इस्तमाल होता है, चलिए उनके बारे में आगे discuss करते हैं।

शुरुवात करने के लिए, digits 0 और 1 binary digits होते हैं और प्रत्येक को short में bit कहा जाता है.
वहीँ, 0 represent करता है OFF state को और 1 represent करता है ON state को।

अगर n bits किसी cell में हों, और 2n (जिसे की “2 to the power or n”) ways हों जिसमें zeros और ones को arrange किया जाता है, उदहरण के लिए 2 binary digits (either 1 or 0), इसे सभी arrangements (22 or 2×2 or 4) possibilities हो सकते हैं जो की हैं -00, 01, 10 और 11।

किसी computer’s memory की capacity को determine करने के लिए उनके दो पहलूवों को गौर किया जाता है, जो की हैं पहला की कितने number of bits per cell हैं और number of cells जिसमें memory को partitioned किया जाता है, उदहरण के लिए computer memory depend करता है कितने bits प्रत्येक cell में stored हैं और कितने cells available हैं।

Computer industry के हिसाब से sequence of 8-bits (जिसे की byte भी कहा जाता है), यह ही basic unit of memory होती है।

Units for Measuring Memory (Data Storage) Capacity:

1 Bit= 1 Binary Digit
4 Bits= 1 Nibble
8 Bits= 1 Byte
210= 1024 Bytes= 1 Kilobyte
220 = 1024 Kilobyte= 1 Megabyte
230= 1024 Megabyte= 1 Gigabyte
240= 1024 Gigabyte= 1 Terabyte
250= 1024 Terabyte= 1 Petabyte

डाटा के प्रकार

Programming की बात करें तब data type को हम कह सकते हैं की, यह एक classification होता है जो की ये specify करता है की किस type की value एक variable के पास है और कोन से प्रकार के mathematical, relational या logical operations उनपर apply किया जायेगा जिससे कोई भी error नहीं होगा।

उदहरण के लिए, एक string ऐसा data type है जिसका इस्तमाल text को classify करने के लिए किया जाता है वहीँ एक integer ऐसा data type है जिसका इस्तमाल whole numbers को classify करने के लिए किया जाता है।

Data Typeकहाँ इस्तमाल होता हैउदाहरण
StringAlphanumeric charactershello world ram gopal123
IntegerWhole numbers74 124 99009
Float (floating point)Number जिसमें की एक decimal point हो9.15 5.06 0.193
CharacterText को numerically Encoding encoding करने के लिए97 (in ASCII 97 is a lower case ‘a’)
Booleanlogical values को represent करता हैTRUE FALSE

वहीँ इसके अलावा भी कई और प्रकार के data होते हैं. जिनके बारे में मैंने नीचे बताया हुआ है।

संख्यात्मक (Numerical) Data

इस तरह के Data में 0-9 तक की संख्याए यानी Decimal Numbers रहते हैं. Computer में खासकर इसी numerical data का ही इस्तमाल होता है. Excel sheet में हम data के तोर पर numerical data का ही इस्तमाल करते हैं।

अक्षर (Alphabetic) Data

किसी भी तरह की वर्णमाला चाहे Hindi के (क, ख, ग) या इंग्लिश के (A, B, C) हो वो सभी इसी Alphabetic Data के अंतर्गत आते हैं।

चिन्हात्मक (Alpha Numeric) Data

सुनने में जैसा लगता है ठीक वैसे ही ये data में सभी प्रकार के चिन्ह जैसे @, #, $ आदि आते हैं।

ऑडियो Data | ध्वनि (Audio data)

ये Data में सभी प्रकार के गाने, Recording आदि होते हैं जो ऑडियो फॉर्मेट जैसे MP3, WAV, format में इस्तमाल किये जाते हैं।

विडियो Data | चलचित्र (Video data)

इस प्रकार के Data में सभी प्रकार की विडियो होते हैं और वो video format जैसे की MP4, MKV आदि format में इस्तमाल किये जाते हैं।

Graphical Data | रेखाचित्र

इस तरह के Data के अंतर्गत Images, pictures, Graphical Data आदि JPG, PNG format में इस्तमाल किये जाते हैं।

Data Processing क्या है?

चलिए जानते हैं Data Processing क्या है? Data processing एक ऐसा process है जिसमें raw data को meaningful information में convert किया जाता है एक process के माध्यम से. Data को manipulate किया जाता है जिससे वो results produce करे और जिससे एक problem का resolution किया जा सके या कोई मेह्जुदा problem का situation improve किया जा सके।

एक production process के तरह ही ये भी एक cycle का पालन करता है जहाँ पर inputs (raw data) को एक process (computer systems, software, etc.) में डाला जाता है जिससे output (information and insights) produce हो सके।

Data Processing के Basic Stages

Basic stages में मुख्य रूप से तीन steps होते हैं data processing cycle के।

  • Input
    इस step में, input data को एक convenient form में prepare किया जाता है processing के लिए. ये form processing machine के ऊपर निर्भर करता है. उदहारण के लिए, जब electronic computers का इस्तमाल किया जाता है, तब input data को किसी एक मेह्जुदा medium में store किया जाता जैसे की magnetic disks, tapes, या और कुछ.
  • Processing
    इस step में, input data को produce data में बदला जाता है जो की ज्यादा useful form होता है. उदहारण के लिए, किसी company में sales की summary calculate करने के लिए sales orders को देखा जाता है.
  • Output
    इस step में, इसके पूर्व के processing step के result को collect किया जाता है. Output data का कोई particular form इसके ऊपर निर्भर करता है की उस data को किस तरह से इस्तमाल किया जाता है. उदहारण के लिए, output data में कोई employees के pay-checks भी हो सकते हैं.

चलिए अब Data Processing के Basic Stages को Details में समझते हैं

1. Input

इस input प्रक्रिया में डाटा को collect कर कहीं store किया जाता है. Store का मतलब है की कहीं इकठ्ठा किया जाता है वो चाहे तो आप computer में भी store कर सकते हैं या कोई paper में भी लिख सकते हैं. Input के दुसरे process को समझते हैं।

a) Collection
Input करने से पहले हमें data की collection करने की आवश्यकता है. Data को अलग अलग Sources से collect किया जाता है, जैसे एक शहर में कितने schools हैं यह जानने के लिए सभी schools को जाना होता है तथ्य को collect किया जाता है. एक class में कितने student 50% से ज्यादा marks रखे हैं. इस Information को जानने के लिए भी हर student की मार्क sheet collect करने की आवश्यकता है।

b) Verification
अब अगला जो step है वो है Verification, जहाँ यह confirm किया जाता है की जो data input के लिए लिया गया है वह सही है या गलत. जैसे जब result PUBLISH करने से पहले सबसे पहले उसे Verify किया जाता है. आप भी किसी को कोई report देने से पहले एक बार verify जरुर करते हैं।

c) Coding
इस step में डाटा को Coding किया जाता है, इसका मतलब है उसे Machine form में बदला जाता है यानि की Computer Readable Form में Convert करना. जिसे computer Input data को आगे आसानी से Process कर सके।

d) Storing
अब जो data Computer के excel या word में enter किया गया है. उस डाटा को Computer में स्टोर किया जाता है. इसके लिए कोई Storage Device का इस्तेमाल किया जाता है. जब डाटा कंप्यूटर में स्टोर हो जाता है तभी अगला जो step है Processing के लिए भेजा जाता है।

2. Processing

यह वो step हैं जहाँ Information बनाने की प्रक्रिया का आरंभ होता है. यहाँ इन निचे दिए गए सभी Techniques का इस्तेमाल किया जाता है, जैसे की Classification, Sorting, calculation, summarizing।

a) Classification
इस प्रक्रिया में, data को समूहों और उपसमूहों में classify किया जाता है. जिससे डाटा को ठीक तरीके से समझने में आसानी होगी. जैसे college में students डाटा को अगर classify करेंगे तो, science श्रेणी के डाटा को अलग, commerce श्रेणी के data को अलग और arts श्रेणी के data को अलग अलग रखेंगे जिसे Data Analysis करने में आसानी होती है।

b) Sorting
यहाँ पर data को एक व्यवस्तित order में arrange करके रखा जाता है. जिससे हमें डाटा को access करने में आसानी होगी. Sorting Order कुछ भी हो सोकता है Ascending या Descending. ये user पर निर्भर करता है वो data को किस हिसाब से sort करना चाहता है. जैसे Class में roll number को Alphabetical Order में रखा जाता है. Marks को Highest mark से Lowest Mark।

c) Calculation
Calculation Process में दिए गए data के उपर कोई arithmetic Operation को Perform किया जाता है. जैसे वो Operation इनमे से कुछ भी हो सकते हैं sum, average, percentage. EX- एक क्लास में students के average marks कितने हैं, male और female का अनुपात, ये सब calculation Steps में आते हैं. इसके जरिए हमें एक सही summarised information मिलती है।

d) Summarising
Input data के ऊपर दिए गए सारे operation Perform करने के बाद एक summarised Report को Produce किया जाता है. कोई Company में मैनेजमेंट को कभी भी पूरी जानकारी नहीं दी जाती, वहां बस शारांस को भेजा जाता है।

ऐसा इसलिए क्यूंकि उनके पास सभी चीज़ों के लिए समय नहीं होता है और इसमें समय की बचत भी होती है. जैसे doctor, बहुत सारे test करने के बाद एक रिपोर्ट देते हैं की इस आदमी को ये बीमारी है. रिपोर्ट कार्ड भी exam result की summary होती है. शायद आप समझ गए होंगे data को Processing के लिए कैसे भेजा जाता है और कैसे होता है।

3. Output

जब Processing के सभी Steps ख़तम हो जाते है, तब Output result प्राप्त होता है जिसे जानकारी कह सकते हैं. Processing step का एक ही मकसद रहता है सठिक Result निकलना और user को देना. ज्यादातर समय Output इनफार्मेशन को कोई Storage device में Store किया जाता है. जैसे हार्ड डिस्क, pen drive, CD, DVD।

Output (Output Result पे होने वाली गतिविधियों)

a) Retrieval
भविस्यत में, जब चाहें तब output result को Storage Media से Retrieve किया जा सकता है. जैसे एक student का 7 semester exam का result जब चाहें तब किसी भी कोई से भी semester का marks देख सकते हैं. इस प्रक्रिया को Retrieval कहते हैं।

b) Conversion
Output result को अलग अलग Form में परिवर्तन किया जा सकता है. शायद आप देखे होंगे डाटा को Processing करने के बाद जो Output result प्राप्त होता है उन्हें इनमे से किसी भी रूप में देख सकते हैं जैसे Output Information – Graph, Flowchart, chart, Table, Diagram, Report. India का Population का GRAPH, Population growth chart, College Time table ये सभी Output result के उदहारण हैं।

c) Communication
data को processed करने के बाद जो भी output निकलता है, वह एक Information है. जिसे Share करना अति आवश्यक है, जैसे news paper में जो information सबके पास आसानी से पहुँचाना. अगर बात करें College Time table कि जिसको Peon Notice Board पे छापता है।

जिससे ये जानकारी सारे Students को मिले, इसी को Communication कहते हैं. Output result को share करने की प्रक्रिया को Communication कहते हैं. ( आजकल जब से Camera आया है, sharing तो photos को wahtsapp group में डालते ही हो रहा है जैसे time table फोटो, result, Notice )

Data Processing के Methods क्या है?

पुरे विश्व में ये data जितना भी best हो काम नहीं आता जब तक की उसे ठीक तरीके से process न किया जाये. Data processing उस process को कहा जाता है जिसमें की कुछ methods का इस्तमाल कर raw data को usable information में तब्दील कर दिया जाता है.

हाँ इस काम के लिए paper और pencil का उपयोग किया जा सकता है लेकिन चूँकि हम 21st century में हैं और यहाँ पर data की कोई कमी नहीं है, मतलब की data की quantity बहुत ज्यादा है और ऐसे में हमें नए innovation technology जैसे की computer का इस्तमाल कर सकते हैं।

Computer का इस्तमाल data को process करने के लिए उन्हें पहले collect किया जाता है, accuracy के लिए check और भी तभी जाकर उन्हें computer में enter किया जाता है. तो चलिए ऐसे ही कुछ Data processing methods के बारे में जानते हैं।

Batch Processing

Batch processing एक बड़ा ही grunt work होता है, ये data processing का simplest form होता है. ये तब ज्यादा उपयोगी होता है जब किसी organization के large volume of data होते हैं और उन्हें एक या दो categories में clump (एक जगह में) किया जा सके।

उदहारण के लिए एक store में, जहाँ की batch-process के मदद से transactions को एक जगह में categorize किया जा सकता है. अगर कोई information को बदला न जाये तब batch processing बहुत ही fast होता है।

Real-Time Processing

कुछ batch-processing इतने ज्यादा fast भी नहीं होते हैं. Real-time processing methods data को handle करते हैं जब इन्हें instant turn-around time की जरुरत होती है. उदहारण के लिए अगर कोई यात्री airline ticket खरीदता है और उसे cancel भी कर देता है तब airline को अपने records को instantly ही update करना होता है।

इस process से records instantly update हो जाते हैं. जहाँ batch processing में बहुत सारे data को specified time में process करना होता है, वहीँ real-time processing एक continuous process होता है।

Data Mining

Data mining में data multiple sources और pools से लिया जाता है और उन्हें combine कर correlations की तलाश करता है. उदहारण के लिए एक grocery chain को customer के purchase को analyse करना होता है और ये खोजना होता है की customer जो की अनाज खरीदते हैं, अक्सर उसके बाद वो केले ही खरीदते हैं।

तब ये chain इस information का इस्तमाल कर sales को increase कर सकता है, इसलिए sales को बढ़ाने के लिए, ऐसे joint purchases का होना उनके sales लिए काफी अच्छा सिद्ध हो सकता है।

Statistical Processing

Statistical processing में heavy number-crunching होती है. एक company जिनको पता है की वो सप्ताह के एक दिन में थोडा ज्यादा busy होते हैं. ऐसे इसलिए होता है क्यूंकि बहुत से customers आखिरी वक़्त में ही अपने request देते हैं इसलिए ऐसे problem अक्सर होते हैं।

कारण का पता होने से company ऐसे problem से निपट सकते हैं. Statistics के मदद से data को compare करने में आसानी होती है फिर चाहे वो अलग अलग size के companies हों या अलग अलग सहर हों।

Data और Information में अंतर क्या है?

क्या आपको पता है Data और Information में अंतर क्या है?

COMPARISON का BASISDATAINFORMATION
MeaningData raw facts होते हैं ये facts पूरी तरह से uncategorized होते हैं ऐसे facts का कुछ उद्देश्य ही नहीं होता हैऐसे Facts जिन्हें की processing करने के बाद इस्तमाल में लाया जाता है ऐसे processed data को information कहते हैं.
ये क्या हैये केवल text और numbers होते हैंये refined data होता है
किसके ऊपर Based होता हैRecords और ObservationsAnalysis
FormUnorganized होते हैंOrganized होते हैं
Usefulये कभी उपयोगी होता है तो कभी नहीं भीहमेशा उपयोगी होता है
SpecificNoYes
Dependencyये information के ऊपर निर्भर नहीं होता हैबिना data के information को process नहीं किया जाता है

Memory data वापस लेना है?

अगर आपके Memory card से डाटा delete हो गया है चाहे वो कोई फोटो हो या कोई गाना हो, इसके लिए आपको computer में पहले recovery software install करना होगा. फिर अपने mobile से memory card को निकालकर उसे computer के साथ connect करना होगा. फिर software को run कर आप अपने delete हुए data को दुबारा प्राप्त कर सकते हैं.

MS dos में save किये हुए data को edit करने का command क्या होगा?

यदि आपने MS Dos File में कुछ लिखा हुआ है और उसे आप चाहते हैं की कैसे edit करें तब आपको इसके लिए उस document को पहले open करना होगा, ऐसा करते ही आपको उसे edit करने का अवसर मिलेगा. इसे फिर आप बाद में save कर सकते हैं.

Display ख़राब हुआ Mobile का Data कैसे निकले या Laptop से कैसे Connect करे?

यदि आपका Mobile का display ख़राब हो गया है और आप उसके data को इस्तमाल करना चाहते हैं तब आपको उसे अपने system के साथ connect करना होगा. इसके लिए internet पर बहुत से data recovery software का उपलब्ध है आप उनका इस्तमाल data recovery के लिए कर सकते हैं.

District data assistant का work क्या होता है?

District data assistant (DDA) का काम होता है की district level में जो भी technical काम होते हैं और official काम जिसमें की computer का इस्तमाल ही वो ये assistant करते हैं. साथ में अगर कोई excel के काम, कोई graphs बनाना है, यहाँ तक की बहुत ही official data को categorize करने का काम भी करना होता है.

Data SD Card में कैसे Save करे?

चूँकि phone की phone memory बहुत ही कम होती है इसलिए अक्सर users को data SD card में save करना होता है और साथ में ये data को SD card में transfer भी करना पड़ सकता है. इसलिए google playstore में ऐसे बहुत से apps हैं जिनका इस्तमाल आप data transfer के लिए कर सकते हैं.

Computer के किस भाग से Data Input किया जाता है?

Computer में अगर आपको कुछ input करना है तब आपको input devices का इस्तमाल करना होगा. जैसे की keyboard, mouse, OCR, OMR. इसके साथ अगर आप क्कुह data computer में डालना चाहते हैं तब आप कोई pendrive या CD को insert कर ऐसा कर सकते हैं.

MS Word में Data कैसे Insert करे?

MS Word में data insert करने के लिए insert menu का इस्तमाल कर सकते हैं. इसके लिए आप youtube में MS words को इस्तमाल करने के video बिलकुल ही मुफ्त देख सकते हैं और सीख भी सकते हैं.

Keyboard Data Input करता है उससे क्या कहते हैं?

Keyboard के माध्यम से computer में user data input कर सकता है. ऐसा इसलिए क्यूंकि Keyboard एक input device होता है.

आज आपने क्या सीखा

मुझे आशा है की मैंने आप लोगों को डाटा क्या है (What is Data in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को Data क्या है के बारे में समझ आ गया होगा।

यदि आपके मन में इस Data in hindi को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं. आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा।

यदि आपको मेरी यह post डाटा क्या होता है हिंदी में अच्छा लगा हो या इससे आपको कुछ सिखने को मिला हो तब अपनी प्रसन्नता और उत्त्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये।

About the Author

Prabhanjan Sahoo

Prabhanjan Sahoo

मैं Prabhanjan, HindiMe का Technical Author & Co-Founder हूँ। Education की बात करूँ तो मैं एक Enginnering Graduate हूँ। मुझे नयी नयी Technology से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों को सिखाने में बड़ा मज़ा आता है।

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Comments (8)

  1. श्रीमान एडमिन,
    Subject: quary/request
    एक सवाल का जवाब ढूंढते हुए मै आपके इस लेख पर आया,
    सभी जानकारी और आपके बताने का अंदाज बड़ा सहज लगा, किंतु
    मेरी जिज्ञासा या सवाल का उत्तर यहां भी नही मिल सका।
    कृपया मार्गदर्शन करें ।

    मै दो दिनों से सो नही पा रहा हूं, कृपया तुरंत रिप्लाई देंगे तो बड़ी कृपा होगी आपकी

    यदि आप बता सकें कि, यदि सभी Data Facts हैं, तो क्या Audio, Video, Images, Special Characters facts कैसे हैं ?

    या कहीं Facts & figures को डेटा बताया जाता है, तब भी Audio, Video, Images, Special Characters, figures हैं या facts और कैसे ?

    Reply
    • Om Prakhas ji, Raw facts and Figures ko Data kaha jata hai. Raw yani ki in facts ko abhi tak process nahin kiya gaya hai. ye facts and figures kisi bhi rup mein ho sakte hain jaise ki Audio, Video, Images, Special Characters ityadi. inhe achhe tarike se process kiya jata hai tabhi isse valuabel information prapt hota hai.

      Reply