Tesla ने भारत में कार बनाने से साफ इनकार कर दिया है। केंद्रीय भारी उद्योग मंत्री एचडी कुमारस्वामी ने 2 जून 2025 को यह बड़ा खुलासा किया है। Elon Musk की कंपनी सिर्फ भारत में शोरूम खोलने में दिलचस्पी दिखा रही है, मैन्युफैक्चरिंग में नहीं।
Moneycontrol की रिपोर्ट के अनुसार, यह फैसला भारत सरकार की EV नीति के बावजूद लिया गया है। सरकार ने मार्च 2024 में एक खास स्कीम लॉन्च की थी जो Tesla जैसी कंपनियों को आकर्षित करने के लिए बनाई गई थी।
सरकार की EV नीति का बड़ा झटका
भारत सरकार ने इलेक्ट्रिक कार मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए एक आकर्षक नीति बनाई थी। इस नीति के तहत $35,000 या उससे ज्यादा कीमत की इलेक्ट्रिक कारों पर इंपोर्ट ड्यूटी को 70% से घटाकर सिर्फ 15% कर दिया गया था। लेकिन इसकी शर्त यह थी कि कंपनी को तीन साल के अंदर भारत में $500 मिलियन का निवेश करके फैक्ट्री लगानी होगी।
कंपनियों को इस स्कीम के तहत हर साल 8,000 कारें तक कम ड्यूटी पर इंपोर्ट करने की अनुमति मिलती है। साथ ही तीसरे साल तक 25% और पांचवे साल तक 50% लोकल कंटेंट की जरूरत होती है।
Tesla का U-Turn और सरकार की प्रतिक्रिया
मंत्री कुमारस्वामी ने स्पष्ट रूप से कहा, “Tesla से हमें कोई उम्मीद नहीं है। वे भारत में मैन्युफैक्चरिंग में दिलचस्पी नहीं दिखा रहे”। Tesla ने सिर्फ पहले राउंड की चर्चा में हिस्सा लिया था, बाकी दो राउंड में भाग नहीं लिया।
सरकारी अधिकारियों के मुताबिक, Tesla अब सिर्फ दो शोरूम खोलने की योजना बना रही है। कंपनी बर्लिन फैक्ट्री से कारें इंपोर्ट करके भारत में बेचना चाहती है।
अन्य कंपनियों की दिलचस्पी
Tesla के इनकार के बावजूद, कई अन्य बड़ी कंपनियों ने इस स्कीम में दिलचस्पी दिखाई है। Mercedes-Benz, Skoda-Volkswagen, Hyundai और Kia जैसी कंपनियां भारत में EV मैन्युफैक्चरिंग के लिए सरकार से बात कर रही हैं।
इससे पहले इस साल Tesla ने मुंबई और दिल्ली में शोरूम के लिए जगह फाइनल की थी और 20 से ज्यादा जॉब्स के लिए भर्ती भी शुरू की थी। लेकिन अब यह साफ हो गया है कि कंपनी सिर्फ इंपोर्ट के जरिए भारतीय बाजार में आना चाहती है।
यह फैसला भारत सरकार की आत्मनिर्भर भारत की नीति के लिए एक बड़ा झटका है। हालांकि सरकार को उम्मीद है कि Tesla भविष्य में अपना फैसला बदल सकती है।