एक parity bit असल में एक bit ही होती है, जिसकी value या तो 0 होती है या फिर 1, वहीँ इसे add किया जाता है block of data में error detection के कार्यों को करने के लिए. ये प्रदान करता है data को या तो एक odd parity या फिर एक even parity, जिसका इस्तमाल data के integrity को validate करने के लिए होता है.
Parity bits का ज्यादातर इस्तमाल data transmission में किया जाता है ये देखने के लिए की data कहीं corrupt तो नहीं हो रहा है इस transfer process के दौरान.
उदाहरण के लिए, प्रत्येक 7 bits की data में शामिल होता है एक parity bit (जो की total में 8 bits होते हैं, या one byte). अगर data transmission protocol को set किया जाये एक odd parity में, तब प्रत्येक data packet में एक odd parity जरुर से मेह्जुद होगा. वहीँ इसे अगर even में set किया गया, तब प्रत्येक packet में जरुर से एक even parity होगा. अगर एक packet को receive किया गया wrong parity के साथ, तब एक error पैदा होगा और data को फिर से retransmit करने की जरुरत होगी.
प्रत्येक data packet की parity bit को compute किया जाता है data की transmission से पहले. चलिए नीचे समझते हैं की कैसे parity bit को compute किया जाता है वो भी दोनों odd और even parity settings के इस्तमाल से.
Odd Parity | Even Parity |
Initial value: 1010101 (four 1s) | Initial value: 1010101 (four 1s) |
Parity bit added: 1 | Parity bit added: 0 |
Transmitted value: 10101011 | Transmitted value: 10101010 |
Result: Odd parity (five 1s) | Result: Even parity (four 1s) |
Parity Bit की value निर्भर करती है data की initial parity के ऊपर. उदाहरण के लिए, 10000000 की binary value में एक odd parity है. ऐसे में एक 0 को add किया जायेगा जिससे की parity को odd रखा जा सके और एक 1 को इसमें add किया जायेगा जिससे की एक even parity की value generate हो सके.
वैसे तो parity checking एक useful तरीका है data की validating करने के लिए, वहीँ यह एक foolproof method नहीं होता है. उदाहरण के लिए, values 1010 और 1001 में समान parity होती है. इसलिए अगर value 1010 को transmit किया जाता है और 1001 receive किया जाता है, तब ऐसे में कोई भी error detect नहीं होता है.
इसका मतलब की parity checks 100% reliable नहीं होते हैं जब data की validating की जा रही हो. वैसे भी ये काफी कम ही होगा की एक bit से ज्यादा incorrect हो एक छोटे packet की data में. जब तक की केवल एक ही bit बदले, तब जाकर error दिखाई पड़ता है. इसलिए, parity checks काफ़ी ज्यादा reliable होते हैं जब छोटे packet sizes का इस्तमाल किया जाता है.
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