Active Matrix एक ऐसी टेक्नोलॉजी है जिसे की ज्यादातर LCD displays में इस्तमाल किया जाता है, जैसे की laptop screens, और flat-screen monitors.
ये इस्तमाल करता है thin film transistors (TFTs) की एक मैट्रिक्स (Matrix) और capacitors जिससे ये कण्ट्रोल करता है इमेज को जो की डिस्प्ले (Display) के द्वारा उत्पन्न होते हैं. इसमें प्रत्येक Pixel की brightness को control किया जाता है उसमें स्तिथ corresponding capacitors के electric charge को modify कर.
प्रत्येक pixel का रंग control होता है उसमें स्तिथ individual capacitor के charge को alter कर जो की emit करते हैं red, green, और blue (RGB) light.
ये शब्द “active-matrix” refer करता है डिस्प्ले में स्तिथ capacitors के active nature को. जहाँ एक passive-matrix display में, उसके full rows of wires को चार्ज करना होता है उसके individual pixels को alter करने के लिए, वहीँ एक active-matrix display आसानी से control करता है प्रत्येक pixel को directly.
इसका परिणाम ये होता है की आपको एक significantly faster response time प्राप्त होता है, मतलब की pixels अपने state को बहुत ही जल्दी से बदल सकते हैं.
इसे practical terms में कहें तब, एक active-matrix monitor बहुत ही clearly या साफ़ तोर से motion और fast-moving images को show कर सकता है एक passive-matrix display की तुलना में. वहीँ इसमें TFTs की fast switching होने से ये cursor के “ghosting” को भी होने से रोकता है जो की एक बहुत ही common problem है passive-matrix screens पर.
चूँकि active-matrix technology प्रदान करता है individual control प्रत्येक pixel के ऊपर, इसलिए active-matrix screens typically exhibit करते हैं ज्यादा brightness और color पुरे screen पर, यदि हम इनकी तुलना passive-matrix displays से करें तब.
Active Matrix Technology की इतनी ज्यादा advantages होने के कारण, प्राय सभी modern computer monitors, laptop screens, और LCD televisions में active-matrix screens का ही सबसे ज्यादा उपयोग होता है.