Logic gates perform करती है सभी basic logical functions और वहीँ ये fundamental building blocks भी होती हैं digital integrated circuits की. ज्यादातर logic gates ग्रहण करती हैं input के तोर पर दो binary values, और output प्रदान करती है एक single value वो भी 1 या 0. वहीँ कुछ circuits में केवल कुछ logic gates ही होते हैं, वहीँ दूसरों में जैसे की Microprocessors में millions की तादाद में ये पाई जाती हैं. वैसे तो सात अलग अलग पराक्र की logic gates होती हैं, जिनके बारे में नीचे बताया गया है.
नीचे बताये गए उदाहरणों में, प्रत्येक logic gate में, केवल NOT gate को छोड़कर, सभी में दो inputs होते हैं, A और B, जो की या तो 1 (True) या 0 (False) होते हैं. इसमें resulting output एक single value हो होती है 1 अगर परिणाम true हो तब, या 0 अगर परिणाम false हो तब.
1. AND – True अगर A और B दोनों ही True हो
2. OR – True अगर या A या B True हो
3. NOT – Inverts value: True अगर input False हो; वहीँ False अगर input True हो
4. XOR – True अगर या तो A या B True हो, लेकिन False अगर दोनों ही True हो
5. NAND – AND followed by NOT: ये False केवल तब जब A और B दोनों ही True हो
6. NOR – OR followed by NOT: ये True केवल तब जब A और B दोनों ही False हो
7. XNOR – XOR followed by NOT: True अगर A और B दोनों ही True या दोनों False हो
हजारों या लाखों logic gates को combine करने से, ये मुमकिन है की highly complex operations को perform किया जा सकता है. Maximum number की logic gates कितनी इस्तमाल किया जाये एक integrated circuit में उसे जानने के लिए Chip की size को divide किया जाता है logic gates के size के साथ. चूँकि transistors ज्यादातर सभी logic gates से ही बने होते हैं computer processors में, इसलिए जितनी छोटी transistors का होना मतलब की उतनी ही complex और faster processors का होना.