SDS एक ऐसा software होता है जो की manage करता है data storage devices को. इसे commonly इस्तमाल किया जाता है बड़ी मात्रा की data को manage करने के लिए data centers, server farms, और enterprise के वातावरण में.
SDS का Full-Form होता है “Software-Defined Storage.”
SDS function करता है independently वो भी मेह्जुदा hardware की. ये काफ़ी सारे physical storage devices को एक virtual storage volume में भी merge कर सकता है.
उदाहरण के लिए, पांच HDDs जिनकी अपनी एक storage capacity होती है 2 terabytes की, उसे merge किया जा सकता है एक single 10 terabyte storage area में वो भी पांच separate volumes के स्थान पर.
Modern SDS programs इस्तमाल करते हैं virtualization की जिससे की वो create कर सकते हैं flexible storage solutions. एक storage hypervisor monitor करती है devices को और वहीँ dynamically allocate भी करती है data को उनके बिच में. वहीँ इसके साथ वो warning भी प्रदान कर सकती है जब data storage की limits ख़त्म होने पर चली आती है.
Virtualized SDS configurations के होने से ये काफ़ी आसान बना देती है storage devices को add या remove करने के लिए, जब storage को बढ़ाना या घटाना हो.
SDS एक बहुत ही महत्वपूर्ण data management tool है web hosts, CDNs, और दुसरे organizations के लिए जिन्हें की बड़ी मात्रा में data को manage करना होता है. ये प्रदान करता है एक बहुत ही efficient तरीका storage requirements को scale करने के लिए वो भी बिना किसी downtime के ही.
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