Video cards को graphics accelerators भी कहा जाता है, वहीँ ये speed up करती हैं दोनों 2D और 3D graphics rendering को. Programs जैसे की photo editors और Web browsers को benefit मिल सकता है 2D acceleration से, वहीँ CAD design programs और video games को ज्यादातर benefit मिलती हैं card की 3D acceleration से. कुछ programs काफ़ी ज्यादा निर्भर करती है video card के ऊपर, वहीँ अगर एक supported video card install न हो तब ऐसे में वो run भी नहीं हो सकती है.
एक computer में ज्यादातर processing किया जाता है via computer की central processing unit, या CPU के द्वारा. ऐसे में CPU को थोडा break देने के साथ साथ उसे ज्यादा efficiently run करने के लिए मदद करने में, एक video card का बहुत बड़ा हाथ होता है, वहीँ इसके इस्तमाल से process किया जाता है graphics portion वो भी processing load की.
चूँकि आज के समय में ज्यादातर programs graphically oriented होते हैं, ऐसे में video card काफी सहायता कर सकता है प्राय सभी program को run कराने में ज्यादा efficiently. ऐसे में अंतर ज्यादा सही रूप से दिखाई पड़ता है performance में, जब अगर कोई user काम कर रहा होता है image editing applications और 3D games में.
ज्यादातर video cards support करती हैं OpenGL और DirectX libraries. ऐसे libraries में शामिल होते हैं commands वो भी graphics को manipulate करने के लिए जिन्हें की programmers चाहें तो शामिल कर सकते हैं उनके code में. इनमें से कुछ commands में शामिल होते हैं moving या rotating करना एक object को, morphing करना polygons को, या casting करना light को और shadows create करना.
Standard OpenGL या DirectX functions का इस्तमाल करने से, ये आसान बनाता है developers के लिए की वो create कर पायें graphically-oriented programs. वहीँ इससे, ये जरुरी हो जाता है एक computer के लिए की उसमें एक supported video card जरुर से होना चाहिए जिससे की program को run किया जा सके.
Video cards को typically install किया जाता है या तो PCI में या फिर AGP slots पर वो भी एक computer के पिछले हिस्से में. ज्यादातर computers में एक video card पहले से ही installed हुआ होता है उनके किसी एक slot में, जिसका मतलब की इन्हें बाद में upgrade भी किया जा सकता है.
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