एक software activation key असल में एक string of letters या numbers होते हैं जिनका इस्तमाल एक software application को register या activate करने के लिए किया जाता है.
जब भी आप कोई commercial software program खरीदते हैं तब उसके साथ आपको एक activation key प्राप्त होता है. अक्सर ये Activation Key उस software के CD के ऊपर ही लिखा हुआ होता है जिसे की आपको scratch कर देखना होता है.
इस Activation Key का मुख्य उद्देश्य होता है Software Piracy को रोकने का. वहीँ इन्हें सिर्फ और सिर्फ वहीँ users इस्तमाल करें जिन्होंने की यह program ख़रीदा हुआ है इस्तमाल के लिए.
जहाँ कुछ Software Application काम ही नहीं करते हैं बिना एक valid activation key के. वहीँ दुसरे प्रोग्राम रन करते हैं “trial mode” में जिसमें की उनकी functionality को restrict कर दिया गया होता है. वहीँ सॉफ्टवेर के valid activation key का इस्तमाल का register या activate करने के बाद ही आप उस software के सभी functionality का इस्तमाल कर सकते हैं.
ऐसे कोई एक standard activation key format नहीं होता है, लेकिन ज्यादातर में दोनों letters और numbers का इस्तमाल होता है. उनमें अक्सर groups of characters होते हैं जिन्हें की separate किया गया होता है dashes के द्वारा बेहतर readability के लिए. वहीँ ज्यादातर license keys में कम से कम 10 characters तो होते ही हैं, और कुछ में तो 25 से ज्यादा भी होते हैं.
चलिए एक typical activation key का उदाहरण देखते हैं :
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Developers बड़ी ही आसानी से बहुत से तरीकों से implement कर सकते हैं software activation keys को.
इसमें सबसे basic तरीका है की simply check करें एक key को, एक बहुत ही बड़े key database के साथ या list of keys के साथ. अगर एक user enter करता है एक activation key और वो match हो जाता है उस database के किसी key के साथ, तब ऐसे में software successfully activated हो जाता है.
एक ज्यादा advanced method ये भी है की जिसमें activation keys को generate किया जाता है dynamically ही, और ये based होता है एक user के registration information (जैसे की एक email address) के साथ.
वहीँ उस program में एक algorithm होता है जो की ये check करता है की जो key user द्वारा enter किया गया होता है, क्या हो correspond करता है user के email address के साथ जिसे उसने software को register करने के दौरान इस्तमाल किया था.
आजकल के Modern software programs ज्यादातर online activation का ही इस्तमाल करते हैं, जिसमें की keys को verify किया जाता है एक remote server में. वहीँ ये developer को मदद करता है की प्रत्येक keys के इस्तमाल में limit करने के लिए और साथ में keys को revoke करने में अगर जरुरत पड़ी तब.
Software activation keys को ज्यादातर समय आप retail software boxes या order confirmation emails में देख सकते हैं. आप चाहें तो किसी भी software program के activation window को खोल सकते हैं, वहीँ उसके लिए आपको बस locate करना होता है “Activate” या “Register” का option उस program में.
NOTE: एक activation key के कई नाम हैं जैसे की product key, software key, license key, registration code, या serial number.