FDDI एक networking specifications के समूह को कहा जाता है जिसे की standardized किया गया होता है ANSI के द्वारा mid-1980s में.
FDDI का full form होता है “Fiber Distributed Data Interface.” एक FDDI network support करता है data transfer speeds करीब 100 Mbps तक की वो भी एक fiber optic cable में और वहीँ ये इस्तमाल करता है एक rotating token की जो की ये define करता है की कौन सी system एक विशेष समय में डाटा send करेंगी.
FDDI networks में शामिल होते हैं दो physical paths, या “rings,” जो की data को transfer करते हैं उल्टी दिशाओं में. जहाँ primary ring data को carry करती है systems के बीच में, वहीँ secondary ring का इस्तमाल redundancy के लिए होता है.
अगर कोई system, network में कोई interruption पैदा करती है primary data path में, तब secondary ring को इस्तमाल में लाया जाता है तब तक जब तक की primary ring फिर से functional न हो जाये.
FDDI की एक variation, जिसे की FDDI Full Duplex Technology (FFDT) भी कहा जाता है, वो secondary ring का इस्तमाल करता है एक additional primary channel के रूप में. इस प्रकार की FDDI network की कोई भी redundancy नहीं होती है, लेकिन ये support करता है data transfer rates up to 200 Mbps तक.
FDDI को design किया गया था 1980s में. वहीँ इसे मुख्य रूप से faster networking प्रदान करने के लिए बनाया गया था. वहीँ इसे 10 Mbps Ethernet और 16 Mbps token ring standards की तुलना में बेहतर networking प्रदान करने के लिए बनाया गया था.
चूँकि इसमें high bandwidth होती हैं, इसलिए FDDI बहुत ही जल्द एक popular choice बन गयी थी high-speed backbones में इस्तमाल होने के लिए universities और businesses में.
जहाँ एक समय में FDDI दुनिया का सबसे fastest LAN technology रहा काफी वर्षों के लिए, वहीँ बाद में इसे supersed कर लिया गया Fast Ethernet के द्वारा. जो की offer करता था 100 Mbps speeds वो भी काफी lower cost में.
आज के समय में बहुत से networks इस्तमाल करते हैं Gigabit Ethernet, जो की support करता है speeds up to 1,000 Mbps तक.
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