Screen burn या “screen burn-in” एक प्रकार का residual image होता है screen पर छुट जाता है जब वही समान image को काफी समय तक display किया जाता है तब. ये असल में एक faded version (धुंधली) होती है image की या फिर कही तो ये “ghost image” होती है जो की screen की या तो कुछ हिस्सों को cover करती है या फिर पूरी screen को ही cover कर देती है.
Screen burn होने के मुख्य कारण होता है की ऐसी video या graphics जिनकी content move नहीं करती है या फिर बदलती नहीं है काफ़ी लम्बे अर्से तक. उदाहरण के लिए, menu bar वो भी एक Mac पर या task bar वो भी एक Windows computer पर. TV की बात करें तब, ये logo हो सकता है एक specific channel की ये कोई information panel वो भी एक video game की. SmartPhone की बात करें तब, ये status bar हो सकती है जो की screen के top में होती है.
जब कुछ pixels consistently display करते रहते हैं वहीँ समान image जबकि दुसरे pixels display करते हैं बदलती graphics को, ऐसे में unchanging pixels अपने पीछे एक ghost image छोड़ जाती है.
Screen burn affects करती हैं काफी प्रकार के screens को, जिसमें शामिल है CRTs, plasma displays, और OLED screens. यदि हम पुराने displays की बात करें तब, जैसे की CRT monitors, तब यदि एक single image display होता है लम्बे समय के लिए तब इससे screen को physically damage होने के काफ़ी chances होते हैं. इस प्रकार की burn-in पैदा कर सकती है dark spots जो की noticeable होते है जब display को turned off कर दिया जाता है तब भी.
आजकल के modern displays में, screen burn typically तभी होती है जब electronics जो की light पैदा करती है वो luminance पैदा करना बंद कर दे. जब specific pixels display करते हैं एक single image को काफी समय तक, तब वो खो देते हैं उनकी red, green, या blue (RGB) brightness को दुसरे pixels की तुलना में. इससे एक ghost image पैदा होती है जो की inverse होती है image की जो की पहले से consistently display हो रहा होता है.
Screen burn काफी rare होती है LCD panels क्यूंकि liquid crystals काफी कम susceptible होती है इन burn-in को लेकर. वहीँ दूसरी ओर OLED displays, काफी ज्यादा susceptible होती हैं screen burn को लेकर क्यूंकि individual LEDs उनकी luminance को खो सकती है दुसरे LEDs की तुलना में यदि उन्हें overuse किया जाये तब. ऐसा तभी होता है जब कुछ pixels display करते हैं वही समान color एक लम्बे समय तक.
स्क्रीन बर्न होने से कैसे बचें?
Screen burn काफी rare होती है modern displays में अगर उन्हें normal use किया जाये तब. दिखाई पड़ने वाले screen burn को होने के लिए आपको वही समान program को run करना होगा या वहीँ समान channel को tune करना होगा प्रत्येक दिन वो भी काफी हफ़्तों या महीनों के लिए. लेकिन अगर आप consistently play करें वहीँ समान video game या watch करें वहीँ समान channel, तब इससे screen burn होने की संभावनाएं होती है यदि लम्बे समय तक ऐसा किया जाये तब.
आप इसे limit कर सकते हैं या इस प्रकार की screen burn होने से बिलकुल ही रोक लगा सकते हैं अगर आप जो देखते हैं उस content को बदल बदल कर देखें. वहीँ आपको display को बंद कर देना चाहिए जब आप उसका इस्तमाल नहीं कर रहे हैं तब. वहीँ Finally, ये बुद्धिमानी होगी अगर आप sleep mode enable कर दें या एक screensaver को enable कर दें जो की automatically run करें जब screen न बदले कुछ समय तक.