Emotional Story in Hindi Copyright Free

Photo of author
Updated:

Emotional Story in Hindi Copyright Free: क्या आपको Emotional Story पढ़ना पसंद हैं? यदि आप एक Emotional इंसान हो तो ज़रूर से आपके आँखों में भी आंशु आ जाते होंगे कोई badhiya सी emotional story पढ़कर या सुनकर। Emotional stories हमेशा हमारे दिल को छू जाते हैं, वहीं ये हमें काफ़ी चीजों के बारे में सीखाते भी हैं।

अक्सर ये देखा गया है की इन emotional short stories में लोगों की struggle के बारे में बताया गया होता है, कैसे वो अपने उन मुश्किलों से लड़ते हैं और उभरते हैं। ये सिर्फ़ कहानियाँ नहीं होती बल्कि ये Emotion Heart Touching Story in Hindi सच में हमारे मन को पवित्र करने में भी सक्षम होती है। इससे हमें हमारी परेशनियाँ कम दिखायी पड़ती है।

आज हम आपके लिए कुछ ऐसे ही चुनिंदा emotional stories लेकर आए हैं जो की ज़रूर से आपके दिल को छू जाएँगी। इन Sad और Emotional stories को पढ़ने के बाद आप ज़रूर से अपने रिश्ते और ज़िंदगी के बारे में एक नए नज़रिए से सोचने पर मजबूर हो जाएँगे। तो बिना देरी किए पढ़ते हैं Emotional Short Story in Hindi Copyright Free।

Short Copyright Free Story in Hindi

चलिए अब कुछ ऐसे ही बेहतरीन Short Emotional Story in Hindi Copyright Free के बारे में पढ़ते हैं। यकीनन ये कहानियाँ आपको ज़रूर से पसंद आने वाली हैं।

Emotional Story in Hindi Copyright Free

1# कुछ पलों की मुस्कान

मुस्कान एक छोटी सी 10 वर्ष की लड़की थी जो की अपने माँ बाप के साथ एक छोटे से गाँव में रहती थी। उन्हें उसे हमेशा खिलाते हुए और मुस्कराते हुए देखना पसंद था। एक दिन जब मुस्कान अपने दोस्तों के साथ खेल रही थी तभी एक तेज रफ़्तार से आ रही गाड़ी ने मुस्कान को टक्कर मारा। गाड़ी के नीचे आकर मुस्कान की टांगों में चोट आयी ओर वो चल नहीं पायी।

उसकी चीखें सुनकर पास के गाँव वाले उसे लेकर अस्पताल ले गए। वहाँ पता चला की मुस्कान के दोनों पैरों में fracture आ गया है और अब वो कभी उठ कर चल नहीं पाएगी। यह बात सुनने के बाद मुस्कान और उसके माँ-पापा की आँखों में आँसु आ गए। ये बात धीरे धीरे मुस्कान को सताती रही की अब वो कभी खेल नहीं पाएगी, कभी नए कपड़े नहीं पहन पाएगी और सबसे बुरा वो अब हमेशा उदास ही रहेगी क्यूँकि उसे दूसरों के साथ दौड़ना बहुत ज़्यादा पसंद है।

ऐसे ही दिन बीतता गया, एक महीने बाद मुस्कान के पापा उसके लिए एक Wheelchair ले आए ताकि वो कम से कम Wheelchair में तो यहाँ वहाँ घूम सके। ये देखकर, पहले मुस्कान को बिल्कुल अच्छा नहीं लगा और वो रो पड़ी। उसने उस Wheelchair को इस्तमाल करने से माना कर दिया।

लेकिन फिर जब उसे सभी समझाए तब उसने हार नहीं मानी और वो wheel chair में बैठकर हर जगह जाने लगी। धीरे धीरे उसे ये लगा कि अब वो कहीं भी जा सकती है, दोस्तों से मिल सकती है और खेल भी सकती है। आज मुस्कान wheel chair में खिलौने के साथ खेलते हुए क्षण बिताती है। और सबसे बढ़िया चीज़ यह है की वो अब खुश रहने लगी है।

2# भाई की क़ुर्बानी

राहुल और रोहन दो सगे भाई थे जिन्हें माता पिता का पहले ही देहांत हो चुका था। इसलिए वो अपने दादू के साथ एक छोटे से गाँव में रहा करते थे। दोनों ही भाई एक दूसरे से काफ़ी ज़्यादा प्यार करते थे और हमेशा एक दूसरे की मदद किया करते थे।

एक दिन की बात है, दोनों bhai पास के एक नदी में तैरने के लिए गए। नदी में पानी काफ़ी था और वो गहरा भी था लेकिन चूँकि दोनों भाई को तैरना आता था इसलिए उन्हें किसी प्रकार से कोई डर नहीं लगा।

तभी अचानक रोहन ने देखा कि पास ही पानी में कुछ हलचल हो रही है, लगा मानो कुछ पानी में डूब रहा है। अच्छे से देखा तब समझ आया कि ये तो एक बंदर है जो मरने वाला है, क्यूँकि वो ठीक से तैर नहीं पा रहा था। ऐसी स्तिथि में लगा की अगर तुरंत उसकी मदद नहीं की तो वो ज़रूर से मर जाएगा।

रोहन बिना कुछ विचार किए पानी के बीच में उस बंदर की तरफ तैरने लगा ताकि वह उसे बचा सके। लेकिन पानी का बहाव काफ़ी था और वो जल्द ही अपना बैलेंस खो बैठा और अब वो खुद डूबने लगा। इस पर वो ज़ोर ज़ोर से राहुल को मदद के लिय पुकारने लगा।

राहुल ने तुरंत अपने भाई की पुकार सुनके उसे बचाने के लिए पानी उसी तरफ़ तैरना चालू किया। चूँकि वो पानी में काफ़ी आगे जा चुका था इसलिए राहुल के इतनी ज़्यादा कोशिश करने के बावजूद भी वो रोहन को बचाने में असफल रहा। राहुल रोते रोते रोहन को लेकर घर आया और उनके दादा और दादी यह देखकर बेहोश हो गए।

राहुल ने अपने भाई की जान बचाने की बहुत कोशिश की पर आज क़िस्मत ने उसका साथ नहीं दिया। बंदर को बचाने के चक्कर में उसे अपने जान से हाथ धोना पड़ा। भाई की इस क़ुर्बानी को राहुल कभी नहीं भूलेगा। वहीं वो अब दूसरे बच्चों को तैरने की traning प्रदान करता है।

3# नानी का आशीर्वाद

शिव एक छोटा सा लड़का था जो की अपने नानी के साथ रहता था। बचपन में ही शिव के माता पिता का देहांत हो गया था इसलिए उसकी नानी ही उसकी देखभाल करती थी। एक दिन जब शिव school से लौट रहा था तभी उसके देखा की एक छोटे बच्चे को दो बड़े लड़के मार रहे थे।

यह देखकर शिव से रहा नहीं गया ओर वो उन बच्चों को मदद करने चला गया। उसने सबसे पहले उन बड़े लड़कों को रोका और बोला की किसी छोटे बच्चे को इस तरह मारना ग़लत बात है।

बड़े बच्चे शिव को भी मुक्का मारने लगे और बोले कि तू चुप चाप निकल वरना हुम तुझे भी मारेंगे। पर शिव हार नहीं मना और पुलिस को बुलाने की धमकी देते रहा। तभी अचानक बड़े बच्चे भी इस पुलिस वाली बात से डर गए और वो दुम दबाके भाग गए।

वो छोटा सा बच्चा अब शिव की मदद के लिए उसे धन्यवाद करता रहा। घर आते ही शिव ने नानी को सब कुछ बताया जो की उसके साथ हुआ। तो उन्होंने बहुत प्यार से गले लगाया और आशीर्वाद दिया कि अच्छे करने वालों का ईश्वर हमेशा से साथ देता है। कुछ वर्षों के बाद, आज शिव पुलिस में है और लोगों की सेवा करता रहता है।

4# सपना पूरा करना

10 वर्ष के मुन्ना की ज़िंदगी बिलकुल भी आसान नहीं थी। उनकी आर्थिक स्तिथि इतना अच्छी नहीं थी। उसके पापा एक गरीब मज़दूर थे जिनकी कमाई से सिर्फ़ उनके परिवार का पेट ही भर पाता था। इतना सब होने वाबज़ुद भी मुन्ना हमेशा से ख़ुश रहा करता था क्यूँकि इसके माँ बाप उसे बहुत प्यार करते थे।

एक दिन की बात है, जब मुन्ना स्कूल से वापस आ रहा था तब उसे पता चला कि उसके पापा का एक एक्सीडेंट हो गया है और घटनास्थल पर ही उनकी मौत हो गई है। ये सुनने के बाद मुन्ना और उसकी माँ दोनों हैरान रह गए, क्यूँकि उनके परिवार के लिए कमाइ केवल मुन्ना के पिता द्वारा ही की जाती थी। अब परिवार की पूरी ज़िम्मेदारी मुन्ना पे आ गयी थी क्योंकि माँ बुख़ार से बीमार रहती थी, इसलिए वो कुछ काम कर नहीं पाती थी।

इतना सब कुछ होने के वाबज़ुद भी छोटा सा मुन्ना हालात से हार नहीं मना। वो दिनभर सब्ज़ी और अख़बार बेचता, कभी कभी धोबी का काम भी करता ताकि वह घर के खर्चे के लिए कुछ पैसे कमा सके। रात को वो थक कर सो जाता। इस प्रकार से दिन बीतता गया।

एक दिन की बात है, मुन्ना ने अपनी माँ से कहा, मैं सोच रहा हूँ की अभी पढ़ाई छोड़ दूँ और काम ढूँढ लूँ ताकि मैं आपका ठीक तरीक़े से इलाज करवा सकूँ और घर भी चल सके। लेकिन माँ ने उसके ऐसा करने से तुरंत इनकार कर दिया और कहा कि मेरा सपना है मेरा बेटा पढ़के IAS बने। चाहे मैं जिऊँ या ना जिऊँ तू पढ़ाई पूरा करना, इससे ही मैं खुश रहूँगी।

मुन्ना रोती हुई आँखों से माँ का आशीर्वाद लेता है और प्रतिज्ञा करता है कि वो IAS ज़रूर बनेगा। आज वो रात दिन मेहनत करता है ताकि माँ का वो अधूरा सपना पूरा कर सके। कुछ भी हो जाए, वो अपनी माँ का विश्वास टूटने कभी नहीं देगा।

5# भाभी का साथ निभाना

सोनिया एक छोटी सी गाँव की लड़की थी जिसकी शादी हो चुकी थी। वैसे तो सोनिया एक ठीक ठाक ख़ानदान से थी लेकिन उनकी शादी एक गरीब किसान से हो चुकी थी। उसके पति का नाम रामू था जो की एक गरीब किसान थे और उनके पास अपनी एक ज़मीन तक नहीं थी।

ऐसे में दोनों का जीवन बड़े ही कष्ट में गुजरता था। एक दिन सोनिया को अपने मायका जाना पड़ा और वो अपनी पति से इजाज़त लेकर चली गयी। उसे मायका में दो दिन ही हुए थे की उसके ससुराल से एक बुरी ख़राब उस तक पहुँची। घटना कुछ ऐसी थी की इसके पति का घर किसी एक हादसे में पूरी तरीक़े से जल चुका था। अब रामू के पास रहने के लिए कोई भी जगह नहीं थी।

सोनिया तुरंत अपने मायके वालों को ये बात बतायी और अपने पति से मिलने के लिए निकल पड़ी। मायके वालों ने उसे रोकने की बहुत कोशिश की लेकिन सोनिया ने कहा कि सुख दुख में साथ निभाना ही पति-पत्नी का फ़र्ज़ होता है। इतने सुनकर मायके वालों को रोना आ गया और उन्होंने सोनिया को आशीर्वाद दिया, और अपने पति का साथ कभी न छोड़ने का उपदेश भी दिया।

जब सोनिया वापस अपने पति के पास आई तो उसने पाया कि उसका पति अब पूरी तरीक़े से टूट चुका था और रोए जा रहा था। उसने कहा अब हम कहाँ जाएँगे, मेरे पास तो कुछ भी नहीं बचा। सोनिया ने अपने पति को हौसला दिया और कहा साथ मिलके हम नई शुरुआत करेंगे।

और फिर दोनों मिलके मेहनत करके एक नया मकान बना लिया। सोनिया ने अपने पति के साथ खड़े रहकर उसे तकलीफ़ों से लड़ने की ताकत दी। आज दोनों एक दूसरे का साथ निभाते हुए खुश हैं। अब वो ओर गरीब नहीं है जैसे एक समय में हुआ करते थे।

6# नीता और उसकी गुड़िया

नीता एक छोटी सी लड़की थी, जिसकी सबसे प्यारी चीज़ थी उसकी गुड़िया, गुड्डी। वह उसे इतना ज़्यादा प्यार करती थी की उसने उसका नाम भी रख लिया था। गुड्डी दिखने में पुरानी थी, जिसकी एक आँख गायब थी और कपड़े फट गए थे, लेकिन नीता के लिए वह थी सबसे खूबसूरत। वे साथ खाती थीं, साथ खेलती थीं, एक दूसरे को कहानियाँ सुनाती थीं। एक पल के लिए भी नीता अपनी गुड़िया को खुद से दूर नहीं रखती थी।

एक दिन, नीता की माँ ने नीता के लिए एक नई चमचमाती गुड़िया लाई। नयी गुड़िया देखकर नीता ने अपनी प्यारी गुड़िया को देख भी नहीं और अपनी नयी खिलोने से खेलते रही दिनभर। अब शाम होते-होते नीता को अपनी पुरानी गुड़िया “गुड्डी” की याद आई। वह उसे ढूँढने लगी, पर गुड्डी गायब थी! उसने अपनी प्यारी गुड़िया को हर जगह खोजा लेकिन वह उसे नहीं मिली। अब नीता को इस बात से काफ़ी बुरा लगा।

तभी उसकी नज़र कूड़े के डिब्बे पर पड़ी। गुड्डी वहाँ पड़ी थी, फटी और गंदी। नीता ने प्यार से उसे उठाया, आँसू उसके गालों पर बह रहे थे। उस रात नीता गुड्डी से लिपट कर सोई, और साथ में उसने गुड़िया से ये वादा भी किया की वो कभी भी उसे दूसरे खिलोने के लिए नहीं पूछेगी। इसके देखकर, उसकी माँ ने नई गुड़िया वापस कर दी।

क्योंकि कभी-कभी हम नयी के ख़ुशी में पुराने चीजों को भूल जाते हैं।

Emotional Stories पढ़ने का क्या फायेदा है?

Emotional stories पढ़ने से हमारी सोच और दिल की भावना को समझने में मदद मिलती हैं। ये हमें हिम्मत भी देती है और रिश्ते निभाने का महत्व सिखाती हैं।

कौन सी चीज़ Emotional Stories को आकर्षक बनाती है?

लोगों का अपने तकलीफ़ों से डटकर मुक़ाबला करना, चीजों को सही तरीक़े से handle करना इत्यादि emotional stories को आकर्षक बनाती है। हमें ये पढ़ने पर अपनी तकलीफ़ें काफ़ी छोटी प्रतीत होती है।

Emotional Stories कहाँ से पढ़े?

आप Internet या किसी किताब से emotional stories पढ़ सकते हैं। जहां Internet में आपको ये free में उपलब्ध मिलेंगी वहीं किताबें आपको ख़रीदना पड़ेगा या किसी library से issue कर भी पढ़ सकते हैं।

आज क्या नया जानने को मिला?

उम्मीद हैं की आपको Emotional Story in Hindi Copyright Free पसंद आयी होंगी। इन में से कई सारे stories आप अपने ज़िंदगी से भी relate कर पाए होंगे। Emotional stories हमें हमेशा ज़िंदगी जीने का सही तरीक़ा सिखाते हैं। वहीं ये रिश्तों को निभाने के बारे में भी बताते हैं।

चाहे कितना भी मुश्किल वक्त क्यूँ न हो, परिवार और दोस्तों का साथ निभाना भी बहुत ज़रूरी होता है। यही तो ज़िंदगी का असली मज़ा है, रिश्ते निभाना और एक दूसरे की समय आने पर मदद करना।

उम्मीद करते हैं की आपको भी हमारे इन Emotional Short Story in Hindi Copyright Free से प्रेरणा मिली होंगी। आप ज़रूर से इसे अपने उन दोस्तों के साथ share करें जिन्हें की ऐसी कहानियाँ सुनने की ख़ास ज़रूरत है। ऐसी ही कहानियों के लिए हमारे साथ जुड़े रहें।

Leave a Comment

Comments (6)

  1. चाहे कितना भी मुश्किल वक्त क्यूँ न हो, परिवार और दोस्तों का साथ निभाना भी बहुत ज़रूरी होता है। यही तो ज़िंदगी का असली मज़ा है, रिश्ते निभाना और एक दूसरे की समय आने पर मदद करना।

    Reply