पहले ज़माने (सन 1980) के personal computer जो market में उपलब्ध थे वो मुख्य रूप से Apple और IBM computers ही थे.
जहाँ Apple की systems एक proprietary operating system इस्तमाल करती थी जिन्ह की develop किया गया था Apple के द्वारा ही, वहीँ IBM machines primarily run करती थी PC-DOS में.
जैसे जैसे personal computers की डिमांड बढती चली गयी, IBM ने ये निर्धारित किया वो अब DOS operating system इस्तमाल करने के लिए licence प्रदान करेंगे दुसरे manufacturers के लिए. ये companies ने personal computers बनाना चालू किया जिन्हें की PC clones भी कहा जाने लगा या IBM compatibles.
जैसे जैसे दुसरे manufacturers भी PCs बनाना चालू किया, वैसे वैसे supply बढ़ने लगी और उनकी कीमत कम होने लगी. इससे हुआ ये की ज्यादा लोग अब PCs afford कर सकते थे और वहीँ IBM compatibles की sale कई गुना बढ़ गयी. जिससे ये पुरे personal computer market को dominate करने लगे.
वहीँ धीरे शिरे नए manufacturers की PC sales ने IBM की direct selling को कम कर दिया. वहीँ Apple Macintosh ने काफी बड़ा market share अक्तियार कर लिया था अपने लिए जब से उन्होंने सन 1984 से खुद के products की शुरुवात की. लेकिन low cost और wide availability के होने के कारण IBM compatibles की sales में ज्यादा बदलाव नहीं आया.
वहीँ फिर जब Microsoft ने Windows 95 को launch किया तब से धीरे धीरे IBM Compatibles की चाहत कम होने लग गयी. वहीँ ये शब्द “IBM compatible” धीरे धीरे outdated होने लगा. अब Modern PC को, “Windows computer” कहा जाता है.
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