Machine language या machine code, एक low-level language होता है जो की बना हुआ होता है binary digits (यानि ones और zeros). High-level languages, जैसे की Swift और C++ को जरुर से compile किया जाना चाहिए machine language में वो भी code को computer में run करने से पहले.
चूँकि computers digital devices होते हैं, इसलिए वो आसानी से पहचान कर सकते हैं binary data को. प्रत्येक program, video, image, और character of text को represent किया जाता है binary में. इसमें binary data, या machine code, को process किया जाता है input के तोर पर CPU के द्वारा. वहीँ resulting output को भेजा जाता है operating system या एक application को, जो की उस data को display करती है visually.
उदाहरण के लिए, Letter “A” का ASCII value होता है 01000001 machine code में, लेकिन यह data को display किया जाता है “A” के रूप में Screen पर. वहीँ एक image में लाखों करोड़ों की binary values होती है जो की ये निर्धारित करती है प्रत्येक pixel का color क्या हो.
वैसे तो machine code बना हुआ होता है 1s और 0s से, ऐसे में अलग अलग processor architectures अलग अलग machine code का इस्तमाल करते हैं. उदाहरण के लिए, एक PowerPC processor, जिसमें की एक a RISC architecture होता है, वहीँ इसमें दुसरे प्रकार की code की जरुरत होती है एक Intel x86 processor की तुलना में, जिसमें की एक CISC architecture की जरुरत होती है. एक compiler जरुर से compile करती है high-level source code को वो भी correct processor architecture से जिससे की एक program सही रूप से run हो सके.
Machine Language vs Assembly Language
Machine language और assembly language दोनों ही low-level languages होती है, लेकिन machine code नीचे होती है assembly से वो भी computer languages की hierarchy में. Assembly language में शामिल होते हैं human-readable commands, जैसे की mov, add, और sub, वहीँ machine language में किसी भी प्रकार का कोई words या letters नहीं होते हैं.
कुछ developers manually लिखते हैं assembly language को जिससे की वो optimize करते हैं एक program को, लेकिन वो machine code नहीं लिखते हैं. केवल उन developers को machine language के विषय में चिंता करनी होती है जो की software compilers के लिए Code लिखते हैं.
[su_note note_color=”#fff5de” text_color=”#000000″]वैसे तो machine code technically बनी हुई होती है binary data से, वहीँ इसे represent किया जाता है hexadecimal values में. उदाहरण के लिये, letter “Z,” जो की 01011010 होती है binary में, वहीँ इसे display किया जाता है 5A के रूप में hexadecimal code पर.[/su_note]