Parallel port असल में एक external interface होता है जो की साधारण रूप से पुराने PCs में पाए जाते हैं जो की early 1980s से early 2000s के दौरान इस्तमाल हुआ करते थे. इसका इस्तमाल connect करने के लिए होता था peripheral devices जैसे की printers और external storage devices के साथ. वहीँ बाद में इसके स्थान में USB का इस्तमाल होने लगा, जो की प्रदान करता है smaller connection और वहीँ इसमें आपको significantly faster data transfer rates भी प्राप्त होता है.
वैसे देखा जाये तो ये parallel port एक hallmark होता है पुराने computer technology की — जो की Size में तो काफ़ी बड़े होते थे और वहीँ इनकी Speed Slow होती थी. एक standard parallel port connector में दो rows की कुल 25 pins होती हैं जो की घिरी हुई होती हैं एक metal casing के द्वारा. ये महज एक inch मोटी होती है और इसमें दो screw-in connectors होते हैं जो की cable को एक ही जगह में टिकने में मदद करते हैं.
Parallel port cables जो की इस्तमाल होते हैं printing के लिए, उनमें एक बहुत ही बड़ी 36-pin “Centronics 36” connector भी होता है जो की connect होता है एक printer के साथ. Original parallel port standard की बात करें तब ये unidirectional हुआ करता था और ये data को transmit लगभग maximum speed 150 kbps में कर पाता था.
जैसे जैसे printers ज्यादा advanced होने लगे, ये जरुरी हो गया की connection की speed को बढाया जाये और साथ में bidirectional communication प्रदान किया जाये. एक PC send करें एक “Print” Command के जगह में और ये उम्मीद करें की print job सफल हो जायेगा, वहीँ bidirectional capability allow करती हैं printers को messages back send करने के लिए PC को, जैसे की “ready,” “printing,” और “complete.” Faster transmission speeds enable करती है parallel port को की उन्हें इस्तमाल किया जा सके दुसरे कार्यों के लिए, जैसे की एक external storage devices उदाहरण के लिए ये Iomega Zip drive.
IEEE 1284
इस parallel port को बाद में standardize कर दिया गया IEEE के द्वारा वो भी “IEEE 1284” के रूप में. यह standard ने define किये काफ़ी सारे नए versions की parallel port, जिनमें शामिल हैं Enhanced Parallel Port (EPP) और Extended Capability Port (ECP). इसमें EPP transmit कर सकता था data को up to 16 Mbps (2 MB/s). वहीँ ECP की data transfer rates होती है करीब 20 Mbps से 2.5 MB/s वो भी via एक ISA bus के.
ये बात शायद आप लोगों को पता हो की, USB की पहली version उतनी ज्यादा faster नहीं थी एक parallel port के मुकाबले, वहीँ इसमें काफ़ी सारे दुसरे improvements जरुर देखने को मिलते थे जैसे की एक smaller connector और इस बात की ability की जिससे वो electrical voltage को भेज सकें, जिससे एक external device को power मिल सकें.
ये hot-swappable भी हुआ करता था, मतलब की एक USB device को safely connect या disconnect किया जा सकता है जब एक computer run कर रहा होता है. ऐसे तो एक peripheral को Connect करना या disconnect करना वो भी via एक IEEE 1284 connection से, इससे device या वो PC ख़राब हो सकता है. लेकिन जब से USB 2.0 को introduce किया गया, जो की प्रदान करता था data transfer rates वो भी करीब 480 Mbps की, तब इससे parallel port का इस्तमाल पूरी तरह से ख़त्म होने लग गया और इसके साथ ही IEEE 1284 standard भी computer के इतिहास में कहीं खो सी गयी.