क्या आप जानते हैं की दिवाली क्यों और कैसे मनाते है, वो भी सही तरीके से। यदि आप ये जानना चाहते हैं तब आपको यह article Diwali कैसे मनाये जरुर से पढ़ना चाहिए. सबसे बड़ा और सबसे आकर्षक पर्व है। इस पर्व को हिन्दू, मुस्लिम, सिख, इसाई हर कोई मनाता है, यहाँ धर्म की कोई पाबन्दी नहीं होती। दिवाली रोशनी और खुशियों का त्योहार है इसलिए इस त्योहार को बच्चे, बूढ़े, बड़े सब मिलकर मनाते हैं।
इस दिन माँ लक्ष्मी की पूजा की जाती है, इसलिए सभी लोग अपने घर को अच्छे से साफ़ कर दुल्हन की तरह सजाते हैं और घर के अन्दर बाहार हर जगहों को दीपों से सजा देते हैं। दिवाली दशहरा के 20 दिन बाद मनाया जाता है और ये दिन बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतिक होता है. और इसलिए दिवली में ढेरों पटाखे भी फोड़े जाते हैं।
घर में विभिन्न प्रकार की मिठाइयाँ बनायीं जाती है। घर के सभी लोग नए नए कपडे पेहेनते हैं और अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को तोफे भेंट करते हैं। दिवाली की रात अमावस्या की रात होती है इसलिए इस रात को सभी लोग अपने घर के बाहार दिप जलाते हैं ताकि उस दिप की रौशनी से पूरी दुनिया में प्रकाश फैले और अंधकार मिट जाये।
दिवाली एक महत्वपूर्ण त्योहार है जिसे विनम्रता से मनाया जाता है लेकिन आज कल सभी लोग इस दिन को बहुत ही गलत तरीके से मनाते हैं और हर तरफ गन्दगी फैलाते हैं जिससे हमारे वातावरण पूरी तरह से प्रदूषित हो जाता है. इसलिए आज इस लेख से हम ये जानेगे की दिपावली को अच्छे और सही तरीके से कैसे मनाये – Diwali kaise manaye?
दीपावली क्यों मनाते हैं – Diwali Kyu Manate Hai in Hindi
चलिए जानते हैं दीपावली क्यों मनाते हैं? ये कहावत कितना दूर सच है ये तो पता नहीं, पर कहा जाता है जब राजा दशरथ के पुत्र प्रभु श्रीराम ने दूस्ट रावन को मार कर माता सीता को उसके चुंगल से छुड़ाया और १४ साल बाद बनवास से लौटे, तब अयोध्या के निबासी उन्हें देख कर बहुत आनंदित हो गए थे।
उनके आने के ख़ुशी में सारा राज्य में दिये जलाये गए. इसीलिए हर साल कार्तिक अमाबास्या को दिपाबली मनाया जाता है और इसे आलोक का त्यौहार भी कहा जाता है।
दिवाली सही तरीके से कैसे मनाये?
आपने तो जान ही लिया होगा के दिवाली क्यों मनाया जाता है. चलिए जान लेते है के दिवाली कैसे मनाये. आपको लग रहा होगा के ये तो सबको पता है के दिपाबली कैसे मनाते है पर में आपको सही तरीके से कैसे मनाते है वो बताउंगी. जिससे आप एक खुशाल और सुरक्षित दीपावली का आनंद उठा सके।
1#. दिवाली मानाने के लिए अपने घर को अच्छे से साफ़ करें, घर की गन्दगी को हटाये और कूड़ेदान में ही कचरा फेकें न की रोड पर या जमीन पर डालें. घर को साफ़ करने के बाद हम अपने घर को सजाते हैं, बहुत से लोग दिये का इस्तेमाल करते हैं और बहुत से लोग मोमबत्ती का इस्तेमाल करते हैं. लेकिन दिवाली में अगर अपने घर को रोशन करना है तो दिये का इस्तेमाल करना ही सही तरीका है।
मोमबत्ती को बनाते वक़्त उसमे हानिकारक चीजों का उपयोग होता है और जो रंग बिरंगे मोमबत्ती होती है वो तो ज्यादा खतरनाक होती है क्यूंकि उसमे chemicals मिला हुआ होता है जिसके कारण जब भी मोम्बाती जलाई जाती है तो उससे जहर जैसी पदार्थ बाहार निकलकर आती है जो हमारे वायु को प्रदूषित करती है जो इन्सान, जानवर, पेड़ और वातावरण सभी के लिए हानिकारक होती है।
इसलिए दिवाली में मोमबत्ती का इस्तेमाल नहीं करना ही समझदारी का काम है. दिया तो इस भूमि की मिटटी से ही बनायीं गयी होती है तो उसके इस्तेमाल से हमारे वातावरण को कोई हनी नहीं होती।
2#. बहुत से घरों में आपने देखा होगा की लोग अपने घर के बाहार दिप जलाने के साथ साथ रंगोली भी बनाते हैं जो दिखने में बहुत ही खुबसूरत होते हैं और जिन्हें देख कर पता ही नहीं चलता की वो भी हमारे लिए हानिकारक हो सकते हैं. हम रंगोली में जो रंग भरते हैं वो रंग क्या natural होते हैं? नहीं होते, उन रंगों को हम कहाँ से लाते हैं?
बाज़ार से खरीद कर और बाज़ारों में जो रंग बिकते हैं वो बिलकुल भी natural नहीं होते बल्कि वो रंग chemicals के इस्तेमाल से बनाये गए होते हैं जो हमारे skin के लिए बहुत ही खतरनाक होते हैं क्यूंक हम रंगोली में रंग भरने के लिए अपने हाथों का इस्तेमाल करते हैं।
तो ऐसे में क्या करना चाहिये? अगर हम रंगोली में रंगों की जगह फुल का इस्तेमाल करें जैसे गुलाब, कमल, गेंदा फुल तो वो और भी खुबसूरत लगेगा और साथ ही साथ हमें उससे कोई भी हानी नहीं पहुचेगी. या फिर इसके अलावा हम chemicals रंगों के अलावा naturals रंगों का इस्तेमाल कर सकते हैं।
3#. घर के सभी बच्चे दिवाली का बड़े ही बेसब्री से इंतज़ार करते हैं क्यूंकि उस दिन उन्हें बहुत सारे पटाखे जलाने का अवसर मिलता है. बच्चों की खुसी को देख कर हम सबका मन भी प्रसन्न हो जाता है और उनकी पसंद के सारे छोटे बड़े पटाखें हम बाज़ार से खरीद कर ले आते हैं।
वो तो बच्चे हैं सही या गलत का फर्क उन्हें कहाँ मालूम रहता है लेकिन हम तो बड़े हैं उनकी सेहत का ख्याल रखने की जिम्मेदारी हमारी होती है।
पटाखों में भी तरह तरह के chemicals का इस्तेमाल कर बारूद बनाये जाते हैं और इन सभी छोटे बड़े पटाखों में डाले जाते हैं।
पटाखों के जलने के बाद जो उसमे से धुआं निकलता है वो हमारे आसपास के वातावरण में फ़ैल जाता है और जब भी हम सांस लेते हैं ये सभी चीजें जो हवे में तैर रही होती है वो सीधे हमारी सरीर के अन्दर जाती है और विभिन्न प्रकार की बिमारियों को पैदा करती है।
ये धुआं सिर्फ हमारे लिए ही ख़राब नहीं है बल्कि पौधे और जानवरों के लिए भी उतनी ही खतरनाक है. हमारी गलती की सजा उन्हें भी भुगतनी पड़ती है।
इसलिए दिवाली में पटाखें का इस्तेमाल ना करें ऐसा मै बिलकुल भी नहीं कह रही, मै बस यही कहना चाहती हूँ की छोटे छोटे पटाखों का इस्तेमाल करें जैसे अनार, चाकरी, झिरझिरी, इन सभी पटाखों से भी प्रदुषण होता है लेकिन बड़े बड़े पटाखों की मात्रा में कम होता है जो की छोटे पटाखों से ज्यादा खतरनाक साबित होते हैं।
बड़े पटाखों से बच्चो को दूर रखें और बड़े लोग भी जो इन पटाखों का इस्तेमाल करते हैं वो भी इनसे सावधानी बरतें क्यूंकि इन पटाखों से आपके शरीर पर चोट लगने के ज्यादा आसार होते हैं।
4#. अपने ये भी देखा होगा की पटाखे जल जाने के बाद लोग रास्ते पर ही उन पटाखों के छिलकों को छोड़ देते हैं जिससे अगले दिन आप घर के बाहार देखें तो चारो और गन्दगी सी फैली रहती है. गन्दगी सभी मिलकर करते हैं लेकिन उन्हें साफ़ करने कोई आगे नहीं आता. इन गंदगियों को कौन साफ़ करेगा?
हमे ही साफ़ करना होगा, जब हम अपने घर के अन्दर गन्दगी नहीं देख सकते तो घर के बहार क्यूँ देखकर छोड़ देते हैं? ये धरती भी तो हमारी माँ है तो उसे साफ़ सुथरा रखना भी हमारा ही कर्तव्य है।
ये थे सुरक्षित दिपावली से जुड़े कुछ जानकारी. अपने कर्तव्यों से पीछे मत हटिये और इस दिवाली को पिछले दिवाली से बहुत ख़ास और बेहतर बनाइये. ऊपर बताये हुए बातों का ध्यान रखे और अपने आस पास के लोगों को सही तरीके से दिवाली मानाने का सिख दें।
दिवाली के दिन किस देवी की पूजा की जाती है?
दिवाली के दिन देवी लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है।
आज आपने क्या सीखा
मुझे आशा है की मैंने आप लोगों को Diwali कैसे मनाये? के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करती हूँ आप लोगों को दिवाली क्यों और कैसे मनाते है के बारे में समझ आ गया होगा।
यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं. आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा।
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Very good info
bhut acha h diwali ke upr artical mam
Thanks Sanjana ji.
दीपावली का त्योहार सभी धर्मों के लोग नहीं मनाते, लक्ष्मी पूजन भी सभी धर्म के लोग नहीं करते।।
वातावरण और स्वास्थ्य संबंधित बातें जो आपने बताया बहुत ही अच्छी है ।
आपके लिए दीपावली की बहुत-बहुत मंगल कामनाएं
धन्यवाद् Kapil जी, आपको भी दीपावली की सुभकामनायें.
Badhiya post hai Diwali par
nice article and thanks for that types of content sharing 1
nice sbhina ji
Deepawali also provides information to the people and spread that information to the whole world. Thank you
Happy dipawali madamji
happy diwali sir ji
es chat me jo he sahi he
sabina ji itna achha gyan dene ke thank’s
Same to you Sabina g
Reply
Thanks 🙂
दिवाली पर बहुत ही उपयोगी post लिखी है आपने | Wishing You And readers of hindime.net A Happy Diwali in advance
धन्याबाद बबिता, आपको भी सुभ दीपाबली
Nice Information Bahut Achhi Baat Hai Aajkal Har Dharam Mai Har Tyohar Manaya Jata Hai. Isse Sab Mai Relation Achha Create Hota Hai
Tyohar ek aisa chiz hai jo sab ko kareeb laata hai.
hi sabina ji mujhe jara batalaiyega ki https achha rahega ki only http achha rahega
Https aisa kuch jaruri nahi hai.
Par aap security keliye ise use kar sakte hai.