महिला दिवस क्यों मनाया जाता है? इतिहास और महत्व

संक्षेप में

  • अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक सहित जीवन के विभिन्न पहलुओं में महिलाओं की उपलब्धियों का एक वैश्विक उत्सव है।
  • महिला दिवस में महिलाओं को उचित स्थान प्रदान करने के लिए आह्वान के रूप में भी कार्य करता है।
  • यह दिवस प्रतिवर्ष 8 मार्च को मनाया जाता है।

आज महिलाएं जीवन के हर क्षेत्र में कामयाबी हासिल कर रही हैं, फिर चाहे वह Sports हो या फिर टेक्नोलॉजी! जीवन के हर क्षेत्र में महिलाओं की उपलब्धियों के लिए उन्हें सम्मान दिया जा रहा है, तथा हर साल विश्व भर में 8 मार्च को विश्व महिला दिवस के मनाया जाता है।

चूंकि किसी भी देश के विकास में नारी का विशेष योगदान होता है, इसलिए आज के इस पोस्ट में हम अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस क्यों मनाया जाता है के विषय पर ही जानेंगे! तो चलिए आज की इस पोस्ट को शुरू करते हैं और जानते हैं की आखिर क्या है ये अंतराष्ट्रिय महिला दिवस कैसे मनाया जाता है।

अंतराष्ट्रीय महिला दिवस क्या है?

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस (8 मार्च) महिलाओं की सामाजिक, आर्थिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों का जश्न मनाने वाला एक वैश्विक दिवस है। यह दिन लैंगिक समानता में तेजी लाने के लिए कार्रवाई का भी संकेत है।

mahila diwas kyu manaya jata hai

वास्तव में अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को समाज में सम्मान प्राप्त करना, आत्मनिर्भर बनना तथा उन्हें सूचित करना की वे अपने अधिकारों का उपयोग करें तथा समाज में प्रतिष्ठित नारी का जीवन व्यतीत कर सकें।

इसी उपलक्ष में पूरे विश्व में 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में मनाया जाता है. इस दिन विश्व की सभी महिलाएं जात-पात, राजनीतिक एवं सांस्कृतिक भेदभाव के बगैर खुशी से इस दिन को मनाते हैं।

असल में यह दिवस महिलाओं को उनके आर्थिक सामाजिक एवं राजनीतिक शक्ति का एहसास दिलाता है जो कि वर्तमान समय में सभी लोकतांत्रिक देश में महिलाओं को प्राप्त हैं।

त्योहारअंतराष्ट्रीय महिला दिवस
तारीख8 मार्च, 2024
दिनशुक्रवार
अन्य नामअंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस, IWD
धर्मसार्वभौमिक
आवृत्तिवार्षिक
आराध्यमहिलाएं
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अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का इतिहास क्या है?

विश्व महिला दिवस को मनाने का यह इतिहास काफी पुराना है. विश्व में पहली बार 28 फरवरी सन 1909 में सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया गया था।

इतिहास में 28 फरवरी के दिन ही पहला महिला दिवस मनाने का मुख्य कारण एक आंदोलन था. जिसकी नींव एक मजदूर आंदोलन से बनी जब 1909 में अमेरिका के न्यूयॉर्क शहर में महिलाओं द्वारा नौकरी में कम घण्टो (hours) की माँग तथा वेतन अधिक बढ़ाने की इच्छा जाहिर की।

इसके साथ-साथ इस आंदोलन में महिलाओं के मताधिकार (vote) को लेकर भी महिलाओं ने अपनी आवाज उठाई दी. क्योंकि उस समय काफी कम ऐसे देश है जहां महिलाओं को वोट देने का अधिकार दिया गया था।

जिसके बाद वर्ष 1910 में 28 फरवरी को ही ठीक 1 साल बाद अमेरिकन सोशलिस्ट पार्टी ने इस दिन को विश्व के प्रथम महिला दिवस के रूप में घोषित किया.

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने का विचार कब और किसके पास आया?

आपको बता दें महिला दिवस को मनाने का विचार क्लारा जेटकिन नामक महिला के पास था! क्लारा एक जर्मन मार्क्सवादी, चिंतक, कार्यकर्ता होने के साथ-साथ उन्होंने जीवन मे महिलाओं के अधिकारों की वकालत की।

उन्होंने पहली बार औरतों के लिए अंतरराष्ट्रीय कांफ्रेंस आयोजित करने का किया जिसका उद्देश्य विश्व भर में महिलाओं को संगठित एवं उनके अधिकारों की लिए उन्हें जागरूक करना था. इस कॉन्फ्रेंस में 17 देशों की 100 महिलाएं मौजूद थी. इन सभी महिलाओं ने क्लारा जेटकिन की इस विचारधारा से सहमति प्रकट की।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कब से 8 मार्च को मनाया जाता है?

आपको बता दें कि 1910 में पहली बार अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस को मनाने के बाद पहली बार महिला दिवस की आधिकारिक स्वीकृति वर्ष 1975 में संयुक्त राष्ट्र संघ द्वारा दी गई।

जब संयुक्त राष्ट्रीय संघ द्वारा महिला दिवस को एक Theme के रूप में मनाना शुरू किया! आपको बता दें इस पहली महिला दिवस Theme का नाम Celebrate in the past, Planning For the Future” रखा गया! और इस प्रकार प्रत्येक वर्ष 8 मार्च को विश्व भर में महिला दिवस को मनाया जाता है।

आपको बता दें कि इस वर्ष 2024 महिला दिवस की थीम Inspire Inclusion (एक ऐसी दुनिया,जहां हर किसी को बराबर का हक और सम्मान मिले) है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस किन रंगों को दर्शाता है?

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर, बैंगनी रंग महिलाओं के प्रतीक के लिए एक रंग है. ऐतिहासिक रूप से 1908 में ब्रिटेन में महिला सामाजिक और राजनीतिक संघ से उत्पन्न महिलाओं की समानता का प्रतीक बैंगनी, हरा और सफेद का संयोजन को माना जाता है।

जहाँ बैंगनी रंग न्याय और गरिमा का प्रतीक है. वहीँ हरा रंग आशा का प्रतीक है. अगर सफ़ेद रंग की बात करें तब ये शुद्धता का प्रतिनिधित्व करता है, लेकिन ‘पवित्रता’ एक विवादास्पद अवधारणा होने के कारण अब इसे और उपयोग नहीं किया जाता है।

8 मार्च को ही क्यों महिला दिवस मनाया जाता है?

8 मार्च को महिला दिवस के रूप में मनाया जाने के पीछे कुछ कारण मेह्जुद है. दरअसल इसके पीछे भी एक रोचक तथ्य आज जिसके बारे में हम जानते हैं, आपको बता दें जब क्लारा जेटकिन ने महिला दिवस को मनाने का यह विचार प्रस्तुत किया था तो उस समय उन्होंने इसकी कोई Fix Date निर्धारित नहीं की थी!

लेकिन जब 1917 में रूस के निरंकुश शासक जार को अपनी सत्ता खोनी पड़ी उस समय रूस की महिलाओं ने रोटी एवं कपड़ा की कमी को देखते हुए हड़ताल पर जाने का फैसला लिया।

और इस महिला आंदोलन के बाद जब जार के शासन के अंत हो चुका था तो नई सरकार ने महिलाओं को रूस में वोट देने का अधिकार भी दे दिया।

अतः अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस को 8 मार्च को मनाने का जो मजेदार कारण “कैलेंडर” है! जी हाँ क्योंकि उस समय रूस में जूलियन कैलेंडर चलता था जबकि पूरी दुनिया ग्रेगोरियन कैलेंडर का पालन करती थी जिस वजह से इन दोनों की तारीखों में ऊपर-नीचे अंतर होता था ।

रूस के जूलियन कैलेंडर के मुताबिक वर्ष 1917 के फरवरी का आखरी रविवार (sunday) 23 तारीख को होता था! लेकिन ग्रेगोरियन कैलेंडर के अनुसार यह तिथि 8 मार्च थी तो चूँकि वर्तमान समय में पूरी दुनिया में ग्रेगोरियन कैलेंडर का पालन होता है, इसलिए 8 मार्च को ही पूरी दुनिया में महिला दिवस के मनाया जाता है

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस कैसे मनाया जाता है?

दोस्तों विश्व भर में महिला दिवस को मनाने का तरीका एवं अंदाज अलग अलग है क्योंकि आज भी अमेरिका न्यूजीलैंड जैसे विकसित देशों में महिला दिवस को बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है।

यह दिन महिलाओं को समर्पित किया जाता है जिसमें महिलाओं को सम्मान हेतु फूल दिए जाते हैं, या इस दिन कामकाजी महिलाओं को काम से जल्दी छुट्टी दी जाती है! तथा इसके अलावा पूरे देश में अपने अंदाज में महिलाएं इस दिन को खुशी से मनाया करती है।

हालाँकि भारत जैसे विकासशील देशों में अभी भी काफी कम संख्या में महिलाओं को अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के विषय पर जानकारी है! लेकिन समय के साथ विकासशील देशों में भी महिलाओं के शिक्षित एवं जागरूक होने की वजह से यहाँ भी महिला दिवस मनाने का दौर शुरू हो चुका है।

अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देश्य क्या है ?

अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस का मुख्य उद्देश्य है महिलाओं को हमारे जीवन और समाज में अपना योगदान प्रदान करने के प्रति प्यार और आभार व्यक्त करना.

यह उन महिलाओं की शक्ति और संघर्ष का सम्मान करता है जिन्होंने सभी बाधाओं को तोड़ दिया है और जीवन के हर क्षेत्र में सफलता के शिखर पर पहुंच गए हैं।

अन्तराष्ट्रीय महिला दिवस का उद्देश्य ये भी है की महिलाओं और पुरुषों के बीच में समानता का स्थर बनाये रखना. इससे इन दोनों ही गुटों के बीच के फासले को कम किया जाता है. वहीँ ऐसे दिवस से महिलाओं को आगे बढ़ने का होसला भी प्राप्त होता है।

आज, दुनिया भर में महिलाएं राजनीति, शिक्षा, सामाजिक कार्य, कॉर्पोरेट, खेल, आईटी, अनुसंधान और विकास, नवाचार और विविध क्षेत्रों में सक्रिय रूप से भाग लेती हैं और अपने पैरों के निशान छोड़ गई हैं।

महिला दिवस को मनाने का मुख्य उद्देश्य कौन है?

इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य महिलाओं के अधिकारों को बढावा देना है। इसके अलावा महिला दिवस महिलाओं को सम्मान देने और उन्हें स्पेशल फील करवाने के लिए भी मनाया जाता है।

महिला दिवस के संस्थापक कौन है?

सोशलिस्ट पार्टी ऑफ अमेरिका द्वारा कार्यकर्ता थेरेसा मल्कील के सुझाव पर न्यूयॉर्क शहर में 28 फरवरी, 1909 को “राष्ट्रीय महिला दिवस” ​​​​कहा जाने वाला सबसे पहला महिला दिवस समारोह आयोजित किया गया था।

आज आपने क्या सीखा

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख महिला दिवस क्यों मानते हैं जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को महिला दिवस क्यों मनाया जाता है के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है।

इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं।

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Sumit Singh

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Comments (4)

  1. सर क्या मैं आपकी साइट पर Guest Post लिख सकता हूं?
    Please sir..

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  2. महिलाओं का जीवन में बहुत महत्वपूर्ण भागीदारी है जैसे माँ, पत्नी के रूप में.

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