गुड फ्राइडे क्यों मनाया जाता है और इसका इतिहास

क्या आप जानते हैं की Good Friday Kyu Manaya Jata Hai? ईसाइयों के पवित्र ग्रंथ बाइबल के मुताबिक, लगभग 6 घंटे तक ईसा मसीह को किलों से ठोका गया और लटकाया गया था। उसी दौरान आखिर के 3 घंटे पूरे राज्य में अंधेरा छा गया और यीशु मसीह के प्राण त्यागने के बाद कब्र टूटने लगी और ज़लज़ला आ गया। इसी कारण गुड फ्राइडे मनाया जाने लगा।

यदि नहीं तब आज का यह article आपके लिए काफी informational होने वाला है। गुड फ्राइडे त्यौहार ईसाई धर्म के लोगों के द्वारा मनाया जाने वाला त्यौहार है। इस त्यौहार को ईसाई धर्म के लोग शौक के तौर पर मानते हैं। इस दिन प्रभु ईसामसीह (ईसाई धर्म के संस्थाप) को बहुत सी शारीरिक यातनाएं देने के बाद सूली में चढ़ा दिया गया था। बाइबिल के अनुसार यह वर्तमान से लगभग 2000 वर्ष पूर्व की बात मानी जाती है।

प्रभु ईसामसीह को यीशु, ईशु, ईशा एवं ईश्वर आदि नामों से भी संबोधित किया जाता है। प्रभु यीशु को स्वयं परमपिता परमेश्वर का पुत्र माना जाता है और ये पतन हुए लोगों को पाप और मृत्यु से बचाने के लिए मनुष्य देह धारण करके आये थे। इनका उद्देश्य पापी लोगों को खत्म करना न होकर उनके अंदर से पापों को खत्म करना था।

इसलिए मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को गुड फ्राइडे क्यों मनाते है और उससे सबंधित सभी जानकारी details में प्रदान करूँ। तो फिर चलिए शुरू करते हैं।

गुड फ्राइडे क्या है – What is Good Friday in Hindi

गुड फ्राइडे एक ईसाई पर्व है जो यीशु के क्रूस पर चढ़ने और कलवारी में उनकी मृत्यु की याद में मनाया जाता है। गुड फ्राइडे एक पर्व है जिसे शौक के रूप में मनाया जाता है। यह पर्व ईसाई धर्म के अनुयायियों के द्वारा हर वर्ष मनाया जाता है।

Good Friday Kyu Manaya Jata Hai Hindi

सभी धर्मों के मुकाबले ईसाई धर्म के अनुयायी पूरी दुनिया में सबसे ज्यादा हैं। यह पर्व उन सभी देशों में मनाया जाता है जहाँ पर ईसाई धर्म के अनुयायी निवास करते हैं। यह पर्व भारत देश में भी मनाया जाता है।

माना जाता है कि इस दिन ईसामसीह ने अमानवीय यातनाएं सहते हुए अपने प्राण त्याग दिए थे. ईसामसीह नें धरती पर बढ़ रहे अत्याचार और पाप को खत्म करने के लिए जन्म लिया था और इसके लिए उन्होंने अपना बलिदान तक दे दिया इसीलिए गुड फ्राइडे को हॉली डे, ब्लैक डे और ग्रेट फ्राइडे के नाम से भी जाना जाता है।

गुड फ्राइडे का महत्व

गुड फ्राइडे का महत्व ईसाई धर्म के अनुयायिओं के लिए बहुत ज्यादा है। ईसाई धर्म के अनुयायी इस दिन प्रभु ईसामसीह के बलिदान के लिए कृतज्ञता व्यक्त करते हैं। कुछ ईसाई धर्म के लोग प्रभु ईसामसीह के लिए व्रत रखकर प्रार्थना करते हैं तो कुछ सिर्फ प्रार्थना करते हैं। यह दिन प्रभु यीशु के उपदेशों, वचनों और शिक्षाओं को याद कर उन्हें अपने जीवन में अमल लाने के लिए प्रेरित होने का दिन माना जाता है।

प्रभु ईसामसीह नें क्रूस पर लटके हुए जो शब्द बोले थे उन्हें प्रभु यीशु की क्षमशक्ति की मिशाल माना जाता है। प्रभु ईसामसीह ने क्रूस पर लटके हुए जोस शब्द कहे थे वो ये हैं – ‘हे ईश्वर इन्हें क्षमा करें, क्योंकि ये नहीं जानते कि ये क्या कर रहे हैं’।

गुड फ्राइडे के दुसरे नाम क्या हैं?

देखा जाये तो गुड फ्राइडे के बहुत से अलग अलग नाम हैं। गुड फ्राइडे को होली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे और ग्रेट फ्राइडे भी कहा जाता है।

यह त्यौहार ईसाई धर्म के लोगों द्वारा कैलवरी में ईसा मसीह को सलीब पर चढ़ाने के कारण हुई मृत्यु के उपलक्ष्य में मनाया है। यह त्यौहार पवित्र सप्ताह के दौरान मनाया जाता है।

गुड फ्राइडे क्यों मनाया जाता है?

ईसाई धर्म के प्रवर्तक ईसा मसीह (जीसस क्राइस्ट) का जन्म रोमन साम्राज्य के गैलिली प्रान्त के नजरथ में हुआ था। ईसामसीह युवावस्था में आने पर लोगों को शांति, मानवता, भाईचारा, धर्म, आस्था एवं एकता आदि का उपदेश देने लगे। प्रभु ईसामसीह की लोकप्रियता धीरे धीरे बढ़ती गयी।

वे खुद को परमपिता परमेश्वर का पुत्र बताते थे और धर्मस्थापना की बात करते थे। ईसामसीह अंधविश्वास फैलाने वाले धर्मगुरुओं को मनुष्य का शत्रु बताया।

सारे धर्मगुरु ईसामसीह के उपदेश से परेशान थे तो सभी ने मिलकर रोम के शासक पिलातुस को इसकी शिकायत की कि स्वयं को ईश्वर का पुत्र बताना पाप है। पिलातुस ने प्रभु ईसामसीह पर राज्य और धर्म की अवमानना का आरोप लगाते हुए क्रूस में लटकाकर मृत्यु दंड देने का आदेश कर दिया। जिस दिन ईसामसीह को क्रूस पर लटकाया गया था हर वर्ष उसी दिन गुड फ्राइडे मनाया जाता है।

गुड फ्राइडे कैसे मनाया जाता है?

कुछ लोग इस दिन व्रत रखते हैं तो कुछ लोग इस दिन से लेकर 40 दिन तक व्रत रखते हैं। इस दिन को और पूरे हफ्ते को शुभ माना जाता है लेकिन किसी प्रकार का सेलिब्रेशन नहीं किया जाता क्योंकि यह शौक का दिन माना जाता है। इस दिन लोग चर्च में इकट्ठे होकर प्रार्थना करते हैं।

कई देशों में इस दिन गर्म मीठी रोटी खाई जाती है जिसे प्रभु की रोटी माना जाता है। बरमूडा देश में हस्तनिर्मित पतंग उड़ाई जाती है और पतंग में लकड़ी से उस क्रूस का डिज़ाइन दिया जाता है जिसमें प्रभु ईसामसीह को लटकाकर मृत्यु दंड दिया गया था। पतंग का आसमान में उड़ना स्वर्ग के लिए उनके उदगम का प्रतीक माना जाता है।

गुड फ्राइडे कब मनाया जाता है?

गुड फ्राइडे (Good Friday) ईसाई धर्म के पवित्र सप्ताह में ईस्टर (Easter) से पहले आने वाले शुक्रवार (Friday) को मनाया जाता है जिसकी दिनांक 7 अप्रैल 2023 है।

प्रभु ईसामसीह को अमानवीय शारीरिक यातनाएं देते हुए क्रूस में लटकाकर मार दिया गया था। जिस दिन इन्हें मार गया था उस दिन को ही हर वर्ष गुड फ्राइडे मनाया जाता है। जिस दिन प्रभु ईसामसीह को क्रूस में लटकाकर मृत्यु दंड दिया गया था उस दिन फ्राइडे (शुक्रवार) था इसीलिए हर वर्ष फ्राइडे के दिन ही इस पर्व को मनाया जाता है और इसीलिए इस पर्व का नाम “गुड फ्राइडे” है।

गुड फ्राइडे हर वर्ष ईस्टर संडे के पहले फ्राइडे को मनाया जाता है। ईस्टर वह पूर्ण चंद्रमा है जो 21 मार्च या उसके बाद आने वाले सबसे पहले रविवार को ही पड़ता है। माना जाता है कि प्रभु ईसामसीह मृत्यु के तीसरे दिन यानी संडे (रविवार) को जीवित हो गए थे। इस संडे (रविवार) को ही ईस्टर संडे कहा जाता है।

गुड फ्राइडे 2023 के तारीख व कैलेंडर

त्यौहार के नामदिनत्यौहार के तारीख
गुड फ्राइडे शुक्रवार 7 अप्रैल 2023

गुड फ्राइडे सुनामी क्या है?

सन 1964 में आई Alaskan earthquake को गुड फ्राइडे सुनामी भी कहा जाता है। वहीँ इसे बहुत से लोग Great Alaskan earthquake और गुड फ्राइडे earthquake के नाम से भी जानते हैं।

यह सुनामी March 27 1964, Good Friday के दिन शाम 5:36 PM AKST में घटित हुआ था। इस सुनामी से south-central Alaska को सबसे ज्यादा और सबसे बड़ी क्षति पहुंची थी। जिसमें बहुत से buildings, घर, स्कूल, कॉलेज सभी बर्बाद हो गए। वहीँ करीब 140 लोगों की मौत भी हो गयी।

ये भूकंप करीब चार मिनटों अड़तीस सेकंड्स तक हुआ, वहीँ इसकी magnitude करीब 9.2 थी। यह megathrust भूकंप पूरी अमेरिकन इतिहास का सबसे बड़ा भूकंप है। वहीँ ये दुनिया का दूसरा सबसे खतरनाक भूकंप है।

ईशु का अंतिम भोजन

ये माना जाता है की ईसा मसीह के यरुशलम में जब विजयी प्रवेश हुआ था, तब वो दिन रविवार था। वहीँ इस रविवार को खजूर रविवार के नाम से मनाया जाता है।

वहीँ खजूर रविवार के बाद आने वाला शुक्रवार ‘पवित्र शुक्रवार‘ या Good Friday कहलाता है । इस Good Friday के दिन प्रभु ईसा ने अंतिम भोजन के समय अपने शिष्यों को यह आज्ञा दी थी, ‘तुम एक-दूसरे को प्रेम करो, जैसे मैंने तुमसे प्रेम किया है।

यदि तुम आपस में प्रेम रखोगे तो इसी से सब जानेंगे कि तुम मेरे शिष्य हो.’ फिर प्रभु के क्रूस पर मरण की घटना का महान दिन ‘शुभ शुक्रवार’ या ‘गुड फ्राइडे’ को स्मरण किया जाता है।

गुड फ्राइडे के दिन क्या किया जाता है?

गुड फ्राइडे के दिन ईसाई धर्म के अनुयायी चर्च जाकर प्रभु ईसामसीह को याद किया जाता है। सबसे पहले बाइबिल और धर्म ग्रंथों का पाठ किया जाता है, इसके बाद क्रूस की पूजा की जाती है और अंत में प्रभु भोज किया जाता है। इस दिन बहुत से लोग व्रत रखकर प्रभु यीशु के बलिदान के प्रगति कृतज्ञता और शौक व्यक्त करते हैं।

ईसाई धर्म के अधिकतर अनुयायी इस दिन काले कपड़े पहनकर शौक व्यक्त करते हैं और अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। इस दिन प्रभु भोज (प्रसाद) के रूप में गर्म मीठी रोटियां भी खाते है। इस दिन चर्च में घंटे नहीं बजाते हैं। इस दिन विशेष प्रार्थना की जाती है जिसमें लकड़ी के खटखटे से आवाज की जाती है। कुछ लोग इस दिन प्रभु यीशु के उपदेशों को अपने जीवन में अमल लाने के लिए खुद को प्रेरित करते हैं।

गुड फ्राइडे संदेश

गुड फ्राइडे प्रेम व क्षमा का संदेश देता है। बाइबिल के अनुसार प्रभु यीशु के प्रेम व क्षमा की बराबरी कोई नहीं कर सकता है। प्रभु यीशु के साथ बहुत से अमानवीय कृत्य किये गए और बहुत सी शारीरिक यातनाएं दी गयी। प्रभु ईसामसीह को सिर पर कांटो का ताज पहना दिया गया था और हाँथ पैर में कीले ठोंक दी गयी थी। इतनी सब यातनाएं झेलने के बाद भी प्रभु ईशु उन सताने वालों और यातनाएं देने वालों के लिए परमेश्वर से क्षमा की प्रार्थना करते रहे।

गुड फ्राइडे शौक का पर्व है फिर भी इसमें ‘गुड’ शब्द का उपयोग इसीलिए किया गया है क्योंकि इस दिन प्रभु यीशु ने मनुष्य प्रजाति की रक्षा करते हुए अपना बलिदान दे दिया था। गुड फ्राइडे प्रेम, क्षमा, आदर, मानवता, प्रार्थना और बलिदान आदि का संदेश देता है।

क्या गुड फ्राइडे हमेशा शुक्रवार को होता है?

जी हाँ, गुड फ्राइडे हमेशा शुक्रवार को होता है।

गुड फ्राइडे में हम क्या करते हैं?

गुड फ्राइडे के दिन, ईसाई समुदाय के ज्यादातर लोग इस दिन काले कपड़े पहनकर अपना शोक व्यक्त करते हैं। प्रभु यीशु से अपने गुनाहों की माफी मांगते हैं। चर्च जाकर प्रभु यीशु से प्रार्थना करते हैं

क्या हमे गुड फ्राइडे की शुभकामनाएं देनी चाहिए?

जी नहीं, ये ईसाई धर्म के लोगो के लिए दुख का दिन है इस दिन उनके देवता ने यातनाएं सही जिसके कारण इस दिन को हम सिर्फ Good Friday कहकर काम चला सकते है।

आज आपने क्या सीखा

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख गुड फ्राइडे क्यों मनाया जाता है जरुर पसंद आई होगी। मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को गुड फ्राइडे क्या है के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है।

इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे। यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं।

आपको यह post गुड फ्राइडे क्यूँ मनाई जाती है पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter और दुसरे Social media sites share कीजिये।

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Prabhanjan Sahoo

Prabhanjan Sahoo

मैं Prabhanjan, HindiMeका Technical Author & Co-Founder हूँ। Education की बात करूँ तो मैं एक Enginnering Graduate हूँ। मुझे नयी नयी Technology से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों को सिखाने में बड़ा मज़ा आता है।

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Comment (1)

  1. बहुत ही अच्छा आर्टिकल आपने लिखा, लेकिन एक बात जो आपने इसमें लिखी उसमे थोड़ा सुधार करने की आवश्यकता है जैसा कि अपने लिखा “इसके बाद क्रूस की पूजा की जाती है”।
    जैसा कि आपने लिखा है ईसाई लोग ऐसा बिल्कुल नही करते क्रूस सिर्फ एक चिन्ह मात्र है क्योंकि येशु मसीह को क्रूस पर लटका कर मारा गया तब तो उन्होंने उस क्रूस को जो उस समय एक पापियों को मारने मात्र की विधि के लिए इस्तेमाल किया जाता था उस पर जान देकर येशु मसीह ने क्रूस को भी पवित्र कर दिया, इसलिए एक मसीही (ईसाई) व्यक्ति क्रूस को सिर्फ एक चिन्ह के रूप में याद करता है ना कि उसकी पूजा, मसीहियत में एकमात्र सच्चे परमेश्वर (पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा) को छोड़ किसी भी चीज की पूजा करना बहुत बड़ा पाप माना जाता है, और यदि कोई ऐसा करता है तो वह सच्चा मसीही नही है। मसीही शब्द उन लोगो के लिए उपयोग में लाया जाता है जो लोग येशु मसीह की दी हुई शिक्षाओं पर चलते है।

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