धरती पर सबसे बड़ा भगवान कौन है? ये सवाल का कोई सीधा जवाब नहीं है. ऐसा इसलिए क्यूँकि भगवान का अस्तित्व ही एक है. बस हम उन्हें अलग अलग रूप में पूजा करते हैं. कोई मंदिर में करता है, तो कोई मस्जिद में या कोई उसे चर्च या गिरजाघर में.
हम सभी ईश्वर यानी भगवान की रचना हैं. हम इंसानों की सबसे बुरी लेकिन सबसे अच्छी बात यह हैं कि एक तरफ तो हम ईश्वर से डरते हैं और दूसरी तरफ हम ईश्वर की भक्ति करते हैं. इसी डर और भक्ति के बीच एक ऐसा सवाल हैं, जो बार बार लोगों के मन को झंझोड़ कर रख देता हैं. उससे पहले सबसे बड़ा मंत्र कौन सा है जरुर पढ़ें.
भगवान में सबसे बड़ा भगवान कौन है?
सबसे बड़ा भगवान का कोई सीधा जवाब नहीं है. वैसे हिंदू धर्म की मान्यता के अनुसार त्रिदेव को सबसे बड़े भगवान की आख्या दी जाती है. यह सवाल सिर्फ ईश्वर की भक्ति करने वाले भक्त के मन में ही नहीं आता बल्कि यह सवाल ईश्वर से डरने वाले लोगों के मन भी आता हैं और यह प्रश्न तर्क का एक बड़ा कारण बनता हैं!
आज के इस पोस्ट में हम आपको इस प्रश्न का जवाब ऐसे तथ्यों के साथ देंगे जिसे पढ़ने के बाद आप इस प्रश्न का जवाब खुद ढूंढ पाएंगे.
इस आर्टिकल में आपको कुछ तथ्यों के साथ कुछ कहानियां मिलेगी, जो एक दूसरे से जुड़ी हुई हैं. इसीलिए इस पोस्ट को पूरा जरूर पढ़े तभी आप इस सवाल का जवाब ढूंढ पायेंगे.
वैसे तो ईश्वर व भगवान दोनों एक ही हैं लेकिन हमारी हिन्दू माइथोलॉजी में हमें कई सारे देवी देवताओं की जानकारी मिलती हैं और एक आंकड़े के अनुसार हमारे हिन्दू धर्म में हम 33 करोड़ देवी देताओं की अराधना करते हैं.
और इन देवी देवताओं व भगवानों में सबसे बड़ा कौन हैं, यह एक बहुत ही इंटरेस्टिंग सवाल हैं!
कुछ रोचक तथ्य जो यह स्पष्ट करता हैं कि :
सबसे बड़े भगवान ॐ यथार्थ शिव हैं!
हमारी पृथ्वी का जब निर्माण हुआ था उस समय सबसे पहले ॐ की ही उत्पति हुई थी. और ॐ का यथार्थ और अभिप्राय दोनों शिव हैं. शिव केवल एक शब्द या नाम नहीं शिव तो पूरा ब्रह्मांड हैं.
वहीं अंत हैं वहीं आरम्भ हैं, कर्म भी वो, मोक्ष भी वहीं हैं. शिव ही महाकाल हैं, उन्हे देवों के देव महादेव के नाम से जाना जाता हैं.
शिव ही सृष्टि के निर्माता हैं और शिव की सृष्टि का नाश करते हैं. शिव ऐसी शक्ति हैं जिनसे बाकी देवी देताओं की उत्पति हुई हैं. इसीलिए यह कहा जा सकता हैं कि शिव शकंर ही सबसे बड़े भगवान हैं.
सबसे बड़े भगवान शक्ति हैं!
भगवानों में सबसे बड़े भगवान शिव की शक्ति जिन्हे कई दूसरे नामों से जाना जाता है जैसे जगत जननी, मां दुर्गा, महाकाली इत्यादि. इनके इतने नाम हैं जिसका कोई अंत नही हैं.
कई ऐसी कहानियां हैं, जिससे यह स्पष्ट होता हैं कि शक्ति से ही प्रकृति के हर तत्व का निर्माण हुआ हैं. इसीलिए देवी शक्ति को मां का स्थान दिया जाता हैं साथ ही यह भी माना जाता है कि देवी शक्ति ही सभी देवी देवताओं की जननी हैं.
यह माना जा सकता हैं कि सबसे शक्तिशाली भगवान शिव की शक्ति (पार्वती) हैं.
कुछ मजेदार कहानियां जो यह स्पष्ट करती है कि :
सबसे बड़ा भगवान भक्त की भक्ति हैं!
द्रौपर युग की बात हैं! एक दिन अर्जुन अपने प्रिय माधव श्री कृष्ण के साथ वन में विहार कर रहे थे. उसी दौरान अर्जुन के मन में एक प्रश्न आया और उन्होंने बड़ी ही जिज्ञासा के साथ श्री कृष्ण की तरफ देखा क्योंकि वे श्री कृष्ण से इस प्रसन्न का उत्तर चाहते थे.
कृष्ण ने अर्जुन के जिज्ञासा को समझकर मुस्कुराते हुए कहते हैं कि हे पार्थ! तुम क्या पूछना चाहते हो?
फिर अर्जुन उनसे बड़े ही जिज्ञासु भाव में पूछते है कि माधव! पुरे ब्रह्माण में सबसे बड़ा कौन हैं? अर्थात सबसे बड़ा भगवान कौन हैं?
तब श्री कृष्ण अर्जुन से कहते हैं कि हे पार्थ ! मुझे तो सबसे बड़ी धरती ही दीखती हैं लेकिन इस धरती को समुद्र ने घेर रखा हैं मतलब यह सबसे बड़ी नहीं हैं.
लेकिन समुद्र को भी सबसे बड़ा नहीं कहा जा सकता क्योंकि इसे तो अगस्त्य ऋषि ने पी लिया था. इसका अर्थ यह है कि अगस्त्य ऋषि सबसे बड़े हैं लेकिन वे भी इतने बड़े आकाश के एक कोने में चमक रहे हैं.
इसका मतलब तो यह हुआ कि आकाश सबसे बड़ा हैं लेकिन इस आकाश को भी विष्णु जी के बामन अवतार ने अपने एक ही पग में नाप लिया था. तो इससे यह स्पष्ट होता है कि सबसे बड़ा तो मैं हूँ!
लेकिन मैं कैसे बड़ा हो सकता हूँ पार्थ? मैं अपने भक्तों के ह्रदय में वास करता हूँ ना अर्थात सबसे बड़ा तो भक्त हैं जिसके हृदय में भगवान का वास होता हैं.
सबसे बड़ा भगवान कर्म हैं!
एक बार देवताओं ने नारद जी से उपहास करने के लिए पूछा कि नारद जी आप ही पूरी सृष्टि के कर्ता-धर्ता नारायण के सबसे बड़े भक्त हैं. तब नारद जी ने बड़े ही घर्व से कहा कि हां मैं ही तो प्रभु को सबसे बड़ा भक्त हूं.
जब यह चर्चा हो ही रही थी तब नारायण उनके समझ आए और बोले कि मेरा सबसे बड़ा भक्त एक किसान हैं जो दिन में 3 बार मेरा नाम लेता हैं. तब नारद जी क्रोधित होते हुए बोलते हैं कि प्रभु मैं तो हर वक्त आप का नाम लेता हूं.
नारद जी के बात को स्पष्ट करने के लिए नारायण उन्हे एक दिया पकड़ने को देते हैं और कहते हैं कि इस दिया को बुझाए बिना पूरा ब्राह्मण का चक्कर लगाओ.
ब्राह्मण का चक्कर लगाने के बाद जब नारद जी वापस आते हैं तब नारायण उनसे पूछते हैं कि इस चक्कर के दौरान तुमने मेरा नाम कितने बार लिया तब नारद जी अफसोस के साथ कहते हैं कि प्रभु मैं आप का नाम लेना तो भूल गया.
तब नारायण कहते हैं कि वही वो किसान सारे काम करने के साथ दिन में 3 बार तो मेरा नाम लेता हैं. तो वो सबसे बड़ा भक्त हैं यानी कि कर्म हर चीज से बड़ा है. अर्थात कि कर्म ही सबसे बड़ा भगवान हैं.
अलग अलग धर्म और जाति के लोगो के लिए सबसे बड़े भगवान अलग अलग हैं बिहारियों के लिए सूरज देव और छ्ठ मां सबसे बड़ी हैं तो वहीं बंगालियों के लिए मां दुर्गा और मां काली सबसे बड़े भगवान हैं.
आज आपने क्या सीखा
मैं उम्मीद करता हूं कि इस पोस्ट को पढ़ने के बाद आप ये जान चुके होंगे कि सबसे बड़ा भगवान कौन है?
इस तरह के मजेदार पोस्ट हम आप के लिए लेकर आते रहते हैं इसीलिए हमारे ब्लॉग से जुड़े रहिए.
अगर आप के मन में कोई सवाल है जो आप हम से पूछना चाहते हैं उसे आप नीचे कमेंट बॉक्स में पूछ सकते हैं धन्यवाद.
ऊं त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टि वर्धनम ,
उर्वारुकमिव बंधना मिर्त्युमोक्षेमामृतात || ऊं नमः शिवाय……….
बहुत ही सुंदर और सच्ची Artical लिखी है आपने शिव ही सत्य है हर हर महादेव शंभू…..|
sabse bda bhagvan kabir saheb hai kabir is supreme god
BHAI YE ARTICAL PADH KE BHI DIMAK NAHI AAYA
Bhai blog k liye content kse likhna h
Are bhai paise kamane ke chakar me koi bhi blogger ban raha hai… Skuch bhi nahi pata yujhr