Web beacon एक छोटी image file होती है जो की अक्सर एक transparent 1×1 pixel image होती है. वहीँ इसका इस्तमाल tracking करने के कार्यों में किया जाता है. इसे जानबूझकर place किया जाता है एक webpage या HTML email में जिससे की ये record कर सकें जब content load हो रहा हो.
Web Beacons कैसे काम करते है?
प्रत्येक image को जिन्हें की reference किया गया होता है एक webpage के भीतर उन्हें retrieve या निकाला जाता है एक server से. जब image load हो जाती है, तब server record करता है एक “hit,” जिसे की typically save किया जाता है server log में. एक log file का इस्तमाल किया जा सकता है server में ये जानने के लिए की उस specific image को किसने access किया और कौन सी IP address से उस file को access किया गया है.
ऐसे में Web beacon के filename में एक question mark (?) जरुर से शामिल होना चाहिए वहीँ उसके तुरंत बाद एक identifying string, जैसे की : [su_label]beacon.png?user2134.[/su_label]
Web Browser सभी चीज़ों को ignore कर देता है जो की “.png” extension के बाद मेह्जुद होती है, लेकिन पूरी string को record किया जाता है एक hit के रूप में web server के द्वारा. इस information को इस्तमाल किया जाता है ये जानने के लिए की कब किसी specific web beacon को access किया गया है.
वैसे तो कोई भी image को इस्तमाल किया जा सकता है एक web beacon के तोर में, लेकिन छोटे transparent GIFs या PNGs को ज्यादातर इस्तमाल किया जाता है क्यूंकि उन्हें आसानी से किसी भी page में छुपाया जा सकता है. वहीँ उन्हें आसानी से track किया जा सकता है third-party tracking tools के इस्तमाल से जो की Main Web Server से access न हो रहे हों.
उदाहरण के लिए, analytics code जैसे की Google Analytics और affiliate links जो की दुसरे companies के द्वारा प्रदान किये जा रहे हों. एक affiliate link, उदहारण के लिए, इसमें एक web beacon को place किया जा सकता है Link के पहले या बाद में. ये beacon publisher को ये जानकारी प्रदान करता है की कितने number of impressions (या कितनी बार उस Link को display किया गया है), जो की एक plain text link से पता कर पाना नामुमकिन है.
Web Beacons का इस्तमाल Email Marketing में
Web beacons को ज्यादातर email marketing में इस्तमाल किया जाता है ये track करने के लिए की कितने users ने Email को खोला और देखा.
जब आप एक promotional email देखते हैं, तब उस Email में छुपायी गयी web beacon ये record कर लेती है की आपने उस Email को खोला है. ये email marketers को मदद करती है ये जानने के लिए किस प्रकार के campaigns ज्यादा effective हो रहे हैं.
वहीँ इन email beacons का इस्तमाल spam purpose के लिए भी किया जा सकता है, चूँकि ये record कर लेते हैं valid email addresses. यही कारण है की ज्यादातर email clients और webmail interfaces automatically images को load नहीं करते हैं जो की emails में होती है, वहीँ जो की spam के तरह प्रतीत होते हैं.
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