प्लाज्मा डिस्पले पैनल एक प्रकार का फ्लैट पैनल है, जो प्लाज्मा युक्त छोटी कोशिकाओं का उपयोग करता है। प्लाज्मा डिस्प्ले पैनल एक उत्सर्जक डिस्प्ले है जिसका अर्थ है कि पैनल ही प्रकाश स्रोत है। प्लाज्मा डिस्प्ले का उपयोग ज्यादातर बड़ी डिस्प्ले बनाने के लिए किया जाता हैं।
पीडीपी बेहद उज्ज्वल और हल्के-सहनशील फ्लैट पैनल डिस्प्ले तकनीक हैं जो गैस डिस्चार्ज सिद्धांत का उपयोग करती हैं इसलिए इसे गैस डिस्चार्ज डिस्प्ले के रूप में भी जाना जाता है। इसलिए मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को PDP (Plasma Display Panel) क्या होता है और उससे जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण जानकारी के बारे में बताया जाए। तो बिना देरी किए चलिए शुरू करते हैं।
Plasma Display in Hindi
Plasma Display एक प्रकार का flat panel display होता है जो की Plasma का इस्तमाल करता है। प्लाज़्मा एक प्रकार के electrically charged ionized gas होते हैं जो की एक साथ जलते हैं डिस्प्ले पर आउट्पुट पैदा करने के लिए। इनका इस्तमाल मुख्य रूप से बड़े TV डिस्प्ले में किया जाता है जिनकी लंबायी कम से कम 30 inch या उससे बड़ी हो।
Plasma displays पतली होती है cathode ray tube (CRT) displays की तुलना में और वहीं ये ज़्यादा रोशनदार भी होती हैं liquid crystal displays (LCD) की तुलना में। क्योंकि यह मोशन ब्लर के बिना तेजी से चलती छवियों को ट्रैक कर सकता है, प्लाज्मा एक्शन पैक्ड स्पोर्ट्स देखने या वीडियो गेम खेलने के लिए आदर्श है।
अभी के समय में Plasma Display Panel की मैन्युफ़ैक्चरिंग पूरी तरह से बंद हो चुकी है। सन 2014 से United States ने इसे बनाना बंद दिया है, वहीं चीन ने भी 2016 से इसे अब नहीं बना रहा है। यूँ कहें तो Plasma displays एक प्रकार से obsolete हो चुका है, वहीं इसकी जगह OLED displays ने ले ली है।
Plasma Display के मुख्य भाग
चलिए अब Plasma display के सबसे महत्वपूर्ण भागों के बारे में जानते हैं।
Cathode (कैथोड)
Cathode मे बहुत छोटे महीन तार का प्रयोग किया जाता हैं। जो गैस सेल को नेगेटिव वोल्टेज भेजते हैं और इसके साथ ही वोल्टेज नेगेटिव एक्सिस के साथ रखा जाता हैं।
Anode (एनोड)
इसके अंदर लाइन वायर होते हैं जो महीन होते हैं। वह पॉजिटिव वोल्टेज रिलीज करते हैं।
Fluorescent cells
इसमें नियॉन गैस लिक्विड फोरम में होता हैं जिसमें छोटे- छोटे पॉकेट बने होते हैं। जो लियोन गैस लिक्विड को वोल्टेज भेजते हैं । तब ये light (प्रकाश ) उत्पन करता हैं. जो स्कीन पर दिखाई देती हैं।
Glass Plates
गिलास प्लेट एक capacitor की तरह कार्य करता है जब इसको वोल्टेज भेजे जाते हैं तब यह गिलास प्लेट चमकने लगती है। इसमें हॉरिजॉन्टल और वर्टिकल तार के बीच में ज्यादा अंदर होने पर गैस की जो तीव्रता है वह धीमी हो जाती है इसका वोल्टेज 90 से 120 के बीच होने चाहिए।
प्लाज्मा डिस्प्ले कैसे काम करता है?
प्लाजमा डिस्पले मे एक गिलास के दो प्लेटों के बीच लाखों की संख्या में छोटे-छोटे कंपार्टमेंट होते हैं। जिनको हम पिक्सेल कहते हैं, ये कंपार्टमेंट रेड,ब्लू, ग्रीन फास्फोरस से कॉर्डिट होते हैं। यह कंपार्टमेंट नवल गैस जैसे: हीलियम, आर्गन, न्यूऑन से भरे होते हैं।
और साथ ही इन कंपार्टमेंट के दोनों साइड इलेक्ट्रोड की ग्रिड लगी होती है, जिससे हर कंपार्टमेंट एक प्लाज्मा बल्ब की तरह काम करता है। और जब इन कंपार्टमेंट में हाई वोल्टेज अप्लाई किया जाता है तब कंपार्टमेंट में उपस्थित गैस अल्ट्रा वॉयलेट लाइट में बदल जाती है।
फिर कंपार्टमेंट के अंदर फास्फोर कोटिंग के जरिए यह अल्ट्रावॉयलेट लाइट विजिबल लाइट में बदल जाती है यानी कि प्लाज्मा में बदल जाती है और इस तरह प्लाजमा डिस्पले पैनल में बने लाखों कंपार्टमेंट पिक्सेल बल्ब का रूप ले लेते हैं जिसको सिस्टमैटिकली ऑन ऑफ क्या जा सकता है तो इस तरह से प्लाज्मा डिस्पले पैनल कार्य करता है।
Plasma Display Panel इस्तमाल करने के Advantages
अब चलिए जानते हैं की Plasma Display Panel इस्तमाल करने के Advantages क्या क्या हैं।
1.सीआरटी (CRT) डिस्प्ले से बेहतर
प्लाज्मा डिस्प्ले का एक प्रमुख लाभ यह है कि इसमें कैथोड-रे ट्यूब या CRT डिस्प्ले पर आधारित डिस्प्ले की तुलना में प्रति इंच अधिक पिक्सेल होते हैं। यह लाभ विशिष्ट लाभों का अनुवाद करता है जैसे तेज छवि।
2. सीआरटी से अधिक कॉम्पैक्ट
इसके अलावा, सीआरटी की तुलना में, प्लाज्मा डिस्प्ले का एक और फायदा यह है कि यह कम भारी या अधिक कॉम्पैक्ट होता है।
3. वाइड व्यूइंग एंगल
प्लाज्मा डिस्प्ले के गहरे काले रंग का मतलब है कि इसमें CRT और LCD की तुलना में व्यापक व्यूइंग एंगल भी है। ध्यान दें कि चरम कोणों पर देखे जाने पर एलसीडी रंग में गिरावट का सामना करते हैं जबकि सीआरटी गहरे काले रंग का उत्पादन नहीं करते हैं।
4. सुपीरियर एकरूपता
एलसीडी पैनल की बैकलाइट लगभग हमेशा असमान चमक स्तर उत्पन्न करती है। यह तथ्य लो-एंड और सस्ते एलसीडी के लिए विशेष रूप से सच है। सीआरटी डिस्प्ले असमान रंग उत्पादन से भी पीड़ित हो सकते हैं क्योंकि स्क्रीन का आकार व्यापक हो जाता है। दूसरी ओर, पीडीपी की स्क्रीन पर एक समान चमक होती हैं।
5. कम दिखाई देने वाले मोशन ब्लर
अधिकांश प्लाज़्मा डिस्प्ले में ताज़ा दर और प्रतिक्रिया समय होता है जो TN LCD और उच्च-अंत और महंगे IPS LCD के समान होते हैं। भूत और धुंधलापन आसानी से दिखाई नहीं देता है, इस प्रकार पीडीपी को उच्च गति वाले वीडियो प्रदर्शित करने और वीडियो गेम खेलने के लिए वांछनीय बनाते हैं ।
6. रंग प्रदर्शन
प्लाज्मा डिस्पले पैनल 16.77 मिलियन रंग प्रदर्शन कर सकता है
7. यह उच्च संकल्प प्रदान करता है
8. यह एचडीटीवी शिकायत संकेत प्रदर्शित कर सकता है
9. बेहतर विपरीत अनुपात
Plasma Display Panel इस्तमाल करने के Disdvantages
अब चलिए जानते हैं की Plasma Display Panel इस्तमाल करने के Disdvantages क्या क्या हैं।
1. गिरावट की आशंका
प्लाज्मा डिस्प्ले पैनल का एक महत्वपूर्ण नुकसान यह है कि वे स्क्रीन बर्न-इन और छवि प्रतिधारण से ग्रस्त हैं। यह सीमा स्थिर छवियों को प्रदर्शित करने के लिए पीडीपी को अनुपयुक्त बनाती है। पीडीपी की पिछली पीढ़ियां भी चमक में गिरावट से ग्रस्त हैं जिसके परिणामस्वरूप उनके पूर्ण चमक स्तर में धीरे-धीरे गिरावट आई है।
2. झिलमिलाहट प्रभाव
निर्माता की गुणवत्ता या मानकों के आधार पर, कुछ प्लाज्मा डिस्प्ले भी विभिन्न रंगों, तीव्रता और पैटर्न के साथ ध्यान देने योग्य झिलमिलाहट से ग्रस्त हैं। इस घटना को उत्पादित होने वाले रंग की बस्टेबल प्रकृति और तीव्रता पैदा करने की विधि के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
3. उच्च बिजली की खपत
प्लाज्मा डिस्प्ले का एक और नुकसान यह है कि वे अधिक बिजली की खपत करते हैं और एलईडी बैकलाइट का उपयोग करने वाले एलसीडी पैनलों के सापेक्ष उच्च बिजली लागत उत्पन्न करते हैं।
4. अधिक महंगा
प्लाज्मा डिस्प्ले की कीमत CRT डिस्प्ले की तुलना में बहुत अधिक होती है और औसतन अधिकांश LCD की तुलना में थोड़ी अधिक होती है। हालांकि, हाई-एंड एलसीडी हैं जो औसत पीडीपी की तुलना में अधिक महंगे हैं।
5. एलसीडी और ओएलईडी की तुलना में भारी
याद रखें कि प्लाज्मा डिस्प्ले में सीआरटी डिस्प्ले की तुलना में अधिक कॉम्पैक्ट भौतिक प्रोफ़ाइल होती है। हालाँकि, LCD की तुलना में, वे थोड़े बड़े होते हैं। इसके अलावा, जब OLED पैनल की तुलना में, वे काफी हद तक बोझिल होते हैं। पीडीपी भी आम तौर पर एलसीडी और ओएलईडी से भारी होते हैं।
प्लाज्मा डिस्प्ले का उपयोग किसे बनाने में किया जाता है?
प्लाज्मा डिस्प्ले का उपयोग ज्यादातर बड़ी डिस्प्ले बनाने के लिए किया जाता हैं।
क्या प्लाज्मा डिस्प्ले सीआरटी डिस्प्ले से बेहतर है?
हाँ, क्योंकि इसमें CRT डिस्प्ले पर आधारित डिस्प्ले की तुलना में प्रति इंच अधिक पिक्सेल होते हैं।
क्या प्लाजमा डिस्पले पैनल ज्यादा बिजली की खपत करता है?
हाँ, प्लाजमा डिस्पले पैनल ज्यादा बिजली की खपत करता है।
प्लाजमा डिस्पले पैनल कितने रंग प्रदर्शित कर सकता है?
प्लाज्मा डिस्पले पैनल 16.77 मिलियन रंग प्रदर्शन कर सकता है।
आज आपने क्या सीखा?
मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख Plasma Display Panel क्या है (What is PDP in Hindi) जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को Plasma Display Panel की परिभाषा के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है।
इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं।
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