LDAP का Full Form होता है “Lightweight Directory Access Protocol.” अगर आप चाहते हैं directory information को available करना Internet पर, तब आप इस प्रक्रिया से ऐसा कर सकते हैं.
LDAP एक streamlined version होता है एक पूर्व directory standard का जिसे की X.500 कहा जाता है. जो चीजं LDAP को ज्यादा उपयोगी बनाती है वो ये की ये सब से बढ़िया काम करती है TCP/IP networks (unlike X.500) में, जिसमें information को access किया जाता है LDAP के द्वारा किसी के द्वारा भी जो की Internet connection का इस्तमाल करता हो.
ये एक open protocol भी होता है, जिसका मतलब की इसमें directories को store किया जाता है किसी भी प्रकार के machine में (i.e. Windows 2000, Red Hat Linux, Mac OS X).
चलिए हम आपको एक idea प्रदान करते हैं की कैसे एक LDAP directory organizes होता है, यह है कुछ अलग अलग प्रकार के levels एक simple LDAP tree hierarchy की :
1. The root directory
2. Countries
3. Organizations
4. Divisions, departments, etc.
5. Individuals
6. Individual resources, जैसे की files और printers.
ज्यादातर LDAP connectivity को किया जाता है behind the scenes ही, इसलिए एक typical user ये notice ही नहीं करते हैं जब वो Web को surf कर रहे होते हैं. लेकिन यह एक अच्छी technology होती है जानने के लिए.
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