Fuse या फ्यूज एक ऐसा कम्पोनेंट होता है जो की किसी भी उपकरण को अत्यधिक बिजली से बचाता है। यूँ कहें तो, यह फ्यूज एक सुरक्षा युक्ति है जो विद्युत परिपथ की ओवरलोड तथा शार्ट सर्किट से सुरक्षा करता है। शायद आप में बहुत लोग होंगे जिन्हें ये पता हो की विद्युत फ्यूज क्या है? अक्सर जब हमारे घरों में current चली जाती है लेकिन बाकि घरों में होती है तब इसका कारण Fuse का melt हो जाना.
ऐसा इसलिए होता है क्यूंकि जब excess voltage flow होता है तब यह Fuse melt हो जाता है ताकि ये current के flow को devices तक जाने से रोक सके. इन्हें जानबुझकर एक पतला तार से बनाया हुआ होता है, ताकि heavy amount की current को किसी device तक पहुँचने से रोका जा सके।
एक Electrical Circuit में Fuse का बहुत काम होता है. इसे एक saftey device के हिसाब से अक्सर इस्तमाल किया जाता है. ये भले ही एक छोटा सा device हो लेकिन ये समय आने पर आपकी लाखों की संपत्ति रक्षा कर सकती है.
इसलिए आज मैंने सोचा की क्यों न आप लोगों को फ्यूज तार क्या है, ये कैसे काम करता है और Types of Fuses के विषय में विस्तार में बताया जाये जिससे आपके मन में उठ रहे सवालों का जवाब आपको Article के ख़त्म होने तक जरुर मिल जाये. तो फिर बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं फ्यूज क्या होता है हिंदी में।
विद्युत फ्यूज क्या है (What is Fuse in Hindi)
Fuses ऐसे devices होते हैं जो की protectors के तरह काम करते हैं. इन्हें आप एक प्रकार का safety devices कह सकते हैं जिनका इस्तमाल home appliances को रक्षा करने के लिए किया जाता है उन्हें High voltage के damage से बचाने के लिए.
इन Home appliances में televisions, refrigerators, computers इत्यादि शामिल हो सकते हैं. ये Fuse पतले strip या strand की metal से बने हुए होते हैं, और जब भी heavy amount की current या excessive current flow होता है electrical circuit से, तब ये fuse melt हो जाता है और इससे circuit open हो जाता है और ये power supply को disconnect कर देता है.
इसके कार्य को देखकर इसे बहुत से लोग circuit breaker या stabilizer भी कहते हैं जो की devices को heavy voltages से protect करने में मदद करता है।
बाज़ार में Electric Fuse के बहुत से types, features, और design अभी उपलब्ध हैं. Fuse के strips aluminum, copper, zinc इत्यादि metals के बने हुए होते हैं और साथ में इन्हें हमेशा circuit के साथ series connection में जोड़ा जाता है, ताकि ये running cables को overcurrent से protect कर सकें समय आने पर।
फ्यूज का तार
नीचे आपको ऐसे तारों के नाम बताए गए हैं जिनका इस्तेमाल फ्यूज बनाने के लिए किया जाता है |
क्रम नंबर | धातु | गलनांक बिंदु ( फ़ारेनहाइट में) |
1. | ताबा | 2000 |
2. | चांदी | 1830 |
3. | एलमुनियम | 1243 |
4. | एंटी मनी | 833 |
5. | जस्ता | 783 |
6. | सीसा | 625 |
7. | टिन | 464 |
Electric Fuses का आविष्कार किसने और कब किया था?
Fuses का आविष्कार “Thomas Alva Edison” ने सन 1890 में किया था।
फ्यूज का क्या कार्य है
Fuses का इस्तमाल मुख्य तोर से home applicances को short circuit और overload या high current से रक्षा करने के लिए किया जाता है.
अगर हम fuses का इस्तमाल न करें wiring में तब electric faults से wires और electric appliances, यहाँ तक की घर में आग भी लग सकती है. इसके अलावा television, computers, radios और दुसरे home appliances की life में भी risk पैदा होता है.
जब fuse melt हो जाता है, तब एक sudden spark occur होता है जिससे पुरे घर की electricity चली जाती है Power cut होने से, लेकिन ये आपको appliances से ख़राब होने से बचाता है।
फ्यूज कैसे काम करता है
ये fuses काम करती हैं heating effect of the current के principle के हिसाब से. यह पतली strip या strand की metallic wire से बना हुआ हटा है जो की non-combustible material से बना हुआ होता है. इसे Terminals के ends में लगाया जाता है. Fuse को हमेशा ही electrical circuit के साथ Series में connect किया जाता है।
- Resistor क्या है और कैसे काम करता है
- Capacitor क्या है और कैसे काम करता है
- Adapter क्या है और इसके प्रकार
जब excessive current या heat generate होती है heavy current flow के कारण circuit में, तब fuse melt हो जाता है क्यूंकि fuse के लिए इस्तमाल होने वाले element की low melting point होती है और इससे circuit open हो जाता है.
इस current की excessive flow होने के कारण wire टूट जाती है और current का flow रुक जाता है. ऐसे में हमें fuse को बदलना पड़ता है और एक नया Fuse लगाना होता है जिसकी suitable ratings हो. ये fuse कई element जैसे की zinc, copper, silver &aluminum से बना हुआ होता है.
ये एक circuit breaker के तरह ही काम करते हैं Circuit break करने के लिए जब circuit में कुछ sudden बदलाव होते हैं. ये केवल एक protector नहीं है बल्कि ये इंसानों को बड़े धारण के तबाही से रोक सकता है. उम्मीद है आपको Fuse की working समझ में आ चुकी होगी।
Fuse Rating = (watts/volts) x 1.25
1. यदि आप fuse का चुनाव करना चाहते हैं, तब आप time-delay fuses का चुनाव inductive load के लिए कर सकते हैं और fast acting fuses का resistive load के लिए।
2. इसके लिए आपको पहले appliance की power(watts) के विषय में जानना होगा – usually जिसे आप appliance manual से प्राप्त कर सकते हैं।
3. फिर आपको voltage rating जानना होगा. याद रहे की Fuse की voltage ज्यादा होनी चाहिए circuit voltage से जिससे ये Device की protection कर सके।
4. फिर ऊपर बताये गए Formula के मदद से Fuse Rating calculate करें. इसके बाद next highest fuse rating का चुनाव करें जो की आपके calculated fuse rating से ज्यादा हो. उदाहरण के लिए, अगर calculated fuse rating 5.895 amps, तब आपको 6 amp fuse को चुनना चाहिए।
Fuses की Characteristics क्या है
चलिए Electric Fuses की characteristics के विषय में जानने की कोशिश करते हैं : –
1. Current Rating: एक Fuse जो की continuously conduct हो रही हो वो कितनी maximum amount की current को hold कर सकती है बिना melt हुए उसे current ratings कहा जाता है. इसे current carrying capacity भी किया जाता है, जिसे की Amperes में measure किया जाता है. इसे आप thermal characteristics भी कह सकते हैं.
Current(Cin) = 75%Current (rating)
2. Voltage Rating: इस characteristic में, जो voltage को fuse के साथ connect किया जाता है series में वो circuit के voltage rating को increase नहीं करता है. i.e., V(fuse) >V(open ckt)
3. I2t Rating: ये उस amount की energy को कहा जाता है जिसे की fuse element के साथ लिया जाता है जब circuit में कोई electrical fault या short circuit होता है. इससे Fuse की heat energy(energy current flow होने के कारण) को measure किया जा सकता है और ये तब generate होता है जब fuse melt हो जाता है।
4. Interrupting या Breaking Capacity: ये उस current की maximum rating को कहा जाता है जो की बिना कुछ harm किये Fuse के द्वारा interrupt किया जाता है. इसे breaking या fuse की interrupting capacity भी कहा जाता है।
Breaking capacity > Maximum rated voltage
Breaking capacity < Short ckt current
5. Voltage Drop: जब circuit से excessive current flow करता है, तब fuse element melt कर जाता है जिससे circuit open हो जाता है. इस resistance change के प्रभाव से voltage drop खुद ही कम हो जाता है।
6. Temperature: इसमें operating temperature ज्यादा होती है, जिसकारण current rating कम होती है, इसके फलस्वरूप fuse melt कर जाता है।
फ्यूज के प्रकार (Type of Fuse in Hindi)
वैसे तो Fuses के कई प्रकार होते हैं लेकिन उसमें भी इन्हें मुख्य रूप से दो हिस्सों में बांटा जाता है. पहला होता है AC Fuses और दुसरा होता है DC Fuses. इसके साथ उन्हें अलग अलग categories में भी बांटा जाता है जिसके विषय में हम आगे जानेंगे।
Fuses को invent सबसे पहली बार “Thomas Alva Edison” ने किया था लेकिन अभी बाज़ार में बहुत से अलग अलग प्रकार के (types of fuses) Fuses available हैं. लेकिन इसके main दो प्रकार के ही हैं :-
1. DC Fuses: DC fuses की Size बड़ी होती है. DC supply की constant value होने के कारण जो की होती है 0V के ऊपर, इन्हें neglect करना आसान नहीं होता है और साथ में इस circuit को बंद करना भी कठिन होता है, वहीँ हमेशा ये possibility होती है की एक electric arc बन जाये melted wires के बीच. इस परेशानी को दूर करने के लिए, electrodes को larger distances (दुरता) में place किया गया और जिसके कारण DC Fuses की size भी काफी बढ़ गयी।
2. AC Fuses: AC fuses की Size बहुत ही कम होती है. वहीँ ये 50-60 times oscillate करते हैं प्रत्येक second minimum से maximum तक. इसलिए Melted Wires के बीच Arc बनने की स्तिथि उत्पन्न नहीं होती है. इसलिए उन्हें small size में pack किया जाता है।
Electric Fuse की Applications क्या है
जैसे की हम अब तक समझ ही चुके होंगे की ये fuses किसी भी electrical या electronics system और circuits के लिए कितने important हैं. चलिए इनके कुछ applications के विषय में जानते हैं : –
1. इनका इस्तमाल home distribution boards, general electrical appliances, और devices में होता है।
2. इनका इस्तमाल gaming consoles में और सभी automobiles जैसे की car, trucks और दुसरे vehicles में किया जाता है।
3. इसके अलावा इन्हें laptops, cell phones, printers, scanners, portable electronics, hard disk drives इत्यादि में किया जाता है।
4. वहीँ electrical distribution system में भी, आप fuses का इस्तमाल capacitors, transformers, power converters, motor starters, power transformers इत्यादि में देख सकते हैं।
5. वहीँ इन्हें LCD monitors, battery packs, में भी इस्तमाल में लाया जाता है।
फ्यूज किस धातु का बना होता है?
फ्यूज निम्न गलनांक वाली धातु से बना होता है, ये मुख्यतः तांबा, चांदी, एल्युमीनियम के बने होते हैं ।
Fuse Base क्या होता है?
Fuse Base एक एसा भाग होता है जिसमे सप्लाई का फेज तार तथा लोड का फेज तार जोड़ा जाता है एवं इसको किसी वूडन , बेकेलाइट , pvc या अन्य किसी अचालक आवरण पर कसा जाता है।
Fuse Carrier को कैसे कसें?
fuse carrier में हमेशा ना तो ज्यादा ढीला ना ज्यादा टाइट कसते हैं।
आज आपने क्या सीखा?
मुझे आशा है की मैंने आप लोगों को विद्युत फ्यूज क्या है (What is Fuse in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को फ्यूज का क्या कार्य है के बारे में समझ आ गया होगा.
यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं. आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा.
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ap achha article likhte hai. me bhi ek bloger hu. apne article ke bad itni sari ads kaise lagayi ? ye manual hai ya auto ads hai ? batane ki krupa kare kyuki me bhi laga saku.
thanks for the information about of fuses .
More like that thank you for this
Fuse के नाम लगभग हर इंसान जानता है । लेकिन, इसके बारे में पूरी तरह से नही जानते हैं । लेकिन, आपने इस पोस्ट में fuse से जुड़ी सारी जानकारी को आप व्याख्या से बताया । धन्यवाद
Fuse, MCB jaise devices se hi kai bade accident hone se ruke hai.
Fuse ke bare me full details dene ke liye Thanks Sir