E-Governance क्या है (प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग)

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Electronic governance या e-governance एक ऐसी व्यवस्था है जिसमें की सरकार Information and Communication Technology (ICT) का उपयोग करती है अपने कार्यों को करने के लिए। जिससे की वो आसानी से सभी government services, exchange of information, communication transactions के साथ साथ अलग अलग standalone systems और services का integration भी कर सकते हैं।

क्या आपको पता है के ई-गवर्नेंस क्या है (What is E-Governance in Hindi)? क्या आपने कभी कोई सरकारी office देखा है? यदि हाँ तो आपने जरुर किसी सरकारी काम के दोरान हो रही मुश्किलों को जरुर नजदीक से जरुर देखा होगा. कैसे आपको घंटों लग जाते हैं उस लम्बी सी कतार में खड़े होकर और जब आपकी बारी आती है तब सामने वाला किसी काम से चले जाता है।

इसी लिए आज मैंने उए सोचा की क्यूँ न आप लोगों को E-Governance क्या है के बारे में पूरी जानकरी देने वाला हूँ जिससे की आपको लोगों को भी सरकार द्वारा प्रदान की हुई इस सुविधा के बारे में पूरी जानकरी हो और आप अपने सरकारी काम घर बैठे आसानी से कर सकें।

तो फिर देरी किस बात की चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं की आखिर ये E-Governance क्या होता है और ये कैसे काम करता है, E-Governance information in Hindi आज प्रदान करने वाला हूँ।

ई गवर्नेंस क्या है – What is E-Governance in Hindi

Governance के बारे में तो शायद सभी को पता होगा लेकिन वहीँ e-governance से शायद आप इतने वाकिब न हों. है तो ये Governance(शासन) ही लेकिन इसमें लोगों को और सरकारी दफ्तरों की चक्कर लगाने की जरुरत नहीं है वो घर बैठे ही अपना सारा काम आसानी से कर सकते हैं. ये एक “अच्छे शासन” का पर्याय बनता जा रहा है. उनका मूल मंत्र भी कुछ इस तरह है

E-Governance Kya Hai Hindi

“एक कदम आपकी और एक कदम आपके लिए ”

इसे सरकार द्वारा लोगों के हित के लिये बनाया गया है, और मेरे हिसाब से ये अपना काम सुचारू ढंग से सम्पादन कर रहा है. इस system से सरकारी कामों में न केवल पारदर्शिता दिखाई दे रही है बल्कि इसके साथ साथ सरकरी सभी सुभिधायें बड़ी आसानी से जनसामान्य तक तत्काल पहुँचाया जा रहा है।

ऐसे काम को करने की एक सीमा बना दी गयी है जिससे की सरकारी कामों में अब देरी और रिश्वतखोरी पर लगाम लग गयी है. ज्यादातर सरकारी कामों की विधि अब internet पर ही उपलब्ध हैं इसके साथ कोन से काम के लिए कहाँ जाना है, किससे मिलना है और कब मिलना है ऐसे कई काम अब बड़ी आसानी से उपलब्ध हैं।

अब तो ज्या दातर सरकारी योजनाओं की जानकारी आज इंटरनेट पर हिन्दी में उपलब्ध है. चाहे वह किसानों से सम्बकन्धित हो या मनरेगा से. आयकर भरने के साथ-साथ बिजली, पानी, फोन, बीमा आदि के लिए भुगतान करने से लेकर नौकरी के लिये फॉर्म भरने रिजल्टय देखने एवं आय-जाति निवास प्रमाणपत्र बनवाने जैसे काम “ई-गवर्नेंस” के माध्यीम से इंटरनेट द्वारा कोई भी आम व्यक्ति बडी ही सरलता से ये काम कर सकते हैं।

केंद्र सरकार और राज्य सरकार के विभिन्न विभाग नागरिकों, व्यापारियों और सरकारी संगठन को ही नहीं बल्कि समाज के हर वर्ग को सूचना और प्रौद्योगिकी की सहायता से विभिन्न सेवाएं प्रदान कर रहे है. इसी क्रम में 2006 में शुरू की राष्ट्रीय E-Governance योजना (NEGP) के तहत भारत भर में सहज सेवा केंद्र (CSC) स्थापित किए गये हैं।

ये सहज सेवा केंद्र (CSC) आम आदमी को सीधे तौर पर लाभान्वित कर सहज, सुलभ और उनके घर के द्वार तक सरकारी सेवाएं उपलब्ध कराने का प्रयास कर रहे हैं. ये वाकई के प्रसंसनीय कदम रहा है. देशभर में 1 लाख से ज्यादा(CSC वेबसाइट) सहज सेवा केंद्र अलग-अलग ब्रांड नाम अपनी सेवाएं दे रहे हैं. आगे में आपको इससे मिलने वाले सुविधएं और अन्य पहलूवों के बारे में विस्तृत में जानकारी दूंगा।

E-Governance की श्रेणियां

अब चलिए बात करते हैं की क्या है E-Governance के विभिन्न श्रेणियां. भारत एवं विश्व के कई देशों में E-Governance कई रूपों में प्रवर्तित हैं. अगर हम स्थूल रूप से E-Governance संबंधी परियोजनाओं को सेवा प्रदान करने की दृष्टि से इन्हें मुख्य रूप से पांच श्रेणियों में विभक्त किया जा सकता है –

  1. जी.टू.जी. (सरकार से सरकार तक): जब सरकार के किसी विभाग का दूसरे किसी विभाग से E-Governance के माध्यम से संपर्क होता है तो यह श्रेणी गवर्नमेंट टू गवर्नमेंट कहलाती है. जैसे खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्रालय, खाद्यान्नों सम्बन्धी आवश्यकताओं की सूचना कृषि मंत्रालय को भेजे या वित्त मंत्रालय अन्य मंत्रालयों को वित्तीय सूचना उपलब्ध कराए इत्यादि.
  2. जी.टू.सी. (सरकार से जनता तक): सरकार एवं नागरिकों के बीच पास्परिक व्यवहार गवर्नमेंट टू citizen (नागरिक) श्रेणी में आता है जैसे आयकर विवरणी जमा कराना, विद्युत् एवं जल सम्बन्धी शिकायतें करना इत्यादि.
  3. जी.टू.बी. (सरकार से व्यवसाय तक): गवर्नमेंट टू बिजनेस (व्यापार) श्रेणी के अंतर्गत सरकार व्यापार जगत से संपर्क कर लेन-देन करती है, जैसे online ट्रेडिंग तथा सीमा एवं उत्पाद शुल्क संबंधी प्रकरण इत्यादि.
  4. जी.टू.ई. (सरकार से कर्मचारी तक): इसमें सरकार अपने कर्मचारियों (गवर्नमेंट टू इम्पलॉयी) से संप्रेषण करती है.
  5. सी.टू.सी. (नागरिक से नागरिक तक): citizen टू citizen श्रेणी में नागरिकों का पारस्परिक सम्पक होता है.

इन उपरोक्त श्रेणियों का विकास कर प्रशासन का उपसर्ग ‘ई’ या ‘e’ – दक्षता (efficiancy), सशक्तिकरण (empowerment), प्रभावशीलता (effectiveness), आर्थिक एवं सामाजिक विकास (economic and social development), संवर्द्धित सेवा (enhances services) जैसे तत्वों को हासिल करने का प्रयास करता है।

E-Governance Portal द्वारा दी जाने वाली Online सेवाएं

E-Governance से ये तात्पर्य है की Information and Communication Technology का इस्तमाल सरकारी कामों के सभी स्थरों में देश के नागरिकों को अच्छी services प्रबन्ध करना है।

इससे informations की exchange अलग अलग agencies और सरकार के बिच जल्द, convenient तोर से, पारदर्शिता के साथ हो. E-Governance Portal में आप ऐसे अनेक सुविधायें के बारे में प्राप्त कर सकते हैं. इस portal में आप जो सेवाएं और सुविधायें का लाभ उठा सकते हैं उन्ही के बारे में आगे मैं आपको लोगों को बताने जा रहा हूँ।

ई-परिवहन सेवाएं

2006 में भारत सरकार द्वारा E-Governance योजना (NEGP) की शुरुआत कम्प्यूटर के माउस के क्लिक पर सभी सरकारी सेवाएं आम आदमी को सुलभ बनाने के प्रयास के रुप में की गई थी. E-Governance योजना के तहत ई-परिवहन सेवाओं में हवाई, रेल और सड़क परिवहन आदि से संबंधित सेवाएं ऑनलाइन शुरु कर सफलता पूर्वक संचालित की जा रही हैं।

उपलब्ध सेवाएं :

  • ऑनलाइन रेल टिकट बुकिंग
  • पीएनआर स्थिति की जाँच
  • दो स्टेशनों के बीच रेल सेवाएं
  • रेल भाड़ा व आरक्षण सुविधा
  • रेल एस.एम.एस सेवा आदि
  • आई-टिकट सेवाएं

ई-बाज़ार सूचना

फसलों से संबंधित विभिन्न उत्पादों के बाजार भाव से जुड़ी सूचनाओं की उपयोगिता धीरे-धीरे किसानों के लिए बहुत महत्वपूर्ण होती जा रही है . हालांकि किसान ये सभी जानकारी स्थानीय बाजार या मंडी निकायों से प्राप्त कर सकते हैं।

पर सूचना प्रौद्योगिकी के तेजी से होते प्रसार और उसकी सरल उपयोग से केंद्रीकृत और स्थानीकृत सूचनाएं अब घर बैठे ही प्राप्त हो रही हैं. इसी क्रम में किसानों को सक्षम करने के अंतर्गत ग्रामीण बाजार को उत्पादों को ऑनलाइन माध्यम से बेचने की विशेषताओं से स्थापित किया जा रहा है. ये जानकारियां न केवल किसानों बल्कि मुख्यत: दैनिक कृषि से जुड़े सभी लोगों के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।

दैनिक बाजार भाव

उपलब्ध सेवाएं:

  • कृषि उत्पादों (खाद्यान्न फसलें, फल व सब्जियाँ) का दैनिक बाजार भाव
  • हिन्दी, तेलुगु, पंजाबी, मराठी, बांगला, तमिल, असमिया, कन्नड़, उड़िया व मलयालम में सूचनाएँ उपलब्ध
  • बाजार भाव आप निम्न वेबसाइटसे भी प्राप्त कर सकते हैं

ई-नागरिक (citizen) सेवाएं

राष्ट्रीय E-Governance योजना (NEGP) के तहत online नागरिक सेवाएं की उपलब्धता ई-शासन का एक महत्वपूर्ण भाग है. इस योजना के तहत नागरिकों को इन सेवाओं के लिए सरकारी कार्यालयों में जाने की जरूरत नहीं होती है. वे इन योजनाओं और इनसे मिलने वाला लाभ कार्यालयों में या अपने घर में आराम से बैठे ले सकते हैं।

इसके अंतर्गत आप इन सेवाएँ का लाभ उठा सकते है

  • आधार कार्ड
  • मनरेगा के अंतर्गत आवेदन दें
  • ऑनलाईन पासपोर्ट के लिए आवेदन करें
  • ऑनलाईन पेन कार्ड के लिए आवेदन करें
  • ऑनलाइन आयकर रिटर्न फाइलिंग
  • अपना नाम मतदाता सूची में खोजें

ई-डाक और संचार सेवाएं

डाक और दूरसंचार विभाग के संचार और सूचना प्रौद्योगिकी (Infromation and Communication Technology) मंत्रालय के अंतर्गत आते हैं.भारत का डाक विभाग दुनिया की सबसे पुरानी मेल सेवाओं में से एक है और काफी विस्तृत भी।

समय के साथ आगे बढ़ते हुए इसने अनेक नई तकनीकों को अपनाया है और अब लोगों को त्वरित और सुलभ सेवा देने के लिए संचार प्रौद्योगिकी का बेहतर उपयोग कर रहा है।

इसके अंतर्गत आप इन सेवाएँ का लाभ उठा सकते है

  • त्वरित ई-पोस्ट सेवा
  • त्वरित मनी ऑर्डर सेवा
  • स्पीड पोस्ट स्थिति की नवीनतम जानकारी
  • डाक खर्च की ऑनलाइन गणना

ई-ग्रामीण विकास से संबंधित जानकारी

भारत के करीब 70 फीसदी लोग ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं. ग्रामीण विकास मंत्रालय ग्रामीण क्षेत्रों के समग्र विकास की रणनीति में एक निर्णायक भूमिका निभाता है. इस संबंध में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (Infromation and Communication Technology) की मदद से सरकार द्वारा कई ऑनलाइन सेवाएं प्रदान की जा रही हैं।

इसके अंतर्गत आप इन सेवाएँ का लाभ उठा सकते है

  • पी.एम.जी.एस योजना स्थिति की जाँच
  • के.वी.आई.सी कोर्स- ऑनलाइन आवेदन
  • सरकारी योजनाएँ जानें
  • अपनी ग्राम पंचायत खोजें
  • ग्रामीण अधिवास सूचना
  • वर्षा जल-संरक्षण हेतु लागत गणना

ई-शैक्षिक सेवाएं

Online learning, e-learning के कई पहलुओं में से एक है जिससे पता चलता है शिक्षा के क्षेत्र में इलेक्ट्रॉनिक और सूचना और संचार प्रौद्योगिकी का उपयोग कितना लाभकारी है. यह internet के माध्यम से शैक्षिक जानकारी देने का एक बहुत ही बेहतरीन तरीका है।

यह लचीला और स्वयं आत्मसात करने और दूरस्थ शिक्षा के लिए अनुकूल है. शिक्षा के क्षेत्र में आईसीटी के उपयोग ने उन लाखों शिक्षार्थियों के लिए जो दूर के स्थानों से अपनी शिक्षा को आगे बढ़ाना चाहते हैं उनके लिए शिक्षा को जारी जुड़े रहना संभव बना दिया है।

इसके अंतर्गत आप इन सेवाएँ का लाभ उठा सकते है

  • एन.सी.ई.आर.टी पुस्तक डाउनलोड करें
  • परीक्षा परिणाम
  • अध्ययन केन्द्र पता खोजें
  • भारतीय शैक्षणिक संस्थान
  • रोजगार
  • छात्रवृत्ति के लिए आवेदन
  • उच्च शिक्षा के लिए ऋण

ई-भारत सूचनाएं

भारत के National Portal पर पुरे भारत के जिलों के बारे में जानें भारत सरकार की वेब निर्देशिका देखें और भारत के राज्य और केन्द्रशासित प्रदेश अपने लोकसभा सांसद की जानकारी पायें और राज्यसभा सांसद की जानकारी पायें, ऐसी अनेक जानने योग्य बातें आओ यहाँ प्राप्त कर सकते हैं।

ई-शिकायत निवारण

जब भी जनता-सरकार आपस में संपर्क बनाते हैं या बातचीत करने का प्रयास करते है, नागरिक इसका अनुमान इस प्रकार भी लगा सकते है कि यह सही है या सिर्फ अपेक्षा. कई बार संवाद के सही दिशा में न होने की स्थिति शिकायत के लिए वैध आधार बनाती है।

इस संपर्क को नया रुप देते हुए और इसमें तकनीक का उपयोग करते हुए सरकार ने शिकायत निवारण के और जनता की शिकायतों को दर्ज करने के लिए एक Portal की स्थापना की है. यहाँ हम आपको संबंधित विभाग की लिंक दे रहे हैं जो आपको संबंधित विभाग की वेबसाईट पर सीधे ले जाती है।

इसके अंतर्गत आप इन सेवाएँ का लाभ उठा सकते है

  • ऑनलाइन शिकायत दर्ज करायें
  • अधिकारियों की ऑनलाइन शिकायत
  • आर.टी.आई कानून के तहत शिकायत
  • एनआरईजीएसः शिकायत निपटारा
  • महिला आयोग से शिकायत
  • बैंक संबंधी शिकायत
  • उपभोक्ता शिकायत निवारण
  • मानवाधिकार आयोग से शिकायत
  • शिकायत दर्ज कराने की सुविधा

ई-पर्यटक Visa सुविधा

पर्यटन मंत्रालय वीजा व्यवस्था को सरल बनाने के लिए समय-समय पर गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के साथ मिलकर कार्य कर रहा है।

मंत्रालय ने इलेक्ट्रॉनिक यात्रा प्राधिकार (ईटीए) (जिसे ई-पर्यटक वीजा का नाम दिया गया है) से सक्षम आगमन पर पर्यटक वीजा के कार्यान्वयन के संबंध में पहल का समर्थन किया है और वह इस कार्यक्रम को लागू करने के लिए गृह मंत्रालय, विदेश मंत्रालय और नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सभी प्रकार की सहायता देने के लिए प्रतिबद्ध है।

E-Governance की विशेषताएं

अब चलिए E-Governance की कुछ ख़ास विशेषताएं के बारे में जानते हैं :-

  • इसमें प्रशासनिक नेतृत्व एवं प्रौद्योगिकी का एकीकरण हो जाता है.
  • सरकारी विभागों या अभिकरणों से संबंधित सूचनाएं एवं सेवाएं इण्टरानेट एवं इंटरनेट पर उपलब्ध होना एवं स्वयं सरकार द्वारा सूचना प्रौद्योगिकी की आधुनिक तकनीकों का प्रशासनिक कृत्यों में प्रयोग करना, E-Governance का व्यावहारिक स्वरूप है.
  • यह प्रशासन में सूचना प्रौद्योगिकी का संपूर्ण आत्मसात् कारण है और इसमें ई-गवर्नेस शामिल है.
  • ई-गवर्नेस, लोक प्रशासन में स्वचालन की अवधारणा तथा प्रयासों का परिष्कृत एवं विस्तार स्वरूप है.
  • E-Governance की अवधारणा मूल रूप से बेहतर सरकार की मान्यता को पल्लवित करती है जिसके तहत म्नौकर्शाही का छोटा आकार, प्रशासन में सच्चरित्रता, लोक सेवाओं के प्रति जवाबदेही, जनता में प्रशासन के प्रति विश्वसनीयता जगाना तथा प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता लाना इत्यादि शामिल हैं.
  • इस व्यवस्था से कागजी कार्यवाही में कमी आती है तथा विलंब और बाबू राज पर रोक लगती है.
  • ई-गवर्नेस द्वारा टेलीकांफ्रेंस संभव हुआ है जिससे प्रशासन में दक्षता आई है.
  • यह अभिशासन की स्थापना की एक पद्धति है.
  • इसमें एक ही कार्य की पुनरावृत्ति नहीं होती और निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक कार्यक्रमों के रूप में प्रोग्राम विकसित कर दिया जाता है.

E-Governance के लाभ

ई-गवर्नेंस नागरिकों एवं व्यवसाय के लिए सुगम एवं लागत हितैषी है. इसके माध्यम से बिना समय, ऊर्जा एवं पैसा गवांए बेहद अद्यनूतन सूचना प्राप्त हो जाती है. ई-शासन के लाभों में शामिल हैं- दक्षता, बेहतर सेवाएं, लोक सेवाओं तक बेहतर पहुंच और अधिक पारदर्शिता एवं जवाबदेही।

  • सरकारी विभागों की संगठनात्मक, कार्यात्मक एवं प्रक्रियात्मक सूचनाएं
  • आदेश पत्रों की उपलब्धता एवं भरे हुए पत्रों की स्वीकार्यता
  • विकासपरक एवं सामाजिक कल्याण से संबंधित योजनाओं का विवरण
  • पंजीकरण सुविधा
  • ऑनलाइन मण्डी, नीलामी तथा बिल जमा सुविधा
  • दस्तावेजों की प्रतिलिपियां
  • प्रबोधन, नियंत्रण तथा मूल्यांकन की नियमित एवं निर्धारित प्रक्रियाएं
  • नियंत्रण का क्षेत्र व्यापक हो गया है.
  • अपराधियों, भ्रष्ट प्रशासनिक अधिकारियों तथा करदाताओं से सम्बंधित विवरण
  • शिकायत पंजीकरण तथा निस्तारण
  • कागजी कार्रवाई में कमी आती है और बाबू राज पर अंकुश लगता है.
  • अधिकारियों के व्यक्तिगत दौरों, निरीक्षण, पर्यवेक्षण तथा प्रत्यक्ष नियंत्रण का स्थान दूर बैठ वार्तालाप ने ले लिया है.
  • एक ही प्रकृति के कार्य को बार-बार करने की बजाय निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक कार्यक्रमों के रूप में विकसित कर दिया जाता है.

भारत में E-Governance

भारत में सुशासन के प्रयास में सूचना क्रांति (Information Technology) ने एक शक्तिशाली उपकरण का कार्य किया है. ज्ञातव्य है कि भारत सूचना प्रौद्योगिकी क्षमता में एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है।

ई-प्रशासन, ई-शिक्षा, ई-व्यापार, ई-वाणिज्य, ई-मेडिसिन आदि ऐसे कई क्षेत्र है जहाँ सुचना प्रौद्योगिकी की प्रभावशाली भूमिका में महत्वपूर्ण प्रगति देखी जा सकती है. ई-गवर्नेंस (E-Governance) के अंतर्गत सरकारी सेवाएं एवं सूचनाएं पहुँचाने में विभिन्न इलैक्ट्रॉनिक विधियों एवं उपकरणों का प्रयोग किया जाता है।

ई-प्रशासन के माध्यम से शासन को सरल, नागरिकोन्मुख, पारदर्शी, जवाबदेह एवं त्वरित बनाया जा सकता है।

ई-गवर्नेस के उद्देश्य

  • सरकार के निर्णयों में सुधार लाना
  • सूचना युग में नागरिकों की इच्छाओं की सुव्यवस्था की योग्यता प्राप्त करना
  • सरकार की जवाबदेही एवं पारदर्शिता (transparancy) बढ़ाना
  • सरकार में लोगों के विश्वास में वृद्धि करना
  • नयी चुनौतियों का सामना करने में गैर-सरकारी संगठनों, व्यवसायियों एवं इच्छुक नागरिकों को प्रभावी रूप से शामिल करना.

ई-गवर्नेस की उपयोगिता

  • ग्रामीण क्षेत्र में रहने वाले लोग भी देश-विदेश के घटनाक्रम से भली-भांति परिचित हो सकेंगे.
  • सूचना का अधिकार एवं ई-प्रशासन मिलकर देश के विकास में क्रांतिकारी परिवर्तन ला सकेंगे.
  • विभिन्न योजनाओं/परियोजनाओं की जानकारी एक आम आदमी तक इंटरनेट के माध्यम से पहुंचायी जा सकती है ताकि वे उसके बारे में जान सकें एवं लाभान्वित हो सकें.
  • इसके माध्यम से योजनाओं एवं दस्तावेजों का सुव्यवस्थित रख-रखाव संभव हो सकेगा.
  • सूचनाएं सीधे सम्बद्ध व्यक्ति तक पहुंच सकेंगी और बिचौलियों की भूमिका खत्म हो सकेगी जो शोषण का एक कारक है.
  • ज्ञान-आधारित भारत के निर्माण में ई-गवर्नेस एक महत्वपूर्ण कारक है.

भारत में ई-गवर्नेस की चुनौतियां

माना की E-Governance एक बहुत बड़ा कदम है सरकार की तरफ से लेकिन इसे चलाने में भी सरकार को बहुत से चुनोतियों का सामना करना पड़ रहा है. आगे हम उसी विषय में आपको जानकारी देंगे।

1.तकनिकी चुनौतियां :

इसके अंतर्गत सभी आंकड़ों की परिभाषा, संचालनात्मक कार्य-प्रक्रियाएं, तकनीकी मानक एवं प्रोटोकॉल्स, सूचना गुणवत्ता, सुरक्षा, आदान-प्रदान एवं नियंत्रण, साझी सुविधाओं की लागत, तथा वस्तु पहचान एवं संख्या इत्यादि शामिल हैं।

इसके बाद ई-सरकार को रूपांतरित करने के मामले पर ध्यान दिया गया है ताकि उसे ग्राहक केंद्रित और नागरिक केंद्रित बनाया जा सके. वन स्टॉप शॉप्स पोर्टल का विकास करना जो नागरिकों को व्यापक सेवाएं दे सकें।

इसके लिए वेबसाइटों पर विषय-वस्तुओं का इस प्रकार प्रबंधन किया जाना शामिल है की उनमें अधिकारों, कर्तव्यों, प्रक्रियाओं, संपर्कों, अक्सर पूछे जाने जाने वाले प्रश्नों एवं फीडबैक, लेन-देन की पहचान और प्रमाणीकरण इत्यादि के लिए प्रणाली का विकास तथा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता से जुड़ी पहलें निहित हो।

2. संरचनात्मक चुनौतियां:

E-Governance की संस्थात्मक चुनौतियों का जन्म मानसिक, क़ानूनी एवं सामाजिक-सांस्कृतिक कारकों से होता है. मानसिक बाधाओं का जन्म विवेकाधिकार एवं अधिकारियों की शक्ति में कमी-खास तौर पर गली-मोहल्लों के स्तर पर तथा इस बात की परिकल्पना से होता है कि सूचना और संचार प्रौद्योगिकी ने उनके सारे कार्य दायित्व अपना लिए हैं।

सरकार में सूचना और संचार प्रविधि अनुप्रयोगों के समक्ष कड़ी क़ानूनी बाधाओं की शुरुआत सूचनाओं की साझेदारी से हो सकती है जिसके कारण सीमा रेखाएं अस्पष्ट हो सकती हैं, प्रामाणिक सूचना का अभाव हो सकता है तथा दायित्वशीलता का बंधन शिथिल पड़ सकता है।

इसके अतिरिक्त, भारत में e-government के दायरे में शासन की नई आवश्यकताओं को शामिल करने के लिए देश की वैधानिक व्यवस्था में संशोधन किए जाने की आवश्यकता हो सकती है. जोखिम से बचने एवं नई सूझ-बूझ की कमी जैसी सांस्कृतिक बाधाएं सरकार के दायरे में सूचना और संचार तकनीकी के आत्मार्पण को हतोत्साहित कर सकती हैं।

3. संगठनात्मक चुनौतियां:

पुनः संगठन की प्रक्रिया एक चुनौती प्रस्तुत करती है, जैसे नियंत्रण समाप्त होना, स्वामित्व की भावना की कमी, तकनीकी विशेषज्ञों में दूरदृष्टि का अभाव तथा सामाजिक समस्याओं को समझने में अक्षमता तथा जड़ता।

सुस्पष्ट भूमिकाओं और दायित्वों के निर्वहन, शक्ति के क्षैतिज एवं आनुलाम्बिक विभाजन, तथा पदानुक्रमित संरचना के साथ-साथ सरकार की अफसरशाही संरचना की सूचना और संचार तकनीक के अनुप्रयोगों से इसकी स्थिरता एवं लोचहीनता के कारण-अधिक तालमेल नहीं बैठ पाता और न ही उससे अच्छी तरह अंतःसंबंध ही कायम हो पाता है. इससे काम करने में बड़ी परेशानी उत्पन्न होती है।

ये तो थी वो चुनौतियां जिससे सरकार को जूझना पड़ रहा है E-Governance को अमल में लाने के लिए. इसलिए मेरा यह मानना है की सरकार की इस कोशिश में हम सभी भारतीयों को E-Governance का साथ देना चाहिए. ऐसा होने से सरकार की बहुत से चुनौतियां ऐसे ही खत्म हो जाएँगी और इसके साथ साथ ये हमारे लिए भी बहुत लाभदायक है।

आज आपने क्या सीखा

मुझे पूर्ण आशा है की मैंने आप लोगों को ई-गवर्नेंस क्या है (E-Governance in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी दी और मैं आशा करता हूँ आप लोगों को E-Governance कैसे काम करता हैं के बारे में समझ आ गया होगा।

मेरा आप सभी पाठकों से गुजारिस है की आप लोग भी इस जानकारी को अपने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों, अपने मित्रों में Share करें, जिससे की हमारे बिच जागरूकता होगी और इससे सबको बहुत लाभ होगा. मुझे आप लोगों की सहयोग की आवश्यकता है जिससे मैं और भी नयी जानकारी आप लोगों तक पहुंचा सकूँ।

मेरा हमेशा से यही कोशिश रहा है की मैं हमेशा अपने readers या पाठकों का हर तरफ से हेल्प करूँ, यदि आप लोगों को किसी भी तरह की कोई भी doubt है तो आप मुझे बेझिजक पूछ सकते हैं. मैं जरुर उन Doubts का हल निकलने की कोशिश करूँगा. आपको यह लेख E-Governance क्या है कैसा लगा हमें comment लिखकर जरूर बताएं ताकि हमें भी आपके विचारों से कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिले।

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Comments (10)

  1. अति सुविधाजनक और ज्ञान से परिपूर्ण आर्टिकल को सीधे समझ में आ गया

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  2. मुझे
    E governance
    ईसके बारे में कुछ खास बातें जानकारी प्राप्त हुई
    इसके लिए मैं आपको दिल से धनयवाद देता हूं
    Think you

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    • Thanks Chandan ji, mujhe khusi hui ki aapko mere post E-Governance क्या है (प्रशासनिक सुधार और लोक शिकायत विभाग) se bahut kuch sikhne ko mila.

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