क्या आप जानते हैं की Inductor क्या है? ये कैसे काम करता है, इसके कितने प्रकार हैं, इसे इस्तमाल करने के फायेदे क्या हैं इत्यदि. यदि आपको भी इन सभी सवालों के जवाब पता नहीं है तब घबराने की कोई जरुरत नहीं है क्यूंकि आज हम इस article के माध्यम से इन सभी सवालों के जवाब पाएंगे।
इंडक्टर एक ऐसा component होता है जो की AC current के changes को resist करने में सक्षम होता है. इसके साथ ये energy को magnetic field में store भी कर सकता है जब current उसके माध्यम से गुजरती हैं तब।
ये changing current (AC) एक changing magnetic field उत्पन्न करती है जो की एक voltage induce करती है, और ये उस current को oppose करती है जो की magnetic field से उत्पन्न हुई होती है. इसे ही Inductance कहते हैं. इसलिए आप इंडक्टर को एक AC resistor भी समझ सकते हैं।
आसान शब्दों में कहें तब ये inductor coil of wires होता है जिसे की core के around wrapped किया गया होता है. ये core उस wire के लिए एक support प्रदान करता है. इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को Inductor क्या है के विषय में पूरी जानकारी प्रदान करूँ जिससे आपको आने वाले समय में Inductor की basics पूरी तरह से clear हो. तो बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं, इंडक्टर क्या होता है।
इंडक्टर क्या है – What is Inductor in Hindi
Inductor एक passive electronic component होता है जो की energy को store करता है magentic field के form में. आसान शब्दों में कहूँ तो, एक inductor में एक wire loop या coil ही होता है. इसमें inductance directly proportional होता है number of turns in the coil के साथ।
Inductance दुसरे चीजों के ऊपर भी निर्भर करता है जैसे की coil की radius और type of material जिसके चारों तरफ coil को wound किया गया हो।
Inductor एक wire से ही बना हुआ होता है जिसकी property होती है inductance, i.e. की ये current की flow को oppose करता है. Wire की inductance तब बढती है जब number of turns को बढ़ा दिया जाये. Inductance को alphabet ‘L’ से represent किया जाता है और इसे measure किया जाता है Henry में. ये inductance characterise करता है inductor को।
Flux और current का ratio ही inductance प्रदान करता है.
L = Φ / I
इंडक्टर कैसे काम करता है?
Inductor एक ऐसा electrical device होता है जो की electrical energy को store करता है magnetic field के form में. इसे construct किया जाता है wire को core में wound करके. ये cores या तो ceramic material के बने होते हैं, या iron या फिर air से. इसकी core या तो toroidal होता है या फिर E- shaped।
जो coil में electric current travel कर रही होती है वो magnetic field induce करती है conductor के चारों और. Magnetic Field की intensity तब बढ़ जाती है जब core को coil के बिच place किया जाता है. ये core low reluctance path प्रदान करता है magnetic flux को।
Magnetic field induce करते हैं EMF, coil में जिससे current उत्पन्न होता है. और Lenz’s law के हिसाब से, कारण (causes) हमेशा oppose करते हैं effect को. यहाँ पर current ही वो causes हैं, और ये induce होता है voltage के वजह से।
इसलिए, EMF oppose करता है change of current को जो की magnetic field को change करती है. वो current जो की कम होती है क्यूंकि inductance के कारण उसे ही inductive reactance कहा जाता है. ये inductive reactance increase करती है number of turn of coils के increase होने से।
इंडक्टर के प्रकार – Types of Inductor in Hindi
वैसे तो Inductor के बहुत से types हैं लेकिन उनमें से जो मुख्य हैं, चलिए उनके विषय में जानते हैं।
1. Air cored inductor:
इस प्रकार का inductor को normally इस्तमाल किया जाता है RF applications में जहाँ inductance की level जो चाहिए वो बहुत ही छोटी होती है.
ये बात की कोई भी core का इस्तमाल नहीं हो रहा है अपने आप में कई advantages लेकर आता है: इसमें core के भीतर कोई loss नहीं होती है क्यूंकि air lossless होता है, और इससे high-level की Q होती है, यदि हम ये assume कर लें की inductor या coil resistance low हैं तब।
इसके विपरीत number of turns coil में ज्यादा होती है जिससे की समान level का inductance gain कर सकें और इससे physical size में increase होती है।
2. Iron cored inductor:
Iron cores का इस्तमाल normally high power और high inductance types के inductor में होता है. कुछ audio coils या chokes में iron laminate का भी इस्तमाल होता है. वैसे इन्हें ज्यादा widely use नहीं किया जाता है।
Mechanical Inductor के प्रकार और उनके कार्य
Inductors को उनके mechanical construction के हिसाब से भी categorised किया जाता है. चलिए उसी के विषय में कुछ जानते हैं।
१. Bobbin based inductor: इस type का inductor होता है एक cylindrical bobbin में. इसे design किया जाता है printed circuit board mounting के लिए, यहाँ तक की surface mount के लिए भी क्यूंकि वो बहुत ही बड़े होते हैं और उन्हें mount किया जाता है कुछ mechanical means के द्वारा. कुछ पुराने version के inductors में यही similar format का इस्तमाल होता है।
२. Toroidal inductor: ये form का inductor toroid के ऊपर wound किया हुआ होता है – एक circular former में. Ferrite का इस्तमाल होता है एक former के हिसाब से क्यूंकि इससे ये core की permeability को बढाती है. Toroid का जो मुख्य advantage होता है वो ये की toroid enable करती है magnetic flux को जिससे ये travel करती है एक circle में toroid के चारों तरफ और जिससे flux leakage बहुत ही low होती है।
३. Multilayer ceramic inductor: इस प्रकार की inductor का इस्तमाल surface mount technology में ज्यादा होता है. Inductor को manufacture किया जाता है ferrite के within और more commonly एक magnetic ceramic material से. इसमें coil को रखा जाता है ceramic body के भीतर ही और external circuit को present भी किया जाता है end caps में जैसे की एक chip capacitors में किया जाता है।
४. Film inductor: इस form का inductor एक film of conductor का इस्तमाल करता है एक base material के ऊपर. इस film को बाद में etched किया जाता है और फिर shaped किया जाता है जिससे conductor को उसका सही profile प्रदान किया जा सके।
इंडक्टर का क्या काम है?
वैसे Inductor के बहुत सारे application होते हैं. इसलिए चलिए Inductor के कुछ Application के विषय में थोडा discuss करते हैं।
1. Filters
Inductors का इस्तमाल ज्यादातर capacitors और resistors के साथ होता है filters बनाने के लिए, analog circuits और signal processing में इस्तमाल हेतु. वैसे अकेले एक inductor function करता है एक low-pass filter के तरह. वैसे inductor की impedance increase होती है जैसे signal की frequency increase होती है
जब inductor को एक capacitor के साथ combine किया जाता है तब इसकी impedance decrease होती है जैसे जैसे signal की frequency increase होती है, ऐसे में इसे एक notched filter बनाया जा सकता है जो की केवल कुछ frequency range को ही pass करे।
ऐसे में capacitors, inductors, और resistors को combine बहुत से advanced filter topologies बनाया जा सकता है जिन्हें की बहुत से applications में इस्तमाल किया जा सकता है।
2. Sensors
Inductors का इस्तमाल Contactless sensors को बनाने के लिए इस्तमाल होता है. Inductive Sensors का इस्तमाल traffic के intersection में किया जाता है जिससे traffic की तादाद को जाना जा सके और उस हिसाब से signal को adjust की जा सके accordingly।
3. Transformers
Inductors को combine कर जिनके की shared magnetic path होती है, तब इससे एक transformer बनाया जा सकता है. चूँकि ये transformer एक बहुत ही fundamental component होते हैं किसी भी national electrical grids की. इसलिए Inductors का इस्तमाल इन transformers में होने से inductors की dependency बढ़ जाती है।
4. Motors
Normally inductors हमेशा एक fixed position में रहते हैं और उन्हें allow नहीं किया जाता है अपने को move करने के लिए जिससे वो खुद को align कर सकें किसी भी nearby magnetic field के साथ. Inductive motor leverage उठाती है उस magnetic force का जो की apply किया जाता है inductors के ऊपर जिससे electrical energy को mechanical energy में बदला जा सके।
Inductive motors की जो सबसे बड़ी advantage है वो ये की दुसरे designs के तरह इसमें कोई भी electrical contact की जरुरत नहीं होती है rotor और motor के बिच जिससे inductive motors ज्यादा robust और reliable बनते हैं।
5. Energy Storage
Capacitors के तरह ही inductors का भी इस्तमाल energy storage के लिए किया जा सकता है. लेकिन capacitors के विपरीत inductors में बहुत severe limitation होती है की कितनी देर तक energy को store किया जा सके क्यूंकि इसमें energy को magnetic field में store किया जाता है जो की कभी भी collapse हो सकता है अगर power को निकाल दिया गया तब।
इसलिए इनका जो मुख्य इस्तमाल होता है वो ये की इन्हें Energy Storage के हिसाब से इस्तमाल किया जाये switch-mode power supplies में, जैसे की power supply किसी PC में।
विशेष प्रकार के इंडक्टर
चलिए जानते हैं कुछ विशेष प्रकार के इंडक्टर के विषय में Iron पाउडर इंडक्टर | Laminated core इंडक्टर | Multi लेयर ceramic इंडक्टर | Coupled इंडक्टर
Inductor का उपयोग क्यों किया जाता है ?
प्रेरक या इंडक्टर (inductor) एक वैद्युत अवयव है जिसमें कोई विद्युत धारा प्रवाहित करने पर यह चुम्बकीय क्षेत्र के रूप में उर्जा का भंडारण करता है।
आज आपने क्या सीखा?
मुझे आशा है की मैंने आप लोगों को इंडक्टर क्या है (What is Inductor in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को Inductor क्या है के बारे में समझ आ गया होगा. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं।
आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा. यदि आपको मेरी यह लेख Inductor क्या काम करता है अच्छा लगा हो या इससे आपको कुछ सिखने को मिला हो तब अपनी प्रसन्नता और उत्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये।
thanks for such amazing post.