शेयर मार्केट का गणित में छुपा है पैसा कमाने का अचूक उपाय

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By: Gnyana
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बहुत से लोगों के मन में यह सवाल आता है की शेयर बाजार का गणित क्यों सीखना चाहिए? विभिन्न तरह की गणितीय अवधारणाएं, आंकड़े और अर्थमिति शेयर बाजार में आपके व्यापार को बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभाता है। 

शेयर बाजार का गणित निवेश के बेहतर विश्लेषण करने में मदद करता है। शेयर मार्केट के गणित के पैमानों से सही शेयरों को पहचानने में मदद मिलती है। 

शेयर बाजार का गणितीय सिद्धांत

शेयर मार्किट की गणितीय अवधारणाएं ट्रेडिंग में एक ख़ास भूमिका निभाती हैं। यहाँ हम विभिन्न गणितीय अवधारणाओं पर एक नज़र डालते है। शेयर मार्केट में शुरुआत कैसे करें समझने के लिए आप इस पोस्ट को पढ़ सकते है।

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Descriptive Statistics (वर्णनात्मक आँकड़े)

वर्णनात्मक आँकड़ों के माध्यम से समझते है यह संक्षिप्त वर्णनात्मक गुणांकों के साथ जो डेटा सेट दिए गए होते है उन्हें सारांशित करते हैं। 

Probability (संभावना)

किसी भी तरह की गणितीय प्रणाली, चाहे वह कितनी भी Advance क्यों न हो, वह वास्तविक भविष्य की भविष्यवाणी नहीं कर सकती। पर यह (संभावना) जटिल गणित घटनाओं की संभावना की गणना कर सकता है। 

यह शेयर मार्केट में लागू होता है। इससे व्यापारी इस बात की संभावना लगा पाते है की किसी निश्चित तारीख से पहले कुछ बुरा हो सकता है। 

Linear Algebra (रैखिक बीजगणित)

रैखिक बीजगणित, गणित की एक शाखा होती है, जिसमें रैखिक समीकरण होते हैं। जैसे कि A1 X1 + …… + An Xn  = B  

Linear Algebra एक तरह से डेटा का गणित होता है, इसमें Matrices और Vectors डेटा का सार होते हैं। 

Linear Regression (रेखीय प्रतिगमन)

रैखिक प्रतिगमन एक अन्य विषय है यह Algorithm बनाने में सहायक होता है और एक Model भी है जिसे आंकड़ों में विकसित किया जाता है।

Calculus (गणना)

Algorithmic Trading के मुख्य सिद्धांतो में से Calculus एक है, जिसे Infinitesimal Calculus भी कहा जाता है। जिसका मतलब है उन मूल्यों का अध्ययन करना जो सच में छोटे हैं यानि की जिन्हें मापा जा सकता है।

Calculus के दो प्रकार होते है 

  1. Differential Calculus –  यह दरों और वक्रों के ढलानों में होने वाले तात्कालिक परिवर्तन की गणना करता है। 
  2. Integral Calculus – यह एक साथ जोड़ी गई मात्राओं को Calculate करता है।

Quant और Quantitative Analyst का क्या अर्थ है ?

Quantitative Analyst (मात्रात्मक विश्लेषक) वित्तीय संस्थानों के लिए एक जटिल ढांचा तैयार करता है। 

यह ढांचा उन्हें वित्तीय बाजार की कीमतों में और व्यापार प्रतिभूतियों में सहायता करने के लिए बनाया जाता है।

यदि आप Share Market में अपने पैसे निवेश करना चाहते हैं तब ऐसे में आप Discount Broker “Zerodha” पर अपना account बना सकते हैं. इसमें आप बहुत ही जल्द और आसानी से Demat Account खोल उसमें Share भी खरीद सकते हैं. निचे इसकी link दी गयी है।

Quants दो प्रकार के होते है 

  1. फ्रंट ऑफिस क्वांट – यह Quants व्यापारी को सीधे वित्तीय प्रतिभूतियों या व्यापारिक उपकरणों की कीमत प्रदान करने में सहायक होते हैं।
  2. बैक ऑफिस क्वांट्स – Back Office Quants पहले पूरी तरह से शोध करती है जिसके बाद ढांचे को मान्य करना और नई रणनीतियां बनाने का कार्य करती हैं।

शेयर मार्केट के लिए गणित क्यों आवश्यक है ?

Quant के कार्य करने का तरीका यह होता है की वे कार्य के दौरान मार्केट की Performance पर नजर रखते है। मार्केट के आंकड़ों के आधार पर Quant किस तरह से पूर्वानुमान लगा सकता है? 

तो इसका जवाब है “गणित ” यह गणित के आधार पर भविष्यवाणी या पूर्वानुमान लगाते हैं। 

इस प्रकिया में शेयर बाजार से डेटा खरीदा जाता है डेटा खरीदने के बाद उसका विश्लेषण करते है। इस प्रक्रिया में Stock की कीमतों के उतार-चढ़ाव के संबंध में 65% या 75% संभावित प्रतिशत बाधाएं आती है। 

इस तरह से समझने पर – Long Term या Short Term में स्टॉक की जो भी कीमत होगी उसकी संभावना का पूर्वानुमान लगाना या भविष्यवाणी करना।

High-frequency Trading (HFT) के लिए जो लोग Algorithms बनाते है वह कम समय में बड़ी संख्या में ट्रेडों की भागीदारी पर नजर बनाये रखते हैं। 

उदाहरण के लिए – सिर्फ एक मिलीसेकंड के अंदर कीमत में उछाल आ सकता है यानि की कीमत एक मिलीसेकंड में ऊपर या नीचे जा सकती है।

शेयर मार्केट में सफलता के लिए गणित का उपयोग कैसे करें 

गणित स्टॉक ट्रेडिंग में बेहतर से बेहतर बनाने में मदद कर सकता है। 

ट्रेडिंग गणित बहुत ही सरल और सीधा है। यदि आप किसी विशेष व्यापार के लिए 400 रुपये का जोखिम उठा रहे हैं तो उस व्यापार में आप 500 रुपये या उससे ज्यादा कमा सकने में सक्षम होना चाहिए। 

इस गणित का अगर आप उपयोग करते है तो फिर आप कुल व्यापार का 50% खो भी देते है तो भी आप लाभ में ही रहेंगे। 

Low Loss (कम हानि)

अधिकांश सफल व्यापारी केवल आधा समय ही सही होते हैं हर बार वह पूरी तरह से जीत हासिल नहीं कर पाते यानि की प्रत्येक 10 Trades में से 4 या 5  पर अगर जीत हासिल कर ली तो यह एक व्यापारी को शेयर मार्केट में आगे बढ़ा सकता है।

यह इस बात पर निर्भर करता है कि आपने “कितना जीता के मुकाबले कितना खोया”। यदि 4 Trades पर 2,000 की कमाई हुई है और अन्य 6 पर 1,500 का नुकसान हुआ है तो भी आपको 500 में तो आगे ही रहते है। 

Gaussian Law vs. Power Law (गाऊसी कानून बनाम शक्ति कानून)

Gaussian Logic अचानक से होने वाले Crashes की भविष्यवाणी नहीं कर सकता। वहीं, Power Law यह गणना कर सकता है कि एक मात्रा के मूल्य में परिवर्तन से दूसरी मात्रा किस तरह प्रभावित होती है। 

जैसे – किसी कंपनी का मूल्य उसके उद्योग में Stock की प्राइस को किस तरह से प्रभावित करेगा। यह Standard Deviations मानक विचलन को कैलकुलेट करने में सहायक होता है।

इससे व्यापारी संभावित जोखिमों को अच्छी तरह से समझ सकते है।

Trading का मुख्य गणित क्या है ?

अब चलिए Trading के मुख्य गणित के ऊपर गौर करते हैं :-

  • Return – औसत वार्षिक रिटर्न ज़ोन (Average Yearly Return Zone) क्या है जिसे आप पूरा करने की कोशिश कर रहे हैं?
  • Backtesting – जिन Signs का आप उपयोग कर रहे हैं, वे कैसा प्रदर्शन करते हैं?
  • Drawdown – यदि आप अपने Equity शिखर को खो देते है तो उसके बाद पूंजी की सबसे अधिक आवश्यकता के लिए आपके पास क्या उपाय होगा?
  • Position Estimating (स्थिति का अनुमान) – आप एक स्थान में कितनी पूंजी लगाएंगे? 
  • Stop Losses – अगर आप गलत तरीका अपना रहे हैं या कुछ गलती कर रहे है तो आप किसी व्यापार में कितना Lose कर देंगे? 
  • Win – जिन Trades को आप खो देते है तो उसके विपक्ष में जीतने वाले  Trades की संख्या के लिए आप क्या इच्छाएं रखते है?

शेयर मार्केट का गणित से तात्पर्य क्या है?

शेयर मार्केट का गणित का मतलब होता है कुछ ऐसे तरीक़ों का इस्तमाल करना जिससे की निवेशक या ट्रेडर को कम निवेश पर ज़्यादा मुनाफ़ा मिल सके।

क्या शेयर मार्केट को आप सट्टेबाजी समझते हैं?

जी हाँ, बहुत से लोग शेयर मार्केट को आप सट्टेबाजी समझते हैं। लेकिन ये बिलकुल भी सही नहीं है। ऐसा इसलिए क्यूँकि शेयर मार्केट पूरी तरह से गणित पर आधारित है। यहाँ पर शेयर के मूल्य में उछाल और गिरावट पूरी तरह से गणित के अनुसार ही होता है। बस आपको इसे समझने की देरी है।

स्टॉप लॉस क्या होता है?

स्टॉप-लॉस एक लोकप्रिय तकनीक है जो आपके जोखिमों को कम करता है। यह एक पूर्व निर्धारति राशि है जो आप अपने टारगेट प्राइस पर लगाते है।

आज आपने क्या सीखा?

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख शेयर मार्केट का गणित जरुर पसंद आई होगी. इसे पढ़ने के बाद आप आसानी से शेयर मार्केट में गणित की आवास्यकता समझ गए होंगे। मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को Share Market in hindi की पूरी जानकारी के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है।

इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं।

यदि आपको यह post लेख शेयर मार्केट और गणित के बारे में  पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter और दुसरे Social media sites share कीजिये।

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