बैटरी चार्जर क्या है? यदि आपके पास battery (rechargable battery) तब आपने जरुर ही उसे charge करने के लिए Battery Charger का इस्तमाल किया होगा. लेकिन मुझे पता है की भले ही आपने इस charger का इस्तमाल किया हो लेकिन बहुतों को ये मालूम नहीं होगा की आखिर में ये Battery Chargers क्या हैं और ये कैसे काम करते हैं।
वैसे market में तो कई colours और variety के chargers मिलते हैं ऐसे में अगर आपको Battery Chargers के विषय में जानकारी न हो तब आपको शायद अपने लिए सही charger को चुनने में परशानी आ सकती है।
ऐसे में इसलिए मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को चार्जर क्या है के बारे में कुछ जानकारी प्रदान करूँ जिससे आपको इसे और भी बेहतर रूप से समझने में आसानी हो. ये charger की एक उदाहरण लूँ तब वो होगी Mobile Battery Charger, जिसे की हम अपने mobile device को charge करने के लिए इस्तमाल करते हैं।
कैसे होगा अगर आपको battery charger के विषय में भी पूरी जानकारी हो इससे आपको इसे इस्तमाल करने में और भी आसानी होगी और आपको इसे ख़राब होने से भी बचा सकते हैं. तो फिर बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं की Battery Charger क्या होता है हिंदी मेंi।
बैटरी चार्जर क्या है
Battery Charger एक ऐसा device होता है जो की Electricity के माध्यम से battery के charge को restore करता है. Battery chargers external devices होते हैं जिसे की user अपने घर के AC mains point में connect करते हैं, इसमें एक adapter लगा हुआ होता है जो की AC current को dc में convert करता है. इस DC current से ही Battery को charge किया जाता है।
इन Battery Chargers का हम सबसे ज्यादा इस्तमाल अपने Mobile Battery को charge करने के लिए करते हैं. एक mobile battery charger circuit ऐसा device होता है जो की automatically recharge करता है एक mobile phone के battery को जब उसका power low होता है तब।
अभी के समय की बात करूँ तब mobile phones हम सभी के जीवन का एक प्रमुख अंग बन गया है, ऐसे में इसके ज्यादा इस्तमाल होने से हमें उसे frequently charge करना पड़ता है, smartphones या mobile phones का ज्यादा इस्तमाल करने के लिए।
Battery Chargers के प्रकार
वैसे देखा जाये तो Battery Chargers के बहुत से प्रकार होते हैं, चलिए उनके विषय में कुछ जानते हैं।
ये सभी battery chargers इसके application के हिसाब से होते हैं, जैसे की Mobiles को charge करने के लिए mobile phone charger, Solar Devices के लिए Solar battery Charger, वहीँ electric vehicle को charge करने के लिए Electric batteries chargers इत्यादि. and charge stations।
Charging Methods के प्रकार
Charging methods को मुख्य रूप से दो categories में classify किया जाता है जैसे की: fast charge method और slow charge method।
Fast charging Method : फास्ट चार्जर क्या है? यह एक ऐसा method होता है जिसमें की battery को charge करने के लिए 1 घंटा या उससे भी कम समय लगता है. इसमें ज्यादा voltage की जरुरत होती है फ़ास्ट charging करने के लिए. इसमें charging करने के लिए Charge Detection Circuit का इस्तमाल होता है।
Slow charging Method : – वहीँ यह एक ऐसा method होता है जिसमें की Battery को charge होने के लिए 8 से 10 घंटे से भी ज्यादा समय लग सकता है. इसमें charging के लिए voltage के ऊपर ज्यादा निर्भर करना होता है. इसमें charging करने के लिए Charge Detection Circuit का इस्तमाल नहीं होता है।
Battery Chargers कैसे काम करता है
सभी battery chargers में एक चीज़ common होती है वो ये की, वो सभी work करते हैं electric current पर feed होकर, batteries के माध्यम से एक period of time के लिए जिससे वो cell को या battery को recharge कर सके उस energy से जो की उनके द्वारा pass कर रहा होता है. इसलिए प्प्राय सभी battery charagers की working similar होती हैं।
- Capacitor क्या है और कैसे काम करता है
- Shunt क्या है और कैसे काम करता है
- Resistor क्या है और कैसे काम करता है
ये cheapest, और crudest chargers एक constant voltage या constant current का तब तक इस्तमाल करते हैं जब तक की आप उन batteries को chargers से निकाल नहीं देते हैं.
यदि आप उन्हें निकालना बुल जाएँ तब वो batteries overcharge हो सकते हैं, वहीँ आपने यदि जल्दी batteries को निकाल दिया तब वो charge नहीं हुई होंगी. वहीँ कुछ Better chargers में lower, gentler “trickle” charge (ये maybe 3–5 percent होता है battery के maximum rated current की) का इस्तमाल होता है एक लम्बे समय तक उन batteries को charge करने के लिए।
Batteries suitcases के जैसे ही होते हैं, आप इसमें जितना ज्यादा pack in करेंगे, वहीँ उतना ही कठिन होता है और ज्यादा pack करने के लिए और साथ में उतना ज्यादा समय लगता है. इस बात को समझने के लिए आपको ये याद रखना होगा की battery के charging होने के दौरान उसमें वही सभी chemical reactions होती है जो की discharging के दौरान होती है लेकिन reverse order में।
एक laptop की battery में, उदाहरण के लिए, charging और discharging में lithium ions की shunting (atoms miss करती है electrons) होती है, जहाँ एक electrode (वहां बहुत से होते हैं ) से दुसरे electrode तक (जहाँ कम होते हैं) होती है।
चूँकि इसमें सभी ions carry करते हैं positive charge, इसलिए ये आसान होता है की उन्हें move किया जा सके “empty” electrode में शुरुवात में. जैसे जैसे वहां पर ये build up होने लगते हैं, ऐसे में और ज्यादा pack कर पाना कठिन हो जाता है, जिससे charging की later stages ज्यादा कठिन होते हैं शुरुवाती दौर की तुलना में।
Overcharging बहुत ही ज्यादा खतरनाक होता है undercharging की तुलना में. क्यूंकि अगर batteries fully charged हो गए और आपने charger को switch off करना भूल गया, ऐसे में वो उस extra energy से छुटकारा पाना चाहेंगे, जो की आप ज्यादा समय तक charge करके उन्हें प्रदान कर रहे हैं. इससे वो अन्दर के temperature को बढ़ा देते हैं और साथ में pressure को भी, जिसके चलते वो blast हो सकता है, अन्दर के chemicals leak हो सकते हैं या उसमें से gases या धुआं भी निकल सकते हैं।
इन chargers से जो थोड़ी better होती हैं या थोड़ी ज्यादा sophisticated timer chargers होती है वो timer के principle से काम करती है।
मतलब की एक set period के बाद वो खुद को बंद कर देती हैं, लेकिन इससे overcharging या undercharging का खतरा कम नहीं होता है क्यूंकि ideal charging time vary करती हैं बहुत से कारणों के लिय (जब आपके चार्ज करना शुरू किया तह battery में कितनी charge मेह्जुद थी, वो कितनी गरम थी, battery कितनी पुरानी है, क्या इसमें सभी cell एकसमान काम कर रही है या कुछ सही और कुछ ख़राब हो गए हैं). ऐसे में इससे battery के charging में परेशानी दिख सकती है।
इन सभी परेशानियों को दूर करने के लिए Smart Chargers (Intelligent Chargers) की ज्यादा demand होती है. ये chargers बहुत बढ़िया और बेहतर ढंग से काम करती हैं. इसमी एक microchip-based electronic circuits का इस्तमाल होता है जिसका काम होता है की ये sense करना की कब batteries charge हो गयीं हैं और batteries में कितनी charge फिलहाल हैं. ये सभी जानकारी के बारे में updated होता है।
इस काम को करने के लिए ये battery voltage (technically जिसे delta V या ΔV कहते हैं) और cell temperature (delta T ये ΔT) के छोटे से छोटे बदलाव को measure कर लेता है, साथ में ये भी users को सूचित कर देता है की कब charging समाप्त हो गयी है।
वहीँ अगर user full charge होने के बाद भी charger को switching off करना भूल जाएँ तब ये charging को low trickle charge mode में रख देता है जिससे batteries में overcharge होने की समस्या दूर हो जाती है।
Mobile का Charger किस Conductor का बना होता है?
वैसे तो Mobile का Charger को बनाने के लिए बहुत से conductors का इस्तमाल किया जा सकता है. कुछ Standard Chargers में Copper का इस्तमाल होता है. लेकिन ये निर्भर करता है की उस Charger की कीमत कितनी है।
अगर आप सस्ते charger खरीदना चाहते हैं तब उसमें Aluminum का इस्तमाल किया जाता है। वहीँ Copper का ज्यादा इस्तमाल मोबाइल charger बनाने के लिए होता है।
आज आपने क्या सीखा
मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख बैटरी चार्जर क्या है जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को Battery Charger in Hindi के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है।
इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं।
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thanks
Overcharging is fully dangerous.
It’s Risky