इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार किसने किया?

किसने इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार किया? पिछले कुछ दशकों में प्रौद्योगिकी काफी तेजी से आगे बढ़ी हैं. हर क्षेत्र में कई अविष्कार हुए जिनमे से कुछ अविष्कार परमाणु बम जैसे थे जिन्होंने नकारात्मक प्रभाव बनाया तो कुछ अविष्कार कंप्यूटर जैसे थे जो दुनिया में एक नई क्रांति लेकर आये. कम्प्यूटर का अविष्कार होने के बाद इससे जुड़े हुए कई अविष्कार हुए जिन्होंने कम्प्यूटर की दुनिया को और भी बेहतर बनाया.

ऐसा ही एक आविष्कार ‘Electronic Diary‘ का था. Electronic Diary का अविष्कार विश्व के महत्वपूर्ण अविष्कारों में तो नही गिना जा सकता लेकिन इसने हमारी ज़िन्दगी को काफी आसान बना दिया. आज से कुछ दशकों पहले अगर हमे कोई चीज नोट करनी होती थी तो वो हम डायरी में करते थे. क्योंकि हमारे पास कोई विकल्प नही था तो Privacy से सम्बंधित बाते और यहाँ तक की व्यवसाय से जुड़ी जरूरी बाते भी डायरी में नोट की जाती थी.

बात कहानी की हो या फिर किसी लेख की, डायरी ज़िन्दगी का एक हिस्सा थी. आज भी उस भावनाओ से भरी डायरी की जगह कोई नही ले सकता लेकिन अगर यह किसी के हाथ लग गयी या फिर खो गयी तो? फिर तो बड़ी गड़बड़ हैं. लेकिन Electronic Dairy के अविष्कार ने हमारी इस समस्या को दूर कर दिया.

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इस लेख में इलेक्ट्रॉनिक डायरी के अविष्कार के बारे में बात करेंगे. आज हम जानेंगे की ‘इलेक्ट्रॉनिक डायरी के आविष्कारक का नाम‘ और ‘इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार कब हुआ‘?

इलेक्ट्रॉनिक डायरी क्या है?

[su_panel background=”#fffff7″ color=”#000000″]Electronic Dairy मुख्य रूप से एक ऐसे सॉफ्टवेयर को बोला जाता हैं जो की मुख्य रूप से कम्प्यूटर में डिजिटल रूप से डायरी लिखने के काम आता हैं. जब तक आपके कम्प्यूटर में इलेक्ट्रॉनिक डायरी का सॉफ्टवेयर इनस्टॉल रहता हैं तब तक आप अपने Computer में Digital Dairies लिख सकते हो, जिसमे आप कुछ भी नोट कर सकते हो या फिर लिख सकते हो चाहे वह पर्सनल हो या प्रॉफेशनल.[/su_panel]

Electronic Dairies को इंटरनेट की मदद से आप दुनिया के किसी भी कोने में एक्सेस कर सकते हो जिससे की आपको इसे खोने का डर भी नही रहता. लेकिन कई Electronic Dairy Software इंटरनेट ओर नही बल्कि Computer Data पर काम करते हैं.

अगर थोड़ी गहराई से समझ जाए तो Electronic Dairy एक ऐसा सॉफ्टवेयर होता हैं जिसका उपयोग रोजाना के वर्क शेड्यूल को इनपुट करने के लिये, किये जाने वाले काम की लिस्ट बनाने, जो काम करने हैं उनकी लिस्ट बनाने, अपॉइंटमेंट्स की व्यवस्था करने और अपने Computer Network पर अन्य सहयोगियों के साथ किसी जानकारी को शेयर करने जैसे कार्यो के लिए किया जाता हैं.

यानी की Electronic Dairy का अधिक उपयोग प्रॉफेशनल कार्यो के लिए किया जाता हैं. प्रोफेशनल लाइफ में इलेक्ट्रॉनिक डायरी काफी सारे कामों को आसान बना देती है.

Electronic Dairy Softwares दो तरह के होते हैं. इनमे से पहले Offline काम करते हैं. ऑफलाइन सॉफ्टवेयर्स का सारा डाटा Computer के स्टोरेज में ही सेव होता हैं जबकि कुछ ऑनलाइन सॉफ्टवेयर होते हैं जिनका डेटा ऑनलाइन सेव होता हैं. आज के समय में तो लगभग सभी Electronic Dairy Softwares दोनो विकल्प प्रदान करते हैं.

यानी कि अगर आप बिना इंटरनेट के किसी कंप्यूटर में कोई Dairy तैयार करते हो तो वह डाटा आकर कंप्यूटर में सेव होगा और अगर आप इंटरनेट का इस्तेमाल करते हुए डायरी लिखते हो तो वह डाटा क्लाउड ऊपर से होगा यानी कि उसे बाद में किसी अन्य कंप्यूटर के डिवाइस पर भी खोला जा सकेगा. उदाहरण के लिए Google Keep को लिया जा सकता हैं.

इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार किसने किया था?

वैसे तो इलेक्ट्रॉनिक डायरी के अविष्कार को कंप्यूटर या फिर इंटरनेट के अविष्कारक इतना महत्वपूर्ण तो नहीं माना जाता लेकिन आज के समय में प्रोफेशनल्स के लिए इलेक्ट्रॉनिक डायरी ने कई काम आसान कर दिए हैं. इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार किसी विदेशी ने नहीं बल्कि एक भारतीय ने ही किया था.

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इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार करने वाले व्यक्ति ‘Satyan G Pitroda‘ थे. यूनाइटेड स्टेट्स पेटेंट संस्था के अनुसार सत्यन पिटरोडा इलेक्ट्रॉनिक डायरी के आधिकारिक जनक हैं. उन्होंने अपने आविष्कार को 10 अक्टूबर, 1975 में US Petent संस्था में फ़ाइल किया था. Satyan G Pitroda को कई लोग उनके दूसरे नाम ‘Sam Petroda‘ (सैम पेटरोडा) से भी जानते हैं.

इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार कब हुआ था?

सैम पेटरोड़ा ने उस समय इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार किया जिस समय शायद ही किसी ने ऐसे किसी सॉफ्टवेयर के बारे में सोचा होगा. लोगों के लिए उस समय कंप्यूटर ही एक आधुनिक चीज हुआ करती थी तो कंप्यूटर से जुड़े हुए अन्य सॉफ्टवेयर्स के बारे में सूचना तो मुश्किल ही था. इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार सत्यन पेटरोड़ा ने सन 1975 में किया था.

उन्होंने यह आविष्कार किस दिन किया इस बात को लेकर सटीक जानकारी तो उपलब्ध नहीं है लेकिन उन्होंने 10 अक्टूबर 1975 को इस आविष्कार का आधिकारिक पेटेंट बनने के लिए यूनाइटेड स्टेट्स पेटेंट संस्था में फाइल दाखिल कर दी थी.

इलेक्ट्रॉनिक डायरी के आविष्कारक Sam Petroda से जुड़ी विशेष जानकारी

Sam Petroda का पूरा नाम ‘सत्यनारायण गंगाराम पेटरोडा‘ हैं. सैम का जन्म 16 नवम्बर 1942 में हुआ था. उनके 7 भाई बहन थे जिनमे से वह तीसरे नम्बर के थे. सैम का जन्म ओड़िसा के तितलाघर में एक गुजराती परिवार में हुआ था. उनकी बचपन से ही प्रौद्योगिकी में काफी रुचि थी जिसने उन्हें आगे जाकर एक अविष्कारक भी बनाया. गुजराती परिवार में पैदा होने के कारण सैम पेटरोडा की महात्मा गांधी और उनके सिद्धांतो में काफी आस्था थी.

सैम और उनके भाई को बचपन में ही पढ़ाई के लिए गुजरात भेज दिया गया. सैम ने गुजरात में वल्लभ विद्यानगर नाम के विद्यालय से अपनी शुरुआती पढ़ाई की और बाद में वडोदरा की महाराजा सयाजीराव यूनिवर्सिटी फिजिक्स एंड इलेक्ट्रॉनिक्स की मास्टर डिग्री ली.

गुजरात से मास्टर डिग्री लेने के बाद वह यूनाइटेड स्टेट्स गए और वहा शिकागों के Illinois Institute of Technology से मास्टर्स इन इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग की डिग्री ली.

सन 1966 में सैम ने शिकागो किसी एक कंपनी में काम करना शुरू कर दिया और उसी कंपनी में काम करते हुए उन्होंने इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार किया. इसके बाद उन्होंने कई कंपनियों में काम किया और विदेश में रहते हुए तकनीकी जगत में लगातार सफलता हासिल करनी शुरू कर दी.

सत्यनारायण गंगाराम पेटरोडा ने भारत को भी तकनीकी के क्षेत्र में आगे बढ़ाने में काफी मदद की. सैम पेटरोडा को भारत के कंप्यूटर और आईटी रेवोल्यूशन का पिता भी माना जाता हैं. वर्तमान में सैम भारतीय कांग्रेस पार्टी के अंतगर्त राजनीति में हैं.

इलेक्ट्रॉनिक डायरी का महत्व

सैम पेटरोड़ा उन भारतीयो की लिस्ट में हमेशा शामिल किए जाते हैं जिन्होंने विश्व स्तर पर तकनीकी के क्षेत्र में भारत का नाम रोशन किया है. उन्होंने न केवल इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार किया बल्कि कई अंतरराष्ट्रीय कंपनियों में उच्च पदों पर भी काम किया है. जिस समय से नहीं इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार किया था उस समय यह उस रूप में नहीं था जैसा कि आज है.

सैम पित्रोदा का इलेक्ट्रॉनिक डायरी सॉफ्टवेयर कंप्यूटर में स्थित स्टोरेज पर काम करता था जबकि आज के समय के इलेक्ट्रॉनिक डायरी सॉफ्टवेयर इंटरनेट पर काम करते हैं. लेकिन अगर सेम वह अविष्कार नही करते तो हमे यह मॉडर्न स्वरूप देखने को नही मिलता.

आज के समय में Electronic Dairy हमे न केवल कंप्यूटर में बल्कि हमारे स्मार्टफोन, टेबलेट आदि सभी डिवाइस में देखने को मिलती है. वर्तमान में इलेक्ट्रॉनिक डायरी सॉफ्टवेयर, एप्लीकेशन और वेबसाइट्स के रूप में उपलब्ध हैं. यह लगभग सभी ऑपरेटिंग सिस्टम जैसे की IOS, Android, MacOS और Windows आदि के लिए काम करता हैं.

Google Keep, Samsung Notes, Google Docs, MS Word आदि सभी Softwares और Apps को इलेक्ट्रॉनिक डायरी का ही विकसित रूप माना जाता है. यानी की यह आविष्कार सभी प्रोफेशनल्स के लिए एक महत्वपूर्ण आविष्कार हैं, जिसमे मैं और शायद आप भी शामिल हो.

आज आपने क्या सीखा

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख इलेक्ट्रॉनिक डायरी का आविष्कार किसने किया जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को इलेक्ट्रॉनिक डायरी की पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है.

इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे. यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप निचे comments लिख सकते हैं.

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Prabhanjan Sahoo

Prabhanjan Sahoo

मैं Prabhanjan, HindiMe का Technical Author & Co-Founder हूँ। Education की बात करूँ तो मैं एक Enginnering Graduate हूँ। मुझे नयी नयी Technology से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों को सिखाने में बड़ा मज़ा आता है।

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