CMOS क्या है और कैसे काम करता है?

C.M.O.S। एक तरह की मेमोरी Chip होती है जो कि motherboard पर लगी होती है और एक बैटरी की मदद से चल रही है। क्या आप जानते हैं की CMOS क्या है? यदि नहीं तब आज की ये article आपके लिए बहुत ही फायेदेमंद सिद्ध होने वाला है। वैसे जब भी बात कभी Intergrated Circuit की आती है तब CMOS को कोई कैसे भूल सकता है।

ऐसा इसलिए क्यूंकि CMOS की दो सबसे बड़ी advantages ऐसी होती है की जो कोई दूसरा प्रदान नहीं कर सकता है वो हैं इसकी high noise immunity और low static power consumption। CMOS circuits इस्तमाल करती हैं P-Type और N-Type MOSFET की एक combination, जिससे वो आसानी से logic gates और दुसरे digital circuit को implement कर सकें।

देखा जाये तो CMOS के ऐसे बहुत से Features और advanatages हैं जिसके कारण इसे प्राय सभी modern intergrated circuits में स्थान दिया जाता है। इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को भी CMOS का क्या अर्थ है के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे आपको भी इस बेहतरीन technology के संपर्क में पता चल सके।

तो फिर बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं और CMOS क्या होता है हिंदी में के विषय में जानते हैं। मेरी तो हमेशा से कोशिश रहती है की आपको जितनी हो सके पूरी जानकारी प्रदान करूँ इससे आपको कहीं और जाने की जरुरत ही नहीं पड़ेगी।

CMOS क्या है – What is CMOS in Hindi

CMOS का पूरा नाम होता है “Complementary Metal Oxide Semiconductor”। CMOS एक तरह की मेमोरी Chip होती है जो कि motherboard पर लगी होती है और एक बैटरी की मदद से चल रही है। इस बैटरी को CMOS Cell भी कहते है।

CMOS Kya Hai Hindi

CMOS technology एक बहुत ही प्रसिद्ध तकनीक है कम्प्यूटर चिप डिज़ाइन इंडस्ट्री में। वहीं इस इंडस्ट्री में इसे बहुत ही बड़े ढंग से इस्तमाल किया जाता है। आज के समय में Integrated Circuits के रूप में इसके बहुत से applications में में उपयोग किया जाता है।

अभी के समय की computer memories, CPUs और cell phones में इस technology का इस्तमाल होता है इसके बहुत से advantages होने के कारण। इस technology में semiconductor devices के दोनों P channel और N channel का इस्तमाल होता है।

अभी के समय की एक बहुत ही popular MOSFET technologies available है वो होती है Complementary MOS या CMOS technology। यह एक dominant semiconductor technology होती है microprocessors, microcontroller chips, memories जैसे की RAM, ROM, EEPROM और application specific integrated circuits (ASICs) की।

CMOS की जो मुख्य advantage होती है NMOS और BIPOLAR Technology की तुलना वो होती है इसकी smaller power dissipation। NMOS और BIPOLAR circuits के विपरीत एक Complementary MOS circuit में almost कोई भी static power dissipation नहीं पाई जाती है।

Power केवल तभी dissipate होता है जब circuit actually switch करता है। इसके फलस्वरूप होता ये हैं की एक IC में ज्यादा मात्रा की CMOS gates को integrate किया जा सकता है NMOS और Bipolar Technology की तुलना में जिससे ज्यादा बेहतर performance प्रदान की जा सकती है।

Complementary Metal Oxide Semiconductor transistor में दो प्रकार के MOS circuit होता हैं P-channel MOS (PMOS) और N-channel MOS (NMOS)। चलिए इन दोनों प्रकारों के विषय में जानते हैं।

NMOS क्या है?

NMOS को built किया जाता है एक p-type substrate में जिसमें n-type source और drain diffused किया जाता है।

NMOS में, majority carriers electrons होते हैं। जब एक high voltage apply किया जाता है gate में तब NMOS conduct करने लगता है। ठीक वैसे ही जब एक low voltage apply किया जाता है gate में, तब NMOS conduct करने लगता है।

NMOS को ज्यादा fast consider किया जाता है PMOS की तुलना में, चूँकि NMOS की carriers होते हैं electrons, और ये दुगना speed गति से travel करते हैं Holes की तुलना में।

PMOS क्या है?

P- channel MOSFET में P-type Source होते हैं और Drain diffused होते हैं N-type substrate में। इसमें Majority carriers होते हैं holes। जब एक high voltage को apply किया जाता है gate में, तब PMOS conduct करने लगता है। वहीँ जब एक low voltage apply किया जाता है gate में, तब PMOS conduct करने लगता है। वैसे ये PMOS devices ज्यादा immune होते हैं noise को लेकर NMOS devices की तुलना में।

CMOS की खोज सबसे पहले किसने की थी?

सन 1963 में, Frank Wanlass ने सबसे पहले CMOS की खोज की थी। उन्होंने इसके ऊपर एक patent भी बना लिया जब वो Fairchild Semiconductor में कुछ experiment कर रहे थे।

Computer में CMOS का मतलब क्या है?

CMOS (complementary metal-oxide-semiconductor) ये techinal term usually उस छोटे amount की memory को refer किया जाता है एक computer motherboard में जो की BIOS settings को store करते हैं। कुछ BIOS settings की बात करूं तब इसमें आते हैं system time और date, साथ ही hardware settings।

CMOS Battery in Hindi

आपने बहुत बार Clearing CMOS जैसे terms को सुना होगा, लेकिन आपको ये समझ में नहीं आया होगा, तब इसका मतलब होता है BIOS settings को reset करना इसके default levels में। ये बहुत ही आसान काम होता है लेकिन इससे computer के बहुत ही problems ठीक हो जाते हैं।

CMOS के अलग नाम क्या क्या है?

CMOS को बहुत से नाम से refer किया जाता है जैसे की Real-Time Clock (RTC), CMOS RAM, Non-Volatile RAM (NVRAM), Non-Volatile BIOS memory, और complementary-symmetry metal-oxide-semiconductor (COS-MOS). सभी का एक ही मतलब होता है जो की CMOS।

Real-Time Clock (RTC)CMOS RAM
Non-Volatile RAM (NVRAM)Non-Volatile BIOS Memory
Complementary-Symmetry Metal-Oxide-Semiconductor (COS-MOS)

CMOS और BIOS में अंतर

CMOSBIOS
यह मेमोरी चिप होने के साथ-साथ कंप्यूटर का हार्डवेयर अंग है, जोकि मदरबोर्ड में प्री-इंस्टॉल रहता है।BIOS एक सिस्टम सॉफ्टवेयर है, जोकि cmos के अंदर इंस्टॉल रहता हैं।
यह एक Volatile चिप हैं।BIOS एक Non-volatile मेमोरी हैं।
CMOS के अंदर BIOS की सेटिंग स्टोर रहती हैं।BIOS के अंदर कंप्यूटर बूटिंग प्रोसेस का प्रोग्राम स्टोर रहता हैं।
चिप होने के कारण इसे अपग्रेड और अपडेट नहीं किया जा सकता है।।इसे फ्लैशिंग के जरिए अपडेट और अपग्रेड किया जाता हैं।
CMOS का पूरा नाम Complementary Metal Oxide Semi-Conductor हैं।BIOS का पूरा नाम Basic Input Output System हैं।

BIOS और CMOS एक साथ कैसे काम करते है?

ये BIOS भी एक computer chip ही होता है motherboard के ऊपर जैसे की CMOS , वहीँ इसका काम थोडा अलग होता है जो की है communicate करना processor और दुसरे hardware components जैसे की hard drive, USB ports, sound card, video card, और दुसरे hardwares के साथ। वहीँ एक computer बिना एक BIOS के ये समझ ही नहीं सकती है की कैसे Computer के ये pieces एकसाथ काम करेंगे।

CMOS भी एक computer chip होता है motherboard में, या इसे हम ज्यादा specifically एक RAM chip भी कह सकते हैं, जिसका मतलब है की ये normally अपने settings को खो सकता है जो की ये store किये हुए होता है जब computer shut down होने लगता है।

लेकिन ये CMOS battery का इस्तमाल chip को constant power प्रदान करने के लिए होता है।

जब computer पहली बार boots up होता है, तब BIOS जरुरत के सभी information को pull करता है CMOS chip से, ताकि वो सभी hardware settings, time, और अलग settings को समझ सके और उसके accordingly काम कर सके।

CMOS Battery क्या होता है?

CMOS को usually एक CR2032 cell battery के इस्तमाल से power प्रदान किया जाता है। इस Battery को CMOS battery कहते हैं।

ज्यादातर CMOS batteries की आयु lifetime के लिए होती है, जो की करीब उस motherboard की lifetime के समान होती है जिसमें उसे इस्तमाल किया जाता है। ज्यादातर cases में 10 years, लेकिन उसे कभी कभी replace भी करना पड़ सकता है।

यदि आपको Incorrect या slow system date और time, और BIOS settings में loss होना, जैसे कुछ major signs देखने को मिलते हैं तब इससे पता चलता है की आपकी CMOS Battery dead है या dead होने वाली है।

इसे ठीक करने के लिए आपको उन्हें replace ही करना होगा। साथ में इसे करना बहुत ही आसान होता है आपको बस dead battery को निकालकर नया fit करना होता है।

CMOS Battery कितने समय तक चल सकती है?

CMOS Battery की life लगभग 5 से 10 साल तक के बीच हो सकती है। CMOS Battery को “Coin cell” भी कहा जाता है।

CMOS और CMOS Batteries के बारे में

जहाँ ज्यादातर motherboards में एक spot होता है CMOS battery के लिए, वहीँ कुछ छोटे computers, जैसे की tablets और laptops में, एक छोटा सा external compartment होता है CMOS battery के लिए जो की motherboard के साथ connected होता है via दो छोटे wires।

कुछ devices जिसमें CMOS का इस्तमाल होता है वो होते हैं microprocessors, microcontrollers, और static RAM (SRAM)। ये समझना बहुत जरुरी होता है की CMOS और BIOS ये दोनों interchangeable terms नहीं होते हैं।

वैसे ये दोनों एक specific function के लिए मिलकर कार्य करते हैं एक computer के भीतर, लेकिन ये दोनों बिलकुल ही different components होते हैं।

जब हम Computer को start करते हैं, तब हमारे पास एक option होता है boot करने के लिए BIOS और CMOS के भीतर। CMOS setup को खोलकर, आप आसानी से इसके settings को बदल सकते हैं जो की ये store कर रहा होता है, जैसे की date और time, कैसे computer के अलग अलग components start होंगे।

आप इन CMOS setup का इस्तमाल कर कुछ hardware devices को disable/enable भी कर सकते हैं।

CMOS chips की सबसे ज्यादा जरुरत battery-powered devices जैसे की laptops में होती है क्यूंकि वो बहुत ही कम power का इस्तमाल करते हैं दुसरे दुसरे प्रकार का chips का इस्तमाल करते हैं।

वैसे तो वो दोनों negative polarity circuits और positive polarity circuits (NMOS और PMOS) का इस्तमाल करते हैं, लेकिन केवल एक circuit type को ही एक समय में powered किया जा सकता है।

Note CMOS का Mac equivalent को PRAM कहते हैं, जिसका Full form होता है Parameter RAM.

CMOS की Applications क्या है

Complementary MOS या CMOS की processes को बहुत ही widely implement किया जाता है और साथ में ये fundamentally सभी NMOS और bipolar processes को replace कर दिया है सभी digital logic applications से। इस CMOS technology को नीचे दर्शाये गए digital IC designs में इस्तमाल किया जाता है।

  • Computer memories, CPUs में.
  • Microprocessor designs
  • Flash memory chip designing में.
  • साथ में इन्हें इस्तमाल किया जाता है design application specific integrated circuits (ASICs) में.

इन devices को बहुत से range के applications में analog circuits के साथ इस्तमाल किया जाता है जैसे की image sensors, data converters, इत्यादि।

CMOS के Advantages

चलिए CMOS के advantages, NMOS की तुलना में के बारे में जानते हैं

  • इसकी बहुत ही low static power consumption होती है
  • ये Circuit की complexity को कम करती है.
  • ये Chip में High density of logic functions प्रदान करती है.
  • इसमें Low static power consumption होती है.
  • इसकी High noise immunity होती है.

CMOS का Full Form क्या होता है?

CMOS का Full Form होता है “Complementary Metal Oxide Semiconductor”।

CMOS की खोज किसने और कब की थी?

CMOS की खोज सबसे पहले सन 1963 में Frank Wanlass ने की थी।

आज आपने क्या सीखा

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख CMOS क्या है जरुर पसंद आई होगी। मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को CMOS in Hindi के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है।

इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे। यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं।

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Prabhanjan Sahoo

Prabhanjan Sahoo

मैं Prabhanjan, HindiMe का Technical Author & Co-Founder हूँ। Education की बात करूँ तो मैं एक Enginnering Graduate हूँ। मुझे नयी नयी Technology से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों को सिखाने में बड़ा मज़ा आता है।

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