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ऐसे बहुत ही telemarketing calls आपके पास भी जरुर आते होंगे, जो की सच में बहुत ही irritating होता है. लेकिन क्या आप जानते हैं की आखिर ये Loan क्या है? क्यूँ ये अब इतने आसानी से प्रदान किया जा रहा है? Loan के अलग अलग प्रकार क्या हैं? यदि आपके मन में भी ये सभी सवाल उमड़ रहे हैं तब आपको यह लेख लोन क्या होता हैं (What is loan in Hindi) पूरी तरह से जरुर पढना चाहिए क्यूंकि इससे आपको loan को बेहतर रूप से समझने में आसानी होगी।
जब भी Loan का ख्याल आता है तब मन में Banks का चित्र तो जरुर ही उभर के आता है. और हो भी क्यूँ न, आज के समय में यदि आपको Loan चाहिए होता है तब आपको Banks के पास ही जाना होता है।
Loan को अगर आसान भाषा में समझा जाये तब ये कोई भी वस्तु हो सकती है, वहीँ लेकिन मुख्य रूप से इसमें पैसों को ही समझा जाता है उसे किसी दुसरे व्यक्ति से लिया गया होता है, वहीँ इसे लौटाते वक़्त मूल धन के साथ ब्याज को भी लौटना पड़ता है।
यूँ कहे तो यह एक ऐसा act या कार्य होता है जिसमें की पहले किसी जरूरतमंद व्यक्ति को पैसे, property या कोई दूसरा material goods प्रदान किया जाता है, वहीँ फिर भविष्य में जब उस व्यक्ति से वो धन वापस लिया जाता है तब उसे मूल धन के साथ साथ उसे interest या ब्याज और दुसरे finance charges भी लौटना पड़ता है. बस इसी amount को ही loan amount कहा जाता है।
Loan देना या loaning का मतलब होता है एक व्यक्ति जिसके पास धन है वो किसी दुसरे individual या entity को वह धन प्रदान कर रहा है. ये किसी भी Bank या NBFC (Non-Banking Financial Company) का सबसे प्रमुख primary financial product होता है जो की वो आम लोगों को offer करते हैं।
वैसे तो Loan के विषय में सभी को थोडा बहुत पता ही होता है लेकिन आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों को लोन क्या होता है in hindi और इसके कितने प्रकार होते हैं के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये. तो फिर बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं।
लोन क्या है – What is Loan in Hindi
एक लोन धन की वो राशि है जो एक या एक से अधिक व्यक्ति या कंपनियां बैंकों या अन्य वित्तीय संस्थानों से उधार लेती हैं ताकि वित्तीय रूप से नियोजित या अनियोजित घटनाओं का प्रबंधन किया जा सके।
Loan हमारे जीबन को आसान बनता है. आज के समय में लोन का direct connection Banks से होता है. ऐसा शायद इसलिए क्यूंकि Banks ही वो financial institutions होते हैं जो की आप Interest के साथ Loans प्रदान करते हैं. वहीँ वो बहुत ही safe और secure तरीके से आपको जल्द ही Loans प्रदान करते हैं।
यदि आपने अभी तब कभी Loan नहीं ली है तब शायद आपको इसके महत्व के विषय में ज्यादा नहीं पता होगा।
क्यूंकि जब पैसों की बहुत ज्यादा जरुरत होती है जैसे की किसी बड़े रोग का इलाज करने के लिए, बच्चों की शादी कराने में, आपका घर बनाने में या आपके बच्चों की पढाई के लिए।
तब ऐसे जगहों में Loans ही एकमात्र सहारा बनकर खड़े होते हैं, क्यूंकि इतनी बड़ी रकम किसी के पास भी होना बहुत ही कष्ट है, वहीँ दोस्त हो या रिश्तेदार हो उनसे इतने बड़े रकम माँगा भी नहीं जा सकता है. अब सिर्फ Bank से loan लेने का ही रास्ता बचा हुआ होता है।
Loans जरुरत के समय में एक बहुत ही उपयोगी चीज़ होती है, वहीँ अगर आप उसे वापस करने में असक्षम हैं तब इससे दूर ही रहना सबसे बढ़िया बात होती है।
लोन के अंग क्या हैं?
Loan के मुख्य रूपसे तीन components होते हैं, जो की हैं –
1. Principal या borrowed amount या Loan में लिया गया amount
2. Rate of interest या ब्याज का दर
3. Loan का duration या कब तब के लिए आपने loan लिया है
जब भी आप किसी से loan लेते हैं फिर चाहे वो bank हो, कोई financial institution हो या फिर कोई व्यक्ति हो, तब जो भी amount आप उनसे लेते हैं उसे ही Principal Amount या Loan amount कहा जाता है. ये तो वो मूल धन होता है जिसे की वापस लाना होता है वहीँ इसके साथ ब्याज भी।
अब बात करते हैं Rate of Interest की, ये वो ब्याज दर होता है जो की Principal amount में add हो जाता है जैसे जैसे समय बीतता है. वैसे कोई आपको बिना interest के तो पैसे नहीं देगा इसलिए जो भी interest (ब्याज) आपके loan amount के साथ जुड़कर आता है अंत में जब आप loan वापस करने जाते हैं उसे ही rate of interest amount कहा जाता है।
अब जानते हैं loan का duration क्या होता है, जैसे की आप किसी से loan लेते हैं तब वो आपको कभी भी न लौटाने का वादा तो नहीं करेगा बल्कि वो आपके सामने एक समय सीमा रखता है जिसके अन्दर आपको उसका पैसा वापस कर देना होता है, इसे ही Loan duration कहा जाता है।
लोन की श्रेणी
Loans को broadly दो category में बांटा जाता है जो की हैं secured और दूसरा है unsecured।
चलिए अब Loans के categories के विषय में जानते हैं : –
1. Secured Loan
एक secured loan उस loan को कहते हैं जो की backed होता है collateral या security से वो भी assets के form में जैसे की property, gold, fixed deposits और PF (Provident Fund)।
उदाहरण के लिए, अगर आपने एक home loan या एक auto loan लिया, तब एक lien create किया जाता है आपके property में और उसे आप sell नहीं कर सकते हैं तब तक जब तक की आपने entire loan amount को repay नहीं कर देते हैं और अपने घर और vechile की sole ownership को claim कर सकते हैं।
2. Unsecured Loan
एक unsecured loan उस loan को कहते हैं जो की एक प्रकार का personal loan होता है और जिसे कोई भी collateral, security या guarantee की जरुरत ही नहीं होती है और इसे आपके जरूरतों को पूर्ण करने के लिए लिया जा सकता है।
इन loans को bank या NBFC आपको बिना कोई security के ही प्रदान करती हैं और साथ में ये केवल आपके CIBIL Score और personal track records को ही देखते हैं।
लोन के प्रकार – Types of Loan in Hindi
चलिए अब समझते हैं की भारतीय लोग किस प्रकार के loans को ज्यादा लेना पसदं करते हैं :-
1. Personal Loan
एक Personal Loan उस loan को कहते हैं जिसे की avail किया जाता है individuals के द्वारा उनके जरूरतों के हिसाब से. ये loan तब ज्यादा काम आते हैं जब आपके सामने unexpected expenses खड़े हो जाते हैं. इन loan को usually bank या कोई एक a non-banking financial company (NBFC) से लिया जाता है।
2. Education loan
Quality Education का महत्व सभी students को सबसे ज्यादा है और इसके लिए वो कोई भी हद तक जा सकते हैं. जैसे की हम जानते हैं की education की कीमत दिनबदिन बढती ही जा रही है. ऐसे में education loan वो एकमात्र रास्ता बच जाता है।
Education loan उस loan को कहते हैं जो की students apply करते हैं अपने educational requirements को पूर्ण करने के लिए. प्राय सभी banks और NBFCs भारत में education loan offer करते हैं।
3. Home loan
घर खरीदना या बनाना सभी भारतीयों का एक बहुत ही बड़ा सपना होता है, वहीँ वो इसे जरुर से पूरा भी करना चाहते हैं. ऐसे में घर बनाने में जमा की पूरी पूंजी का बलिदान हो जाता है वहीँ कभी कभी ये कम भी पड़ जाता है. ऐसे में अगर सपने को पूरा करना है तब हमें Home Loan लेने का ही रास्ता नज़र आता है।
एक home loan को आप अपने नए घर खरीदने के लिए, उसका renovation करने के लिए, जमीन खरीदने के लिए इत्यादि के लिए ले सकते हैं।
4. Car loan या Vechile Loan
एक बढ़िया car या गाड़ी की चाहत सभी हो होती है लेकिन बहुत समय में उसे खरदने के लिए हमारे पास पर्याप्त धन राशि नहीं होती है. वैसे तो गाड़ी खरीदना एक स्वाभिमान की बात मानी जाती है वहीँ इसके बहुत से advantages भी हैं जैसे की ये आपको transportation की flexibility प्रदान करती है, आपकी convenience और functionality को भी बढाती है।
ऐसे में अगर आप एक car loan लेना चाहते हैं तब आप आसानी से ये ले सकते हैं क्यूंकि ऐसे बहुत से banks हैं जो की car loans offer करती है वो भी attractive interest rates में दुसरे benefits के साथ. वहीँ यदि आप एक साथ repay नहीं करना चाहते हैं तब आप EMIs का option ले सकते हैं loan चुकाने के लिए।
5. Business Loan
Businesses को सुचारू रूप से चलने के लिए उसमें बहुत से investment की जरूरत होती है उनकी start-up expenditures या business extensions को pay करने के लिए. ऐसे कामों के लिए, companies को business loans लेना पड़ता है उनके financial assistance के लिए।
ये असल में एक उधार ही होता है जिसे की company को एक specific tenure के बाद वापस करना ही होता है. इन business loans को आप बहुत से कार्यों के लिए ले सकते हैं जैसे की नयी firm की शुरुवात करने के लिए, business expansion के लिए, dealer और vendor को finance करने के लिए इत्यादि।
6. Gold Loan
Gold loan एक प्रकार का secured loan होता है, वहीँ इस loan को प्रदान किया जाता है banks के द्वारा gold colleteral के बदले में.
Banks प्रदान करता है borrowers को उनके जरुरत के loan लेकिन उसके बदले में वो उनके gold jewellery और coins को रख लेते हैं, वहीँ इसे वो तब return करते हैं जब आप ली हुई रकम लौटा दें. लेकिन इसे लेने में ज्यादा तकलीफ नहीं होती है।
7. TERM LOAN
Term loan उन loan को कहा जाता है जो की मुख्य रूप से business purposes के लिए लिया जाता है और उन्हें एक specified time frame के भीतर वापस भी कर देना होता है।
1. इसमें typically एक fixed interest rate होता है, जिसे की monthly या quarterly repayment schedule में वापस करना होता है – और इसमें एक maturity date भी पहले से set की गयी होती है. ये एक secure type का loan होता है।
2. एक secured term loan का usually lower interest rate होता है एक unsecured की तुलना में।
Term Loans की वर्गीकरण
Long Term (<3years)
Medium Term (1-3 years)
Short Term (1 year)
Loans के प्रकार उन्हें लेने के हिसाब से
1. Open-ended loans
2. Closed-ended loans
Open-ended loans
ये उन loans को कहा जाता है जिसे की आप बार बार ले सकते हैं. Credit cards और lines of credit सबसे common types के open-ended loans होते हैं. इन दोनों प्रकार के loans में आपके पास एक credit limit होती है जिसके against आप purchase कर सकते हैं।
प्रत्येक बार जब आप एक purchase करते हैं, तब आपकी available credit में कमी होती है. ऐसा इसलिए क्यूंकि credit limit fixed होती है.वहीँ जैसे जैसे आप payments करते हैं, तब आपकी credit limit भी बढती जाती है जिससे की आप वही समान credit को बार बार ले सकते हैं।
Closed-ended loans
ये उन loans को कहा जाता है जिसे आप यदि एक बार लें तब आपको उसे चुकाने के बाद ही उसे आप फिर से ले सकने में सक्षम होते हैं. यहाँ पर भी जैसे जैसे आप Loan amount को चुकाते रहते हैं वैसे वैसे आपकी loan balance भी बढती जाती है, लेकिन इसमें आप और loan नहीं सकते हैं. बल्कि पूरा loan amount चुकाने के बाद ही आप फिर से loan ले सकते हैं।
यदि हूँ closed-ended loans के उदाहरण की बात करें तब इसमें mortgage loans, auto loans, और student या education loans शामिल हैं।
Loans के प्रकार उनके repayment period के हिसाब से
अगर हम Loans को उनके repayment period के हिसाब से classify करें तब इसमें जो नाम आता है वो है Revolving loans या term loans. Revolving का मतलब होता है की इस loan को आप लेकर, खर्च कर, वापस कर और फिर से खर्च कर सकते हैं. इस loan का सबसे बड़ा उदाहरण है, credit card।
इसमें loans को equal monthly installments (EMI) के हिसाब से वापिस किया जाता है एक pre-agreed period में।
Loan से सम्बंधित कुछ Important Concepts क्या हैं : –
Income: Lenders (जो loan प्रदान करते हैं) की main concern होती है आपकी repayment capacity. ऐसे में bank की income requirement को पूर्ण करना किसी भी loan applicant के लिए सबसे जरुरी बात होती है. इसलिए जितनी ज्यादा Income होगी, उतना ही आसान होगा बड़े loans को apply करने के लिए वो भी लम्बे समय के लिए।
Age: एक इन्सान जिसकी अभी ज्यादा working-age बची हुई है उसके side में (इसमें में नयी job करने वालों की बात नहीं कर रहा हूँ) उन्हें एक long-term loan approve होने में आसानी होगी वहीँ एक वयस्क व्यक्ति के तुलना में या एक fresher के।
Down payment: ये loan applicant का share होता है उस payment के तरफ जिसके लिए उसने loan apply की हुई है. उदाहरण के लिए, अगर आपने 10 lakh की कोई Car खरीदी हुई है और bank ने आपको Rs.8 lakh देने का वादा किया है वहीँ जो Rs.2 Lakh रूपए बच गए हैं उसे की Down Payment कहा जाता है. ये आपके द्वारा pay किया जाता है।
Tenure: ये उस समय सीमा को कहा जाता है जो की आपको loan को पूर्ण करने के लिए दिया जाता है. अगर आप इसे उस समय सीमा के भीतर repay नहीं कर पाते हैं तब इसके लिए आपको fine भी पड़ती है और आपके colletral चीज़ों को जब्त भी किया जा सकता है।
Interest: ये वो ब्याज का amount होता है जिसे की loan लेने वाले व्यक्ति को प्रदान करना होता है princiapal amount के साथ. Interest Rates vary करती है एक loan से दुसरे तक. वहीँ कभी कभी एक व्यक्ति से दुसरे तक क्यूंकि ये उनके credit scores के ऊपर भी निर्भर करता है।
Equated Monthly Instalments (EMI): ये उस monthly repayment amount को कहा जाता है जिसे की loan लेने वालों को Bank को वापस करना होता है पहले से तय किये गए समय सीमा के भीतर. एक EMI में principal + interest दोनों को एक साथ रखा जाता है और उसे उस समय सीमा में equally बाँट दिया जाता है।
लोन के फायदे
चलिए Loans के features और benefits के विषय में जानते हैं।
1. Financial Flexibility का होना : Loans आपको financial flexibility प्रदान करता है. ये आपके जरुरत के समय में आपको financial मदद प्रदान करता है. वहीँ एक loan लेने से ये आपको कुछ हद तक financial freedom भी प्रदान करता है और साथ में आपके रोजमर्रे के expenses को सही तरीके से संभालता भी है, वहीँ आपके planned budget को इधर उधर भी नहीं करता है।
2. आसान availability: सभी प्रकार के loans ज्यादातर 48 hours के भीतर ही approve हो जाते हैं, शर्त है की आप सभी जरुरी documents पहले से ही यदि जमा कर दिए होते हैं. इसलिए इन्हें आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
3. जरुरत का amount प्राप्त होना : आपके income और financial history के आधार पर, आपको अपने जरूरत के पैसे मिल जाते हैं।
4. Convenient tenure का होना : Loans लेते समय ही आप चुन सकते हैं की आप कितने समय सीमा के भीतर loan को चूका सकते हैं. ज्यादातर समय में Loans आपको 12 months से लेकर 60 months तक के लिए मिलते हैं।
5. Tax Benefits में फायेदा : Income Tax Act of 1961 के अनुसार, प्राय सभी प्रकार के loans में आपको tax benefits की सुविधा प्राप्त होती है।
लोन लेने के मुख्य कारण क्या हैं?
चलिए अब जानते हैं की Loans लेने के मुख्य कारण क्या हैं।
1. Life Goals को पूर्ण करने के लिए : जब आप चाहते हैं की आपके जीवन के लक्ष्य पूर्ण हों और इसके लिए आपको थोड़ी बहुत financial assistance की जरुरत होती है तब आपको Loans की बहुत ज्यादा जरुरत होती है।
2. Immediate financial requirements के होने से : कब किसी के साथ क्या हो जाये इसका तो हमें अंदाजा भी नहीं होता है, इसलिए ऐसे समय में आप loan apply कर सकते हैं अगर को financial emergency हो जाती है तब।
3. किसी financial arrangement को ठीक तरीके से करने के लिये : आपके सामने अगर कोई ऐसी घटना घटित हो जाती है जिसके विषय में आपको कुछ भी नहीं पता होता है, तब आप ऐसे समय में loan aaply कर सकते हैं, क्यूंकि आप नहीं चाहते हैं की कोई भी प्रकार की रुकावट हो, वहीँ चीज़ें smoothly हो जाएँ।
लोन अप्लाई करने से पहले किन चीज़ों का ध्यान रखना आवश्यक होता है?
Loan लेना तो आसान बात है लेकिन उससे पहले आपको कुछ चीज़ों पर जरुर से ध्यान देना चाहिए क्यूंकि इसके लिए आपको बाद में पछताना भी पड़ सकता है. चलिए ऐसे ही कुछ पहलुओं पर ध्यान देते हैं।
- Credit score: Loan apply करने से पहले एक बार जरुर से अपना credit history जरुर check कर लें. ये credit history एक प्रकार का record होता है जो की आपके द्वारा की गयी investment, ली गयी loans और पहले से repayment record को दर्शाता है. ये किसी भी bank को ये दर्शायेगा की आपके पहले का track record कैसे है और क्या आपको सही में loan देना भी चाहिए या नहीं. वैसे एक अच्छा credit score 750 या उससे ऊपर को माना जाता है.
- Rate of Interest: जरुर से loan interest rate को एक बार check कर लें loan apply करने से पहले. क्यूंकि Loans जिनमें एक collateral की जरुरत होती है उनमें lower interest rates होता है उन loans की तुलना में जिनमें की इनकी जरुरत नहीं होती है.
- Processing fee और दुसरे charges: अगर आप Loan के लिए apply करते हैं और आप अपने loan का payment deadlines को miss करते हैं, तब आपको एक processing और penalty fee देना होता है. ये fees और charges निर्भर करता है loan amount और bank के ऊपर.
- Research करें अपने loan का best rate पाने के लिए : Research और compare करें अलग अलग banks से; NBFCs से जिससे आपको best interest rates, EMI, tenure और दुसरे charges के विषय में पता चला सके.
Loan लेने की Eligibility
Particulars | Salaried | Self-Employed |
Age(Min-Max) | 23 years से 58 years | 28 years से 65 years |
Income | Rs.25000 | Minimum turnover हो Rs.40 lakhs |
CIBIL Score | Above 750 | Above 750 |
* ये सभी data सिर्फ एक indicative हैं nature से
Loan Application के लिए Documents
Salaried | Self-Employed |
Application form photograph के साथ | Application form photograph के साथ |
Identity और Residence proof | Identity और Residence proof |
Last 6 months का bank statements | Last 6 months का bank statements |
Processing fee cheque | Processing fee cheque |
Latest Salary Slip | Proof of Business |
Form 16 | Business Profile और Previous 3 years Income Tax returns (self and business)Previous 3 years Profit/Loss और Balance Sheet |
Loan EMI Calculator क्या है?
Loan EMI Calculator एक handy tool होता है जिसका इस्तमाल आप monthly payable amount और interest calculate करने के लिए करते हैं।
EMI calculate करने के लिए अपने loan amount की, आपको बस कुछ चीज़ों की values enter करनी होती है जैसे की principal Amount (P), Time duration (N), और Rate of interest (R)।
लोन कैसे ले
बैंक में Loan apply करना बहुत ही आसान होता है. लेकिन apply करने से पहले आपको अपने financial situation का पता जरुर होना चाहिए, क्यूंकि अंत में आपको उस loan amount को चुकाना भी होता है.
आपकी जितनी भी जरुरत हो पैसों को loan करने का फैसला सबसे अंतिम होना चाहिए. आप चाहें तो Online Apply कर सकते हैं और उनके बताए गए steps का पालन कर सकते हैं वहीँ आप Offline भी apply कर सकते हैं जिसके लिए आपको Offical branh में जाकर manager से बात करनी होती है और loan को सही ढंग से समझना होता है।
Loan का 4 C’s of Credit क्या है और इसे जानना क्यूँ जरुरी होता हैं?
1. Character
इसका मतलब होता है loan लेने वाले का पूरा financial history. मतलब की लोन लेने वाला व्यक्ति कैसे है, उसकी पहले का behaviour कैसा है इत्यादि. इस चीज़ को देखने के लिए credit score का इस्तमाल किया जाता है।
2. Capacity
इसका मतलब होता है की business की ability जिससे की वो उतनी revenue generate कर सके की loan की amount को चुकाया जा सके. दुसरे शब्दों में capacity से borrwer (जो loan लेता है) की loan चूका पाने की क्ष्य्मता का पता चलता है. यदि bank किसी नए business को loan देती है तब ये उनके लिए सबसे ज्यादा risky होता है।
3. Capital
इसका मतलब होता है Business का capital assets. Capital assets में company की machinery और equipment आते हैं, इसके साथ product inventory, store और restaurant fixtures. Banks हमेशा इस चीज़ का ख़ास ख़याल रखती है की company का capital कैसा है क्यूंकि यदि loan चुकाया नहीं गया तब उन्हें इन assets को बेचना होता है, वहीँ यदि ये loan amount को पूर्ण न कर सके तब इसमें banks का ही loss होता है।
4. Collateral
इसका मतलब होता है वो cash और assets जिसे की एक business owner गिरवी रखता है अपने loan को secure करने के लिए. यदि आपका credit score बढ़िया भी हो, वहीँ आप अच्छा income भी generate कर रहे हों, तब भी banks चाहते हैं की आप अपने सभी संपत्ति को security के तोर पर bank के पास रखें, जिससे bank का loss कम हो यदि आप loan चूका न सके तो।
क्या Mutual funds को loans में collateral के तोर पर इस्तमाल किया जा सकता है?
Borrowers अब आसानी से Mutual Funds को collateral के तोर पर इस्तमाल कर loan ले सकते हैं. अगर आपका income जरुरत से कम हो तब आप ऐसे में mutual funds का इस्तमाल कर सकते हैं।
इसमें बस आपको एक form भरना होता है बाकि के documents के साथ वहीँ आपके mutual fund के amount के हिसाब से आपको loan की प्राप्ति होती है।
आज आपने क्या सीखा
मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख लोन क्या है (What is Loan in Hindi) जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को लोन कैसे ले के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे।
यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं।
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Bahoot hi accha articale likha apne apka articals padhkar doosro ko bhi blog likhne ka impression badhta hai
बहुत ही अच्छा आर्टिकल लिखा है सर आपने,आपके आर्टिलक पढ़ कर हमें भी काफी कुछ जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिला।इसके लिए आपका आभार!