क्या आप जानते हैं की Mechanical Keyboard क्या है? भले ही आप लोगों ने इस keyboard के बारे में सुना होगा. लेकिन में आपको बता दूँ की ये आम keyboards के तरह बिलकुल भी नहीं है. क्यूंकि इसमें ऐसे बहुत से features होते हैं जिन्हें आप एक normal keyboards में नहीं पा सकते हैं।
इसके विषय में हम आगे detailed तरीके से जानेंगे. अगर आप मेरे तरह अपना बहुत सारा समय computer में काम करते हुए या games खेलते हुए बिताते हैं तब तो आपको इन latest upgrade mechanical keyboard के विषय में जरुर जानना चाहिए क्यूंकि अगर आप अभी तक नहीं जानते तब आप keyboard के एक बेहतर को miss कर रहे हैं।
यदि आप computers का इस्तमाल बहुत करते हैं और आपको उसके keyboards को लेकर परेशानी होती है. तो ऐसे में मैंने देखा है की बहुत से लोग अपना मेहनत का पैसा इन keyboards को खरीदने में लगाते हैं. ऐसा इसलिए क्यूंकि उन्हें keyboard के इस प्रकार जिसे की Mechanical Keyboard के विषय में जानकारी नहीं होती है. ऐसे keyboards बहुत ही सस्ते होते है और बेहतर भी।
लेकिन अक्सर लोगों को इनके बारे में जानकारी न होने के कारण वो इस नए upgrade को बहुत बार अनदेखा कर देते हैं. लेकिन अब और ऐसे करने की जरुरत ही नहीं है क्यूँ आज हम मैकेनिकल कीबोर्ड क्या होता है और सभी keyboard का चुनाव कैसे करें के बारे में जानने की कोशिश करेंगे जिससे आपको इसे खरीदने में आसानी होगी. तो फिर बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं।
मैकेनिकल कीबोर्ड क्या है (What is Mechanical Keyboard in Hindi)
एक Mechanical Keyboard भी दिखने में एक आम keyboard के तरह होता है लेकिन इसके काम करने के तरीके में ये दूसरों से अलग होता है. आप एक mechanical keyboard को कह सकते हैं की यह एक ऐसा keyboard होता है जिसमें की board में switches होती हैं जो की खुद actuate हो जाती हैं उनके point of bottoming out होने से पहले।
उदहारण के लिए, Cherry-style metal contact switches. जब आप इनके keys को निचे press करते हैं, तब एक stem housing के अन्दर घुस जाता है और जो की allow करता है metal contacts को touch होने के लिए. यहीं आप प्रत्येक letter को लिख सकते हैं।
दुसरे types के switches को भी mechanical consider किया जाता है लेकिन इनके काम करने का mechanism ही पूरा अलग होता है. Topre switches भी बहुत popular होते हैं लेकिन ये ज्यादा costly होते हैं. इन switches में एक stiff rubber dome होता है और एक conical spring।
इसमें ये actuation process trigger होता है spring के capacitance बदलने से जब उसे press किया जाता है, और tactile bump बहार आता है जब dome collapse होता है तब. इसके अलावा भी दुसरे प्रकार के switches होते हैं जैसे की Alps-style metal contacts, buckling springs, और Hall effect switches इत्यादि. लेकिन ये switches आजकल के mordern boards में ज्यादा दिखाई नहीं पड़ते हैं।
यदि आप keyboards के regular user हैं तब एक mechanical keyboard के इस्तमाल से आप एक बहुत ही effective typist बन सकते हैं क्यूंकि इसमें आप precise बन सकते हैं और आपको typing के दोरान हमेशा keys की consistent feel प्राप्त होते रहेगी।
बहुत से switches में high tactility होती है जो की आपको मदद करेंगी ये estimate करने के लिए की कब एक press register होने वाला है, जिससे आप बड़े ही सहजता से एक key press कर दुसरे keys को move कर सकते हैं बिना ये सोचे की पहले वाला key उठा भी है या नहीं।
ख़ास कर gaming के लिए आप ऐसे switches का इस्तमाल कर सकते हैं जो की smoother और faster हो actuate करने के लिए दुसरे cheap membrane boards की तुलना में।
एक बात तो हम सभी को माननी होगी की ये Mechanical boards बहुत ही robust होते हैं और कई वर्षों तब आसानी से टीक सकते हैं क्यूंकि उन्हें कुछ इसीलिए ही बनाया गया है. प्रत्येक switch बहुत ही अच्छे होते हैं जो की millions of presses तक चल सकते हैं. इसके heavy इस्तमाल होने के वाबजूद एक अच्छा mechanical keyboard कई वर्षों तक चल सकता है।
मैकेनिकल कीबोर्ड कैसे काम करता है?
यदि आपको ये समझना है की क्या mechanical keyboards को इतना popular बनाता है, तब आपको पहले ये समझना होगा की कैसे ये keyboards काम करता है।
यदि हम basic feature की बात करें तब चाहे वो कोई भी keyboard (mechanical या कोई दूसरा) हो वो normally ही काम करता है : जैसे की आप यदि कोई key को hit करते हैं, तब वो keystroke को register किया जाता है electronics के द्वारा जो की board में स्तिथ होता है, और इसे PC को send करता है, जहाँ ये text में बदल जाता है. जो बात different keyboards को एक दुसरे से अलग करती है वो ये की कैसे आपके key strikes board को communicate होती है।
ज्यादातर standard boards “membrane” system का इस्तमाल करते हैं, जहाँ एक thin film की dome-shaped rubber या silicone key को separates करती है keyboard के electrical circuits से।
जब आप एक key को press करते हैं, तब membrane depress होता है, जो की दो contacts को meet करने में allow करती हैं और keystroke को computer में register कराती है. क्यूंकि key के केवल दो ही positions होते हैं: up या down. आप कोई key को आधे निचे दबा नहीं सकते हैं।
वहीँ mechanical keyboards की बात ही कुछ अलग है, क्यूंकि इसमें कोई membrane नहीं होती है. यहाँ पर प्रत्येक strike को actual mechanical switch के द्वारा handle किया जाता है जिसमें वो slides up या down होता है।
प्रत्येक individual key की खुद की self-contained system होती है, जिसमें एक key, एक metal actuator, और एक spring भी होता है जो की depress होती है stroke करने से और return back हो जाता है अपने un-pressed state में एक successful strike के बाद।
यहाँ पर keyboard keypress पर register करती हैं जब key halfway down भी चली गयी हो उसे पूरा निचे तक जाने की जरुरत ही नहीं होती है।
मैकेनिकल कीबोर्ड Switch के प्रकार
Characteristics के आधार पर basically तिन प्रकार के switches होते हैं: Linear switches, tactile switches और clicky switches।
Linear Switches
ये सबसे simplest ones होती हैं. इन्हें आप press करने से दबने तक ये समान feel कराती हैं. इसमें कोई भी tactile feedback या noise नहीं होती है जब आप उनके actuation point (ये वो point है जहाँ पर keypress registered होती है – usually ये कहीं press के बिच में ही होती है) पर hit करते हैं. इसलिए ज्यादातर समय बड़े हलके से touch से ही key को press से कर सकते हैं।
Tactile Switches
ये tactile feedback प्रदान करती है, जब आप उसके actuation point को hit करते हैं. जब आप key को down press करते हैं, इसमें आप एक small bump notice करते हैं, इससे आपको पता चलता है की आपके key press successfully register हो गयी है।
Clicky Switches
ये Switches आपको additional click sound प्रदान करते हैं, जब आप actuation point को press करते हैं. Tactile और Clicky की जो मुख्य advantage है वो ये की यहाँ पर आपको switch को पूरा दबाने की जरुरत ही नहीं होती है. आप key को release कर सकते हैं जब आप कोई feedback receive करते हैं।
यदि आप कोई Mechanical Keyboard चुनना चाहते हैं तब आपको इसके लिए सही layout का चुनाव करना चाहिए, जैसी आपकी जरुरत हो. ये traditional full-size board अभी भी सबसे ज्यादा इस्तमाल में आने वाली keyboard है और ये most common भी है।
लेकिन आप चाहें तो कुछ बदलाव के लिए mechanical transition का इस्तमाल कर अपने tradition keyboard के जगह में Mechnical Keyboard इस्तमाल कर सकते हैं।
पहला होता है एक full-size board ज्सिमें वो सभी keys होते हैं जो की आपको चाहिए एक computer को operate करने के लिए बिना किसी tension के. इस्क्में सभी function layers होते हैं और उनके साथ full number pad भी होता है. इसका जो main drawback होता है वो है इसकी size।
ये इसके size के बड़े होने के कारण ही ज्यादा inefficient होता है. बड़े होने के कारण इसमें switches अलग अलग जगह में होती है और आपको कोई numbers type करने के लिए अपने अंगूठियों को दूर ले जाना पड़ता है जो की main typing area से दूर होता है।
दूसरा होता है tenkeyless (TKL), इसके 80% keyboards भी कहा जाता है. ये boards basic features के लिए function layers पर relay नहीं करते हैं, इसके अलावा इसमें कोई number pad भी नहीं होता है. लेकिन एक number row जरुर होता है. अगर आपको number pads की जरुरत बहुत ही कम पड़ती हो तब ये आपके लिए एक अच्छा विकल्प हो सकता है. Number pad के न होने से ये पहले की तुलना में छोटा हो जाता है जिससे mouse आपके ज्यादा निकट आ जाता है।
तीसरा होता है 60% keyboards, जो की पिछले कुछ वर्षों में ज्यादा popular हो गया है. एक 60% board में केवल alphas, number row, और modifiers ही होते हैं. इसमें कोई भी dedicated arrow keys, F-row, और number pad नहीं होते हैं।
ऐसा कहना गलत होगा की नहीं होते हैं लेकिन ये features इसके function layer में होते हैं. इसलिए आपको function को hold करना होगा और different keys को press कर सकते हैं. उदहारण के लिए arrows जैसे की Fn+WASD या Fn+JIKL. इसका जो मुख्य advantage होता है वो ये की ये बहुत ही compact और efficient होता है जब आप इसके function layer को use करने में अगर वाकिब हो गए तब।
यदि आपको इनमें से कुछ भी पसंद नहीं आया तब में आप लोगों को कुछ ऐसे exotic layouts के विषय में बताऊंगा जो की धीरे धीरे सामने आ रहे हैं।
65% size keybaord जो की TKL से छोटे होते हैं , लेकिन इसमें आपको कुछ keys जैसे की arrow keys और कुछ more keys जैसे delete, page up/down, इत्यादि देखने को मिलेंगे. यह एक बेहतर middle ground keyboards है. उधाहरण के लिए WhiteFox. ये ज्यादा space नहीं लेते हैं और ये आपके function layers के ऊपर रहे dependence को reduce भी करते हैं।
उसके बाद आता है super-small 40% category. इस boards में केवल alpha keys और कुछ modifiers ही होते हैं. ये essentially pocket size होते हैं और usually इसमें at least two function-key layers होते हैं जिसमें सभी basic keyboard commands covered हो जाते हैं।
अगर आप 40% board को इस्तमाल करने में अच्छे हो जाएँ तब इससे बेहतर और efficient पूरी market में उपलब्ध नहीं है क्यूंकि सभी keys आपके बहुत करीब होते हैं।
क्या एक Keyboard को Mechanical बनाता है और आपको क्यूँ एक रखना चाहिए
जो keyboards आपके desktop computer में होते हैं वो usually rubber dome design के होते हैं. इसमें आपको keys को निचे तक press करना होता है और dome का contact ही press को trigger करता है।
इनकी जो downside है वो ये की rubber membranes ज्यादातर mushy, inconsistent होते हैं और आपको हर press में पुरे निचे तक दबाना पड़ता है. वहीँ अगर में Laptops की बात करूँ तब इनमें scissor switches का इस्तमाल होता है।
जो की कुछ मात्रा में tactility प्रदान करता है, लेकिन इसकी low travel और mushiness समय के साथ धीरे धीरे ख़राब होने लगती है. इन सभी merits और demerits को देखते हुए हम ये सोच सकते हैं की Mechanical Keyboards इन सभी keyboards से बेहतर है लेकिन ये बाकियों के तुलना में थोडा costly होता है. वहीँ इसकी longivity के कारण इसे इस्तमाल करना सबसे बेहतर होता है।
अब तक तो आपने शायद अपने लिए सभी board size का चुनाव कर भी लिया है लेकिन अभी आपको Switches का चुनाव करना बाकि है. क्यूंकि ये user के ऊपर निर्भर करता है की उसे कोन से प्रकार का Switch चाहिए. Market में ऐसे बहुत से brands उपलब्ध है जो users के choice के अनुसार Switch बनाते हैं।
बड़े ecommerce companies जैसे की Amazon में आपको बहुत सारे manufactures के items देखने को मिल जायेंगे. इसमें बहुत सारे varients होते हैं जैसे की blue, green, brown, clear, red, और black. लेकिन सभी switches को परखने से पहले ये जानना जरुरी है की इनके कितने varieties होते हैं।
वैसे देखा जाये तो इसके मुख्य रूप से तीन different varieties होते हैं :
- Clicky (blue and green)
- Tactile (brown and clear)
- Linear (black and red)
इसके साथ सभी categories को दो हिस्सों में split किया जाता है एक है heavier और दूसरा है lighter version. यहाँ पर निचे मैंने एक chart प्रस्तुत करी हुई है उनके weights के अनुसार।
Name | Type | Actuation | Bottom Out |
MX Blue | Clicky | 50g | 60g |
MX Green | Clicky | 80g | 90g |
MX Brown | Tactile | 45g | 60g |
MX Clear | Tactile | 65g | 95g |
MX Black | Linear | 60g | 80g |
MX Red | Linear | 45g | 60g |
Switches तो आपको ही चुनना होगा लेकिन आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की heavy typists ज्यादातर tactile और clicky switches का इस्तमाल करते हैं, और वो अक्सर blacks ही choose करते हैं।
अब तो आप कोन से pieces लगाना चाहते हैं उसके विषय में सोच ही चुके होंगे लेकिन अब आपको सभी board का चुनाव करना बाकि है. मेरा कहना का मतलब है की केवल Gaming Oriented Keyboards के ऊपर नज़र न लगाये, क्यूंकि वो दिखने में जरुर लुभावना लग सकता है उनके flashy lights के कारण, वहीँ इसे इस्तमाल करने के लिए buggy desktop software का इस्तमाल करते हैं जो की poorer quality के clone switches का इस्तमाल करते हैं. Market में बहुत से brands जैसे की Cherry, Gateron, और Kailh मेह्जुद है जो की सभी respected switch manufacturers हैं. इसके लिए सभी चीज़ों के ऊपर आपको नज़र रखना पड़ेगा कहीं तभी जाकर आप एक अच्छा सा keyboard का चुनाव कर सकते हैं।
सबसे Famous Mechanical Keyboard कोन सी है?
अगर आप famous mechanical keyboard की बात करें तो वो और कोई नहीं एक German Company है जिसका नाम है Cherry है. Cherry ने एक famous switch बनाया थी जिसका नाम था Cherry MX Switch जिसे उन्होंने 1980 में बनाया था और उसकी patent भी register की थी।
बहुत ही जल्द इसकी popularity के कारण ये mechanical switches सभी Mechanical Keyboards का एक standard बन गया था. अभी ये patent expire हो गया है और अब सभी इस designs का इस्तमाल कर सकते हैं।
अब दुसरे manufacturers भी अपने switch types को introduce कर रहे हैं. लेकिन इसके वाबजूद भी Cherry MX Switches अभी तक popular हैं।
Mechanical Keyboard के Advantages क्या है?
वैसे तो Mechanical keyboards की बहुत सारे advantages हैं इसके competitors की तुलना में जैसे की rubber dome या scissor switch keyboards से।
Longer Lifespan का होना
इन Mechanical keyboards का significantly longer lifespan होता है. ज्यादातर mechanical switches की lifeline 30 से 70 million key presses तक होती है. वहीँ Common membrane keyboards की lifetime 5 million key presses तक होती है।
No Wear Out का होना
Mechanical switches न केवल ज्यादा lifetime की होती है बल्कि ये बहुत ही कम ही ख़राब होते हैं. बहुत से वर्षों के इस्तमाल के बाद भी ये बिलकुल ही नया के तरह दिखता है. और कोई भी keys stuck नहीं होती हैं।
Improved Typing Experience / Feedback का होना
एक mechanical switch ज्यादा tweaking options प्रदान करते हैं एक simple rubber dome की तुलना में. इसमें कोई भी आश्चर्य नहीं है की बहुत सारे अलग अलग प्रकार के switch types होते हैं और उनके variuos characteristics भी होते हैं।
कुछ switches में detectable actuation point होते हैं, कुछ में additional acoustic feedback भी होते हैं. इसके साथ आप इन switches को अपने काम के हिसाब से optimize कर सकते हैं।
High Stability / Robustness
Mechanical keyboards significantly ज्यादा heavy होते हैं membrane या scissor keyboards की तुलना में. इसलिए उनमें ज्यादा stability होती है और ज्यादा robust होते हैं।
Mechanical Keyboard के Disadvantages क्या हैं?
चलिए Mechanical Keyboard के कुछ diadvantages के विषय में जानते हैं।
Sound Level
Mechanical keyboards ज्यादातर louder होते हैं दुसरे keyboards की तुलना में. तब इसके लिए आप कोई silent mechanical keyboard models का इस्तमाल कर सकते हैं साथ ही आप O-Rings का इस्तमाल कर सकते हैं keyboards के sound को decrease करने के लिए।
High Price
Mechanical keyboards बहुत ज्यादा expensive होते हैं ज्यादातर normal keyboards के तुलना में. लेकिन आपको इसे एक अच्छा investment मानना चाहिए क्यूंकि ये keyboard को आप बहुत वर्षों तक इस्तमाल कर सकते हैं बिना कुछ खराबी के।
High Weight
ज्यादा weight से stability तो मिलती है, लेकिन इसे एक जगह से दुसरे जगह तक ले जाने में तकलीफ होती है. और अगर आप इसे अपने lap में भी इस्तमाल करते हैं तब भी इसके वजन के कारण आपको इसे इस्तमाल करने में तकलीफ होती है।
आज आपने क्या सीखा
मुझे आशा है की मैंने आप लोगों को मैकेनिकल कीबोर्ड क्या है (What is Mechanical Keyboard in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को Mechanical Keyboard की जानकारी समझ आ गया होगा।
यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं. आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा।
यदि आपको मेरी यह post मैकेनिकल कीबोर्ड के प्रकार हिंदी में अच्छा लगा हो या इससे आपको कुछ सिखने को मिला हो तब अपनी प्रसन्नता और उत्त्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये।
Super definition of mechanical switch
Bahut hi badhiya… Prabhat anjan
Bahut hi badhiya thanks
Good Information about mechanical keyboard.
bahut he acchi jankari share ki hai apne thanks.
Very Nice….
Thanks you.
Welcome ji.
Sir ek post likhiye drone kya hai or kaise kaam karta hai
Ji jarur. Hum drone aur uski license ke baare mein jarur likhenge.