विज्ञापन क्या है, इसके उदाहरण, प्रकार और उद्देश्य

विज्ञापन क्या है? आपके पसंदीदा Movies या TV Serial के बीच में आपको बहुत बार ads देखने को मिलते हैं. क्या आप जानते हैं की असल में ये एड्स क्या होता है? ये 30-second की spot, एक catchy sentence या एक चतुराई से लिखी गयी slogan जिसे हम अक्सर अपने TV में देखते हैं उन्हें ही विज्ञापन कहते हैं।

एक Survey के अनुसार average इन्सान दिन में करीब 5000 से भी ज्यादा advertising messages पड़ता है. ये Advertisements बहुत से shapes, sizes, और forms (आकार) में आते हैं।

लेकिन सवाल उठता है की आखिर में ये विज्ञापन क्या होता है? क्यूँ advertising का इतना ज्यादा महत्व होता है? इन Advertisemets के advantages और disadvantages क्या होते हैं?

यदि आपके मन में भी ऐसे ही सवाल उठ रहे हैं तब आपको आज का यह लेख विज्ञापन इन हिंदी पूरी तरह से पढनी चाहिए क्यूंकि इसमें विज्ञापन से सम्बंधित सभी चीज़ों को बहुत ही अच्छी तरीके से समझाया गया है।

वहीँ कैसे आप बढ़िया विज्ञापन बना सकते हैं उसके विषय में भी जानकारी प्रदान करी गयी है. तो फिर बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं Advertisement क्या है

विज्ञापन क्या है (What is Advertisement in Hindi)

vigyapan kya hai hindi

विज्ञापन लेखन एक ऐसा कार्य होता है जिसमें की जनता का ध्यान को किसी ओर खीचा जाता है; ज्यादातर paid announcements की ओर. इसमें ध्यान देने वाली बात यह है की advertising को किसी एक प्रकार तक limit नहीं किया गया है जैसे की print media, television, Internet, या कोई दूसरा specific medium।

वहीँ ये ज्यादा emphasis (जोर) ‘paid announcements‘ पर देता है, लेकिन असल में ये कोई requirement नहीं है. वहीँ attention अपने तरफ खींचना से ये तात्पर्य है की ये attention हमेशा सही हो ऐसा बिलकुल भी नहीं है।

विज्ञापन का अर्थ (Definition of Advertising in Hindi)

बहुत से business-specific definitions में advertising की ये कहाँ गया है की advertising असल में non-personal होता है. ये distinction कभी कबार महत्वपूर्ण भी होता है क्यूंकि face-to-face sales का role बहुत से जगहों में businesses play करते हैं. वहीँ एक salesforce को अक्सर एक consider किया जाता है एक marketing strategy, न की एक advertising strategy.

आसान शब्दों में कहें तब Advertising एक ऐसा paid form होता है non-personal presentation और promotion का ideas, goods, या services का एक identified sponsor के द्वारा. वहीँ इन्हें इसी उद्देश्य से बनाया गया होता है की ये एक targeted set के audience को प्रभावित कर सके. या खरीदने के लिए मना सके।

विज्ञापनों की विशेषताएं

अब चलिए जानते हैं की विज्ञापन विभाग के कार्य क्या होते हैं।

1. Paid Form का होना : Advertising में जरुरत होती है की advertiser (जिसे की sponsor भी कहते हैं) वो pay करे एक ऐसा advertising message बनाने के लिए, जिसमें उन्हें advertising media slot खरीदना पड़े, और advertising efforts को monitor भी किया जा सके।

2. Promotion करें के लिए Tool : Advertising एक element होता है किसी एक organization के लिए promotion mix करने के लिए।

3. One Way Communication होता है : देखा जाते तो Advertising एक one-way communication होता है जहाँ की brands communicate करते हैं customers के साथ अलग अलग mediums के द्वारा।

4. Personal या Non-Personal होना : Advertising या तो non-personal हो सकता है TV, radio, या newspaper advertisements के सन्दर्भ में, या highly personal भी हो सकता है social media और दुसरे cookie-based advertisements के case में।

विज्ञापन का उद्देश्य क्या है?

चलिए अब जानते हैं की विज्ञापन का उद्देश्य क्या होता है. वैसे देखा जाये तो Advertising या विज्ञापन के मुख्य रूप से तीन main Aims होते हैं. चलिए उन्ही के विषय में जानते हैं।

Informative Advertising का होना

Informative advertising का बहुत ही ज्यादा महत्व होता है किसी एक नए product category के pioneering stage में. इसका मूल लक्ष्य ही होता है की की एक primary demand पैदा करना।

इसी लक्ष्य को support करने के लिए, informative advertising प्रदान करता है information एक नए product के features के बारे में या service के विषय में जिससे की ये ग्राहकों के मन में decision-making process की शुरुवात कर सके।

उदाहरण के लिए, एक दूध supply करने वाली company को, ये inform करना होगा अपने consumers को की दूध के nutritional benefits क्या होते हैं।

Advertisements का इस्तमाल brand awareness और brand exposure को बढ़ाने के लिए होता है target market में. सही customers तब brand के विषय में जानकारी पहुँचाना ही इसमें पहला step होता है अपने business goals को पूर्ण करने का।

Persuasive Advertising का होना

Persuasive advertising ज्यादा relevant बनता है competitive stage में. इसमें company की objective होती है एक particular brand के लिए एक selective demand पैदा करना।

इसमें ग्राहकों को ये जताना होता है की इसकी products और services ज्यादा value प्रदान करते हैं इसकी प्रतिद्वंद्वी products या services की तुलना में।

उदाहरण के लिए, Toyota अपने consumers को ये बताता है की उनकी cars ज्यादा आरामदायक होते हैं Maruti Suzuki के cars की तुलना में।

चूँकि persuasive advertising में comparative advertising का इस्तमाल होता है, जिसमें की explicit comparisons करना पड़ता है दो ये उससे ज्यादा brands के बीच में।

इसलिए कुछ देशों में comparative advertising को permit नहीं किया जाता है. इस प्रक्रिया में customers को pursuade करना एक particular task को करने के लिए जिससे की अपनी advetising की objective पूर्ण हो सके।

इस tasks में products और services जो की offer किया गया होता है उसे try करना भी पड़ता है, जिससे की एक brand image का form बन सके, वहीँ develop करना होता है एक favourable attitude brand के तरफ।

Reminder Advertising का होना

आखिर में reminder advertising ज्यादा relevant बनता है mature products के case में।

ऐसे stage में, consumers बिलकुल ही जानकार होता है product के features के विषय में. वहीँ वो इसके benefits से भी उत्साहित होते हैं. लेकिन इसके benefits को बार बार repeat करना होता है ग्राहकों को ये याद दिलाने के लिए की उन्हें ये product को खरीदना ही चाहिए।

उदाहरण के लिए, गर्मियों में Cold Drinks के ads आपको ज्यादा दिखाई पड़ते हैं वो भी बार बार प्रत्येक दिन में. ये काम बस Soft Drinks के विषय में याद दिलाने के लिए किया जाता है।

विज्ञापन के प्रकार (Types of Advertisement in Hindi)

चलिए विज्ञापन के प्रकार इन हिंदी के विषय में जानकारी प्राप्त करते हैं।

Broadcast Media

Broadcast Media Hindi

Television और radio ऐसे दो traditional broadcast media हैं जिन्हें की बहुत समय पहले advertising में इस्तमाल किया जा रहा था. Television offer करता है creative opportunities, एक dynamic message और सबसे बड़ी बात wide audience reach।

वहीँ ये सबसे ज्यादा कीमती माध्यम है advertise करने के लिए, वहीँ छोटे businesses केक लिए ऐसा कर पाना काफी मुस्किल हो जाता है।

TV watchers की normally एक बहुत ही negative attitude होता है commercials की और. Radio और TV में advertising messages, तुरंत ही खो जाते हैं एक बार commercial spot end हो जाये।

Radio ज्यादा affordable होते हैं छोटे businesses के लिए और allow करते हैं repetition और frequency के लिए. इसमें आपको TV के तरह visual element प्राप्त नहीं होता है और आपको deal करना पड़ता है एक a distracted audience के आठ, चूँकि ज्यादातर listeners driving कररहे होते हैं।

Print Media

Print Media Hindi

Magazines और newspapers ऐसे दो traditional print media होते हैं. Magazines offer करती हैं highly selective audience जो की generally interested होते हैं losely सम्बंधित topic उस magazine के।

Visual imagery हमेशा ज्यादा ताकतवर होती है magazines में newspapers की तुलना में. आपने शायद थोडा समय बिताया है क्यूंकि magazines बहुत ही ज्यादा niche oriented होते हैं और आप बाद में एक narrow customer segment को target कर सकते हैं।

वहीं इसकी downside होती हैं की, magazines ज्यादा कीमती होते हैं और इन्हें लम्बे होते हैं जिससे की इन्हें limit करना होता है timely promotions के लिए. वहीँ इनके पास limited audience reach होती है।

Newspapers ज्यादा affordable होते हैं local businesses के लिए और आपको allow करती है एक geographic segment को target करने के लिए।

वहीँ Newspapers को देखा जा सकता है एक credible medium के तोर में, जो की बढाता है ad acceptance को. वहीँ इसमें आप आसानी से अपना ad place कर सकते हैं एक या दो दिन के भीतर खरीदने के।

Support Media

Support Media Hindi

Support media के अंतर्गत आते हैं कुछ options वो भी message delivery के लिए, वहीँ add to या expand campaigns को deliver किया जाता है ज्यादा traditional media के द्वारा।

Billboards, transits, bus benches, aerial, directories और trade publications बहुत ही common support media हैं. वहीँ ये एक local या regional market में आपको ज्यादा reach प्रदान करती है, वहीँ आपके targeted market segments तक आपकी reach पहुंचाती है।

Direct Marketing

Direct Marketing Hindi

Direct marketing एक interactive approach है advertising का जीकी शुरुवात early 21st-century में हुई था. इसके अंतर्गत आता है direct mail, email और telemarketing।

यह एक direct response effort होता है एक ongoing dialogue or interaction करने के लिए customers के साथ. वहीँ आप चाहें तो Weekly या monthly email newsletters भी भेज सकते हैं अपने customers को जहाँ पर आप अपने products के विषय में जानकारी प्रदान कर सकते हैं।

Internet

Internet Hindi

Internet का इस्तमाल online और offline companies के द्वारा किया जाता है अपने products और services को promote करने के लिए।

Banner ads, pop up ads, text ads और paid search placements इसके common forms होते हैं. Banner, pop up और text ads ऐसे तरीके होते हैं जिसमें की एक image या message को एक publisher के website में post किया जाता है जहाँ से उसके traffic आप तक drive हो सकें।

Paid search placements, जिसे की cost-per-click advertising भी कहा जाता है, ये ऐसी जगह है जहाँ पर की आप एक certain amount bid करते हैं आपके link को present करने के लिए users के सामने search engines में जैसे की Google और Yahoo!

Social Media

Social Media Hindi

Businesses भी create करते हैं अलग अलग target groups, और अपने ads send करते हैं social media platforms में अपने users को जो की ज्यादा interested होते हैं उनके products और services को लेकर।

Targeting options के अंतर्गत आता है targeting based on geographic location, buying tendencies, और दुसरे consumer behaviour

एक effective method है social media ads को place करने का जिसे की retargeting कहा जाता है, ये focus करता है website visitors जो की चले गए होते हैं बिना कोई चीज़ ख़रीदे ही या बिना sign up किये ही।

Businesses अब place करते हैं pixel visitor के browser में, और send करते हैं targeted ads उस visitor को जब वो कोई दूसरा website browse करता है. Sponsored ads काम करता है इसी प्रकार से retargeting के द्वारा, लेकिन इसमें जो अंतर है वो ये की businesses को pay करना होता है इन ads को appear कराने के लिए उन specific websites जहाँ की उनके target audience visit करने वाले होते हैं।

विज्ञापन के उदाहरण

सभी companies को अपने products की advertises करने की जरुरत पड़ती है जिससे की वो उनका sales बढ़ा सकें, मार्किट value acquire कर सकें, वहीँ market में अपनी एक brand value बना सके।

वहीँ ये business इन विज्ञापनों में बहुत सारा पैसा खर्च करते हैं, लेकिन इन में से जो सबसे बेहतरीन तरीकों का इस्तमाल करते हैं वही आखिर में सफल होते हैं. चलिए ऐसे ही कुछ techniques के विषय में जानते हैं जिनका इस्तमाल advertisements में होता है।

1. Emotional Appeal करना

इस advertising technique को किया जाता है दो factors के मदद से – ग्राहकों की जरूरतें और उनकी fear factor।

जरूरतों की सबसे common appeals होते हैं

  • कुछ नयी चीज़ पाने के जरुरत
  • Acceptance की जरुरत
  • Ignore न होने की जरुरत
  • पुरानी चीज़ों में बदलाव की जरुरत
  • Security की जरुरत
  • आकर्षक दिखने की जरुरत

डर से हो रही common appeals हैं

  • Accident होने का डर
  • मरने का डर
  • दुरी बनाने का डर
  • बीमार होने का डर
  • बूढ़े हो जाने का डर

2. Promotional Advertising

इस technique में मुख्य products की samples को मुफ्त में ग्राहकों को दे दिया जाता है. ऐसे items offer किये जाते हैं trade fairs में, promotional events में, और ad campaigns में भी, जिससे की ज्यादा से ज्यादा लोगों को अपनी और आकर्षित कर सकें।

3. Bandwagon Advertising करना

यह एक ऐसी technique है जिसमें की लोगों को ये convince किया जाता है की वो भी उन लोगों के group को join करें जो की लाभान्वित पक्ष में हैं. इससे उन्हें जितने का अनुभव होगा।

उदाहरण के लिए Pantene Shampoo का ad, जो की कहता है की .” 15 करोड़ से भी ज्यादा महिलावों का विस्वास Pantene, और आप?”।

4. Facts and Statistics

यहाँ पर advertisers इस्तमाल करते हैं numbers, proofs, और real examples का ये show करने के लिए की कितना बढ़िया उनका product काम करता है।

5. अधूरे Ads

इस technique में advertisers ज्यादातर रोचक शब्दों से खेलते हैं, यानि की वो अपने products को बढ़िया कहते हैं, लेकिन ये नहीं कहते की वो कितना बेहतर है अपने प्रतिद्वंद्वी से।

6. Weasel Words की Technique

इस technique में, इसमें advertisers ये नहीं कहते हैं की वो बाकियों से बेहतर हैं लेकिन इससे मना भी नहीं करते हैं।

7. Endorsements करना

इसमें advertisers बड़े और प्रसिद्ध celebrities का इस्तमाल करते हैं अपने products की advertise करने के लिए. इसमें ये इन products को endorse करते हैं वहीँ अपनी experience उस product को लेकर बताते हैं।

8. ग्राहकों की प्रशंसा करना

इसमें advertisers बढ़िया punch lines का इस्तमाल करते हैं जिससे की वो consumers (ग्राहकों) की प्रसंशा करें जो उनकी products खरीदते हैं।

9. Ideal Family और Ideal Kids

इस technique में advertisers ये दिखाते हैं की जो परिवार और बच्चे उनके products का इस्तमाल करते हैं वो बहुत ही खुश रहते हैं. इस ad में बढ़िया सा घर, बढ़िया और सुन्दर परिवार, शानदार बच्चे इत्यादि दिखाई जाती हैं।

10. देश भावना जगाने वाले Advertisements

इस Techniques में ये दिखाया जाता है की कैसे आप इनके products का इस्तमाल कर देश के हित में अपना योगदान प्रदान कर रहे हैं. कुछ ads में companies कहती है की अगर आप उनके चीज़ों को खरीदते हैं तब लाभ का कुछ हिस्सा गरीब बच्चों के शिक्षा में प्रदान की जा रही है।

11. ग्राहकों को सवाल करना

इस प्रकार के technique में advertisers अक्सर ग्राहकों को कुछ सवाल पूछते हैं अपने products के विषय में जिससे की उन्हें उनके response प्राप्त हो सकें।

12. घुस देना

इस technique में customers को घुस प्रदान किया जाता है, कुछ extra चीज़ें प्रदान कर या कुछ extra discount प्रदान कर. इससे ज्यादा पाने और ज्यादा छुट के उम्मीद में consumers ज्यादा चीज़ें खरीदते हैं।

13. Surrogate Advertising करना

इस प्रकार के technique अक्सर ऐसे companies करते हैं जो की directly अपने products को advertise नहीं कर सकते हैं।

ऐसे जगह में वो indirect advertisements का इस्तमाल करते हैं जिससे की customers को उनके असली प्रोडक्ट्स के विषय में पता चल सके।

इस प्रकार की technique का इस्तमाल ज्यादातर शराब बनाने वाले companies करते हैं।

ये थी कुछ major techniques जिनका इस्तमाल advertisers के द्वारा उनके products की advertise करने के लिए की जाती है।

वहीँ ऐसे कुछ दुसरे techniques भी हैं online advertising के जैसे की web banner advertising जहाँ की एक banner को place किया जाता है web pages में, content advertising जहाँ की content का इस्तमाल online product को advertise करने के लिए किया जाता है, link advertising जिसमें की दुसरे sites में links प्रदान की जाती है जिससे की वो refer हों directly product website को।

विज्ञापन के लाभ

चलिए अब विज्ञापनों के फायेदे के विषय में कुछ बातें करते हैं।

1. ये Per-Unit Cost को कम करती हैं
Advertisements की wide appeal बढाती है product की demand को जो की बाद में organization की ही benefit करवाता है।

2. Brand Building करने में मदद करता है
Advertisements बहुत ही effectively काम करते हैं brand building करने में. Brands जो advertise करते हैं उन्हें ज्यादा prefer किया जाता है उनके ऊपर जो की advetise नहीं करते हैं।

3. नए Products की Launching करने में मदद प्रदान करती है
नए products की Launching में काफी मदद प्रदान करती है जब उसे एक advertisement से backed किया जाये तब।

4. मेह्जुदा ग्राहकों की Confidence में बढ़ोतरी करती है जो की उस Brand का इस्तमाल करते हैं
Advertisements से existing customers की confidence में boost मिलती है और उन्हें थोडा गर्व भी होता है जब वो उस advertisement को देखते हैं।

5. Customer की Turnover को कम करने में मदद प्रदान करती है
Strategic advertisements का होना नए offers और better service से customer turnover को कम करमें सहायता मिलती है।

6. नए customers को Attract करते हैं
Attractive advertisements से brand को नए customer gain करने में आसानी होती है और साथ में उन्हें अपने business को बढ़ाने में भी मदद मिलती है।

7. Customers को ज्ञान प्रदान करती है
Advertisements से बहुत से customers को अलग अलग मेह्जुदा products के विषय में पता चलता है और उन्हें ये जानने में भी आसानी होती है की क्या चीज़ों का उन्हें इस्तमाल करना चहिये।

विज्ञापन के हानि

चलिए advertisement के disadvantages के विषय में जानते हैं।

1. ये कीमत को बढ़ा देती है
देखा जाये तो Advertising एक extra expense होता है business के लिए और इसे product के कीमत के साथ जोड़ दिया जाता है. इसलिए अंत में इसकी कीमत को consumer के द्वारा ही वहन किया जाता है।

2. ये खरीदार को Confuse करती है
बहुत सारे advertisements जो की कुछ similar claim कर रहे होते हैं वो सभी खरीदार को confuse करते हैं की उसे क्या खरीदना चाहिए और किन चीज़ों को नहीं खरीदना चाहिए।

3. अधुरा information प्रदान करना
कुछ advertisements जानबूझकर smart strategies का इस्तमाल करते हैं जिससे की customers को mislead किया जा सके।

4. ये केवल बड़े Businesses के लिए उपयुक्त है
Advertising एक बहुत ही कीमती चीज़ होती है और इसके खर्चे कोई छोटे businesses के लिए वहन कर पाना बहुत ही मुस्किल होता है. इसलिए इसका इस्तमाल केवल बड़े businesses ही करते हैं।

5. फालतू चीज़ों की बिक्री को भी प्रोत्साहन मिलती है
Effective advertisements से फालतू के चीज़ों को भी ग्राहकों को अच्छे चीज़ों के आकार में बेचा जाता है जो की उनके लिए बिलकुल भी सही नहीं है।

विज्ञापन का महत्व (Importance of Advertisement in Hindi)

अब चलिए विज्ञापन के महत्व के विषय में जानते हैं।

Customers के लिए

1. Convenience: Targeted informative advertisements ग्राहकों के decision making process को आसान बनाता है जिससे की उन्हें ये पता चल सके की उनके requirements और budget के लिए क्या सही है।

2. Awareness: Advertising से ग्राहकों को अलग अलग चीज़ों के विषय में जानकारी प्राप्त होती है और साथ में उनके features भी. ये knowledge मदद करती हैं customers को सभी available को एक साथ compare करने में जिससे की वो best का चुनाव कर सकें।

3. Better Quality: केवल brands ही अपनी और अपने products की advertise करते हैं. Unbranded Products की कोई भी advertisements नहीं होती है. इससे चीज़ों की हमेशा better quality होती है क्यूंकि कोई भी brand अपने चीज़ों के विषय में गलत advertising नहीं करता है।

Business के लिए

1. Awareness: Advertising के होने से ये brand और product awareness को बढ़ा देता है लोगों के बीच में जो की उस target market को belong करते हैं।

2. Brand Image: बेहतर advertising से business को मदद मिलती है अपने लिए एक brand image और brand personality बनाने के लिए ग्राहकों के दिमाग में।

3. Product Differentiation: Advertising मदद करती है business को अपने products की एक अलग पहचान बनाने के लिए दूसरों की तुलना में, वहीँ उनके विषय में सभी features और advantages सही ग्राहकों तक पहुँचाने में।

4. Increases करती है Goodwill: Advertising reiterate करती है brand vision को जिससे की brand की goodwill बढती है customers के बीच में।

5. Value For Money का होना : Advertising के होने से एक बहुत ही बड़ी audience तक message को deliver किया जा सकता है और वहीँ इसकी value for money भी प्राप्त होती है।

विज्ञापन कैसे बनाये

यदि आपको अपना online कारोबार (business) बढ़ाना है तब सबसे ज्यादा आपको किस चीज़ की जरुरत होगी?
Traffic।

जी हाँ दोस्तों, ज्यादातर businesses के लिए, Traffic बढ़ने का सबसे जल्द तरीका होता है advertising।

हाँ आज के समय में चरों तरफ केवल Digital advertising की ही बात चल रही. इसे inches का खेल भी कहा जाता है. थोड़ी सा बदलाव आपके ads में, बहुत ही ज्यादा improvements ला सकता है, साथ में आपकी profitability को भी कई गुना बढ़ा सकता है।

जब आप Online Ad Platforms जैसे की Google और Facebook को इतने ज्यादा पैसे दे रहें हैं एक single click के ही, तब ये बहुत ही जरुरी हो जाता है की आप ऐसे ad copy लिखें जो की लोगों को push करें और आपके products को खरीदने के लिए उत्साहित करें।

विज्ञापन बनाना बहुत ही आसान है. आगे में आपको ऐसे ही कुछ powerful tactics बताने वाला है जिसका इस्तमाल कर आप बढ़िया से बढ़िया ad copy (विज्ञापन) प्रस्तुत कर सकते हैं।

1. आपको viewers को ये दिखाना होगा की कैसे आप उनके problem को solve करेंगे

जब बात आती है बढ़िया advertisements headlines लिखने की, तब ज्यादातर लोग kewords तक ही शिमित रह जाते हैं. वैसे ये तो महत्वपूर्ण है क्यूंकि यही चीज़ सबसे पहले visitor पड़ता है।

वैसे इस चीज़ का ख्याल तो सभी रख रहे होते हैं, वहीँ आपको कुछ अलग करना होता है उनका attention अपनी और खींचने के लिए।

दूसरों से अलग दिखने के लिए, आपको अपने ad headline में दर्शक के end goal को दिखाना होगा.
लोग ads पर तभी click करते हैं जब उन्हें लगता है की इससे उनका problem solve हो सकता है, न की उन्हें आपके keywords पसदं आये।

इसलिए आपको कोई भी ad बनाने से पहले ये सोचना होगा की कैसे ये ad आपके users को मदद करने वाला है।

2. आपको emotional triggers शामिल करना होगा

ये अक्सर देखा गया है की जो की users साईट को search कर रहे होते हैं वो उतने ज्यादा serious नहीं होते हैं लेकिन मन ही मन में अपने मुसीबत का हल जरुर ढूंड रहे होते हैं।

आपको बस ऐसे visitors को थोडा सा उत्तेजित करना होता है, इसके लिए आप emotional triggers का इस्तमाल कर सकते हैं.
इसके पीछे का कारण बड़ा ही साधारण है क्यूंकि अक्सर लोग किसी भी नतीजे में पहुँचने से पहले अपने logic के साथ साथ emotion का भी उपयोग करते हैं।

यदि आप अपने advertisement से उनके emotion को click कर पाए तब आप अपने काम में सफल हुए।

उदाहरण के लिए, Skin Doctors अपने ads में आपको जवान, बेहतर दिखने से शब्दों का इस्तमाल करते हुए मिल जायेंगे.
चलिए जानते हैं की कैसे आप अपने ads को emotional बना सकते हैं :

  • सबसे पहले चुने की आपके customer कौन होंगे
  • फिर चुने की कौन सा emotion उनके ऊपर सबसे ज्यादा असर डालेगा.
  • फिर अपना emotional advertisement लिखें

3. ज्यादा Focus benefits पर करें, न की features पर

जब आप अपने ads का मुख्य हिस्सा लिख रहे होते हैं तब उसमें अपने बारे में कम ही लिखने वहीँ ये बात पर ज्यादा जोर डालें की कैसे आपका brand उनकी मदद कर सकता है।

आपका विज्ञापन ज्यादा personal होना चाहिए जिससे आपका consumer उसे सही ढंग से समझ सकें।

उदाहरण के लिए, यदि कोई customer अपना laser surgery कराना चाहता है तब उसे ये बात से ज्यादा फरक नहीं पड़ता है की आपका brand name क्या है या आप कौन से technology का इस्तमाल कर रहे हैं।

उन्हें ये चिंता ज्यादा रहती है की उनकी surgery कितनी जल्द होने वाली है, कितनी comfortable और accurate होगी – वहीँ इसे benefits कितने हैं, न की features।

अगर आपको ये बात समझ में आ गयी तब आप आसानी से बहुत ज्यादा traffic अपने ads की और ला सकते हैं।

4. Implement करें FOMO

हाँ, FOMO का full form होता है (fear of missing out). मतलब की क्या वो कुछ छोड़ तो नहीं रहे हैं जो की उन्हें ज्यादा फायेदा पहुंचा सकता है. इससे आप ज्यादा visitors अपने लिए ला सकते हैं।

कुछ खो जाने की psychology को ज्यादा इस्तमाल विज्ञापनों में किया जाता है. इसमें जो चीज़ सबसे ज्यादा इस्तमाल की जाती है वो होती है countdown timers जो की real time में run कर रही होती है।

यदि आप इन तरीकों का इस्तमाल करें अपने विज्ञापन लिखने में तब आपको जरुर से बहुत फायेदा होने वाला है।

विज्ञापन कैसे लिखते है?

विज्ञापन को आकर्षक रूप से लिखा जाता है जिससे की ज़्यादा से ज़्यादा लोग उसे पढ़ें और आपके द्वारा जानकारी को अमल करें। इसमें मुख्य वस्तु को ही स्थान में दिया जाता है।

विज्ञापन के माध्यम क्या है?

विज्ञापन के कई सारे माध्यम महजूद है जैसे समाचार-पत्र, पत्रिकाएं, रेडियो, टेलीविजन आदि।

आज आपने क्या सीखा

मुझे उम्मीद है की आपको मेरी यह लेख विज्ञापन क्या है (What is Advertisement in Hindi) जरुर पसंद आई होगी. मेरी हमेशा से यही कोशिश रहती है की readers को विज्ञापन के उद्देश्य के विषय में पूरी जानकारी प्रदान की जाये जिससे उन्हें किसी दुसरे sites या internet में उस article के सन्दर्भ में खोजने की जरुरत ही नहीं है. इससे उनकी समय की बचत भी होगी और एक ही जगह में उन्हें सभी information भी मिल जायेंगे।

यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं।

यदि आपको यह लेख एड्स क्या होता है हिंदी में पसंद आया या कुछ सीखने को मिला तब कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter और दुसरे Social media sites share कीजिये।

About the Author

Sumit Singh

Sumit Singh

मुझे पढ़ना और लिखना बहुत पसंद है। मुझे सूचनात्मक विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मुझे कहानी लेखन, कविता और कुछ कविताओं को लिखने में गहरी रुचि है।

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