ATM एक ऐसी स्वचालित इलेक्ट्रॉनिक बैंकिंग मशीन होती है जिसमें अगर कोई ग्राहक अपने ATM कार्ड का इस्तमाल करे और सभी सठिक जानकारी प्रदान करें तब वो बड़ी ही आसानी से अपने बैंक खाते से पैसे निकल और भेज सकता है। ATM मशीन को Automatic Teller Machine भी कहा जाता है।
देखा जाये तो मुख्यत दो प्रकार के Automatic teller machine (ATMs) होते हैं। पहला वाला जो की Basic ATM है जो की Customers को पैसे निकलने (withdraw) और अपने account report देखने के लिए मदद करता है। वहीँ दूसरा ATM थोडा complex है क्यूंकि इसके काम थोडा complex हैं, जैसे इसमें आप deposit, credit card payment facilities और account information को report कर सकते हैं.
तो बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं और जानते हैं की आखिर ये ये ATM क्या होता है और इसे use करने का तरिका की पूरी जानकरी हिंदी में।
एटीएम क्या है – What is ATM in Hindi
ATM मशीन एक Banking Electronic device है जिसे केवल bank के customer ही इस्तमाल कर सकते हैं. किसी भी account सम्बंधित transaction करने के लिए इसे इस्तमाल किया जाता है।
यहाँ Users अपने account को access करने के लिए एक special type वाला plasic card का इस्तमाल करते हैं जिसमें की user information पहले से ही उस card के पिछले भाग में एक magnetic strip के ऊपर encode होकर रहता है।
ये magnetic strip में एक identification code रहता है जो की card के इस्तमाल पर उस identification code को bank’s central computer को modem के द्वारा भेजा जाता है.
तो जब user अपना card ATM में insert करता है अपना account access करने के लिए तभी उस identification code को matching automatically होती है जिससे अगर code match हो गया तब account transaction को process किया जाता है।
ATM का Full Form in hindi क्या है ?
ATM का Full-Form होता है Automated Teller Machine।
ATM को हिंदी में क्या कहते हैं ?
ATM को हिंदी में स्वचालित टेलर मशीन कहते हैं।
एटीएम का इतिहास (ATM History in Hindi)
ATM या automatic teller machine के आविष्कारक थे John Shepherd-Barron जिन्होंने सन 1960 में इसका आविस्कार किया था. इसे हिंदी में स्वचालित गणक मशीन कहते हैं. इसके साथ Automatic banking machine, cash point, Bankomat भी कहते हैं।
आधुनिक ATM की पीढ़ी का प्रयोग सबसे पहले 27 जून, 1967 में लंदन के बार्केले बैंक ने किया था। इससे पहले 1960 के दशक में एटीएम (ATM) को बैंकोग्राफ नाम से जाना जाता था, माना जाता है कि लंदन में इसका सबसे पहले इस्तेमाल हुआ और इसके आविष्कार का श्रेय जॉन शेफर्ड बैरन (John Shepherd-Barron) को दिया जाता है. उनका जन्म ब्रिटिशकालीन भारत में 23 जून 1925 को मेघालयके शिलॉन्ग में हुआ था
बैरन एटीएम का पिन 6 डिजिट का करने के पक्ष में थे, लेकिन उनकी पत्नी ने उनसे कहा कि 6 डिजिट ज्यादा है और लोग इसे याद नहीं रख पाएंगे। इस कारण बाद में उन्होंने चार डिजिट का एटीएम पिन बनाया। आज भी चार डिजिट का ही पिन चलन में है।
भारत में पहली बार 1987 में एटीएम की सुविधा शुरू हुई थी। भारत में पहला एटीएम हॉगकॉग एंड शंघाई बैंकिंग कॉरपोरेशन (एचएसबीसी) ने मुंबई में लगाया था। वर्तमान में एटीएम का प्रयोग दिनचर्या का महत्त्वपूर्ण अंग बन गया है। चूँकि अविष्कार जब भी होता है उसकी आवश्कता ही उसकी जनक होती है।
उसी तरह एटीएम (ATM) की जरुरत पश्चिम देशो में तब पड़ी जब उन लोगो या वित्तीय संस्थाओं को कैश (cash) संबधी काम निपटाने वाले कर्मचारिओं की वेतन बढाने की मांग और well skilled लोगो की कमी के चलते संस्थाओं को परेशानी का सामना करना पड़ता था।
इसीलिए ATM के आविस्कर होने के बाद Bank के बहुत से काम ATM के द्वारा संभव हो पाया क्यूंकि इसमें self service में बहुत काम किया जा सकता है. इसके लिए bank कर्मचारी के ऊपर निर्भर होना नहीं पड़ता. पर जब ATM का idea इसके आविष्कारक के मन में आया तो उन्हें बहुत मुश्किलों का सामना करना पड़ा।
क्योंकि उस समय में भी बैंक पैसे के लेन देन को काफी संवेदनशील मामला मानते थे और ऐसे भी पैसे को किसी मशीन के भरोसे छोड़ने को उन्होंने स्वीकार नहीं किया. ये एक बड़ा जोखिम था लिहाजा कोई भी बैंक इसके इस्तेमाल को तैयार नहीं हुआ।
इसके बाद भी लूथर ने हिम्मत नही हारी और लगातार इसके विकास में उसने अपनी जिन्दगी के 21 साल लगातार खर्च किये जिसके बाद उसने ‘जून 1960’ में इसके पेटेंट के लिए आवेदन किया. और फरवरी 1960 को उसे इसका पेटेंट मिल भी गया।
एटीएम से पैसे कैसे निकाले
ATM के बारे में तो अब तक आप लोगों को तो पता चल ही चूका होगा. अब बारी आती है की अब जब हमारे पास ATM Card मेह्जुद हो तब हम कैसे पैसे निकाल सकते हैं. इस प्रक्रिया को समझने के लिए मैंने निचे इसे पुरे विस्तृत ढंग से बताया है. आप इसका वर्णन निचे पढ़ सकते हैं।
#1. आपको पहले अपने इलाके के पास वाले ATM को ढूंड लेना होगा, यदि हो सके तो आपके पास जो ATM हो उसी bank का ATM machine हो तो और भी बढ़िया. वैसे आप चाहें तो किसी भी bank की ATM से पैसे निकाल सकते हैं।
#2. अब अपना एटीएम कार्ड मशीन में डाल दीजिये. इस प्रक्रिया की विधि आपको ATM machine के सामने लगे निर्देश में दिख जायेगा. ATM को सीधे तरीके से डालें और वहाँ आम तौर पर हरी लाइट जलती रहती है. एटीएम को मशीन में सीधे तरीके से डालें वरना मशीन रीड नहीं कर पायेगा. न read हो पाने पर आपको दुबारा insert करने के लिए screen में कहा जायेगा।
#3. एक बार ATM machine आपके card को read कर लेने के बाद, आपको भाषा चयन का विकल्प देगी. एटीएम में मुख्यतः भाषा अंग्रेजी और हिंदी ही चलती हैं. इन दोनों भाषाओँ में से एक अपनी सुविधानुसार आप चुन लें।
#4. अब आपके कार्य के लिए आपको पिन की मांग करता है वो machine. ये पिन वही पिन है, जो बैंक द्वारा एटीएम के साथ या इसके सन्दर्भ में आपको दी जाती है. जिसे की आपको किसी के साथ share नहीं करना होता है।
#5. एक बार आपके सही PIN enter कर लिया तब आपके सामने एक नया पेज स्क्रीन पर खुल जाएगा. अब आपको अपने अकाउंट के type का चयन करना होगा. जैसे की Saving Account (बचत बैंक खाता) या Current Account (चालू बैंक खाता). जो भी हो आप उसका उचित चुनाव कर सकते हैं।
#6. अकाउंट के प्रकार का चयन करने के बाद आपको वो राशि (amount) डालनी होगी, जितना आप निकालना चाहते हैं. ध्यान रहे कि विभिन्न बैंक और विभिन्न अकाउंट की पैसे निकालने की सीमा विभिन्न होती है. इसके लिए पहले ही इस चीज़ की पुष्टि उस bank से कर लें।
#7. एक बार राशि डाल कर ओके पर click कर देने के बाद मशीन से आपकी डाली गयी राशि निकल आएगी. और इस तरह बड़े ही आराम से आप अपने पैसे ATM से निकाल सकते हैं. ध्यान रहे कि आपने जो राशि डाली है उससे अधिक राशि आपके अकाउंट में जमा होनी चाहिए, अन्यथा आपको इसके लिए कुछ fees का भुक्तान भी करना पड़ सकता है।
#8. इस तरह आपका पहला ट्रांजक्शन पूरा हो जाता है।
#9. यदि आप पुनः पैसे निकालना चाहते हैं, तो इसका भी विकल्प वहाँ दिया हुआ रहता है. बाकि यदि आप cancel का button press कर दें तब आपका transaction वहीँ समाप्त हो जाता है।
Automatic Telling Machine के Devices:
The Automatic telling machine में mainly two input devices and four output devices होते है जिसके बारे में मैंने निचे बताया है।
Input Devices:
1. Card reader
2. Keypad
Output Devices:
1. Speaker
2. Display Screen
3. Receipt Printer
4. Cash Depositor
ATM के Input Devices:
१. Card Reader
Card Reader एक Input device है जो की Card से data read करता है. Card Reader किसी निर्धारित account की identification की एक पार्ट होती है, इसके साथ Magnetic strip जो की ATM card के back side में मेह्जुद रहता है उसका इस्तमाल Card Reader के साथ connection बनाने के लिए होता है।
जब card को Card Reader में Swipe किया जाता है तब वो उस Magnetic strip में मेह्जुद सारे information को capture कर लेता है i.e वो data जो की card से मिलता है उसे host processor (server) को pass कर दिया जाता है. फिर Host Processor उस data का इस्तमाल कर cardholders के बारे में information निकलता है।
२. Keypad
Card को तभी recognized किया जाता है जब machine आपको further details के बारे में पूछता है जैसे की आपकी Personal Identification Number (PIN), withdrawal और आपकी Balance Enquiry. सभी Card के unique PIN होते हैं ताकि बहुत ही कम chance होती है की कोई दूसरा किसी और के account से पैसे उठा ले।
Pin Code को protect करने के लिए अलग नियम हैं जब इसे host processor के पास भेजा जाता है. PIN को encrypted form में भेजा जाता है. Key Board में 48 keys होते हैं और उन्हें processor के साथ interface किया जाता है।
ATM के Output Devices:
१. Speaker
Speaker audio feedback पैदा करती है जब भी कोई particular key को press किया जाता है।
२. Display Screen
Display Screen transaction की जानकारी को display करता है. Withdrawl के सभी steps को display screen में दिखाया जाता है. CRT Screen या LCD Screen का इस्तमाल सभी ATMs में होता है।
३. Receipt Printer
Receipt Printer आपकी पूरी details जैसे की आपकी Withdrawl, date and time, Amount जो की withdraw किया गया और इसके साथ आपके account में कितना balance हैं receipt में दर्शाता है।
४. Cash Dispenser:
किसी भी ATM का ह्रदय होता है Cash Dispenser. ये किसी भी ATM Machine का central machine होता है जहाँ से जरुरत के पैसे निकाला जाता है. इसी portion से कोई भी user अपना पैसा collect कर सकता है।
Cash Dispenser का मुख्य काम होता है की each bill को पहले count करे फिर उसके बाद जरुरत के पैसे निकालकर दें. अगर कोई note कभी fold हो जाये तो उसे दुसरे section में भेज दिया जाता है और output में आपको rejected bill मिलेगा. ये सारी चीज़ें high precision sensors के मदद से होता है. ATM के सारे transactions का record को रखा जाता है RTC device की मदद से।
ATM Networking:
Internet Service Provider (ISP) भी बहुत ही महत्वपूर्ण भूमिका अदा करती हैं किसी ATM में. वे communication को ATM और Host Processors के बिच मुहैया करवाती है. जब भी कोई transaction होती है तब details सब card holder के द्वारा input किया जाता है।
ये information को ATM machine की मदद से Host processor तक पहुँचाया जाता है. Host Processor उन सभी details को check करता है Authorized bank के server के साथ. अगर वो details match हो जाएँ तब host processor के approval code को भेजता है ATM Machine पर जिससे की आपको अपना Cash Money मिल जाता है।
ATM Machines के प्रकार
मुख्यत Host Processor केवल दो ही प्रकार के ATM Machines को support करते हैं जो की निचे mention कर दिया गया है।
१. Leased line ATM machines
२. Dial-up ATM machines
Leased Line ATM Machines:
ये leased line machines को directly host processor के साथ connect किया जाता है four wire point to point dedicated telephone line की मदद से. इस प्रकार की atm machines को बहुत पसंद किया जाता है. ऐसे machines की operating cost भी बहुत ज्यादा है।
Dial-Up ATM Machines:
ये dial-up ATM machines को processor के साथ connect किया जाता है normal phone line की मदद से modem के द्वारा. इस प्रकार के atm machines को normal connection की जरुरत है और इसके साथ इनकी initial installation cost भी leased line atm machine की तुलना में बहुत कम है।
ATM Security:
ATM Card को सुरक्षित रखने के लिए PIN का इस्तमाल होता है जिसे की बहुत secret में रखा जाता है. ऐसा कोई तरीका ही नहीं है जिसे की आपके ATM Card से ATM Pin निकाला जा सके. इसे strong encryption software जैसे की Triple data Encryption की मदद से Encrypt किया जाता है।
Automatic Teller Machine Working Principle:
Automatic teller machine के simple सा data terminal है जिसके दो input और चार output devices होती हैं. ये सारे devices को Processor के साथ interface किया जाता है. Processor ही ATM machine का heart होता है।
दुनिया में सारे ATM machines centralized database system के ऊपर आधारित हैं. ATM को Host Processor (Server) के साथ connect होकर communicate करना पड़ता है. Host Processor भी Internet Service Provider के साथ communicate करता है. ये एक gateway की तरह है जो की सभी ATM Networks में उपलब्ध है सभी card holders को।
जब भी कोई card holder अगर कोई ATM transaction करना चाहे, तब user को जरुरत की सारी information provide करती हैं Card reader और keypad के मदद से provide करना पड़ता है. ATM इन सारी जानकारी को Host Processor को forward करता है।
Card Holder फिर एक transaction request cardholder के बैंक को भेजता है. अगर card holder cash के लिए request भेजती है तब host processor card holder के account से पैसे निकाल लेती है।
एक बार funds customer account से host processor bank account में transfer हो जाती है तब processor ATM को approval code भेजती है और ATM machine को निर्देश देती है की जरुरत की cash ग्राहक को प्रदान करें. इसी process के द्वारा ही आप ATM से पैसे पा सकते हैं।
पूरा ATM network centralized database environment के ऊपर आधारित है. ये लोगों के जिंदगी को आसान कर देता है।
Automatic Teller Machine के Advantages:
अब चलिए Automatic Teller Machine के Advantages के बारे में जानते हैं :-
Automatic Teller Machine के कुछ विसेस्तायें :
अब चलिए Automatic Teller Machine के कुछ विसेस्तायें के बारे में जानते हैं :-
ATMs या Auto Teller Machines से पैसे कैसे निकलते हैं?
चलिए अब हम ये जानेंगे की आख़िर ATM मशीन से हमारे पैसे कैसे निकलते हैं :-
1. पहले कार्ड को Validate किया जाता है : ये check करती हैं की आपके द्वारा इस्तमाल किया गया debit/credit card मशीन accept करता है या नहीं।
2. Account number Read किया जाता है : आपका account number जो की आपके card में मेह्जुद होता है वो black magnetic script में encode होता है और वो card के बेक में मेह्जुद होता है।
3. यूज़र को Validate करता है : सही User को validate करने के लिए उन्हें 4 digit pin code के बारे में पुछा जाता है. जिसकी validity सही उत्तर मिलने पर ही होती है।
4. नेट्वर्क से Connect करता है : सभी information जो की card holder के द्वारा दिया जाता है (account number, pin code) उसे bank network में satellite network की मदद से validate किया जाता है. ATMs के पास अक्सर dish antenna होती है जिसका इस्तमाल वो bank’s network से satellite की मदद से communicate करने के लिए करता है।
5. कैश Dispense करता है : आखिरी step में सब कुछ validate होने के बाद cash को dispense किया जाता है ATM की मदद से. और user को cash मिल जाता है।
इसके बाद transaction की receipt print होती है और इसके साथ ही transaction ख़त्म होता है।
एटीएम का उपयोग करते समय अपनाई जाने वाली सावधानियाँ
तो चलिए अब कुछ ऐसे सावधानियों के विषय में जानते हैं जिन्हें अगर एक आम customer follow करता है तब वो खुद को और अपने पैसों को spammers और online hackers से बचा सकता है. एटीएम और डेबिट कार्ड की सुरक्षा से जुड़ी समान्य सावधानियां निम्न है-
1. अपने कार्ड को सुरक्षित रखे – आपको अपने card को भी cash money के तरह ही सम्भाल के रखना चाहिए. क्यूंकि अगर किसी करनवस ये खो जाता है तब आपको इसके लिए बहुत सी दिक्कतों का सामना करना पड़ सकता है।
2. अपने पिन को सीक्रेट रखे – ये बात आपको ख़ास ध्यान रखनी है की कभी भी किसी के साथ अपना ATM PIN share न करें. या फिर कहीं पर भी उसे लिखकर न रखें. हमेशा इसे याद रखें. वहीँ अपने ATM PIN को समय समय पर बदल देना चाहिए इससे अगर कभी आपकी PIN कहीं गलती से किसी ने जान भी लिए तो भी वो कुछ नहीं कर सकता।
3. अपने कार्ड के संबंध में कोई भी जानकारी किसी भी व्यक्ति के साथ फोन पर शेयर न करे –आजकल टेलीफोन के जरिये कई लोग आपको बेवकूफ बनाकर आपका पिन जानने कि कोशिश करते है और फिर उसका उपयोग करके आपके अकाउंट से पैसे निकाल लेते है. आपको एक बात ध्यान में रखनी चाहिए कि आपका पिन नंबर बहुत ही महत्वपूर्ण नंबर है इसे जानने के अधिकार किसी और को बिलकुल भी नहीं है, आपका बैंक भी इसे आपसे कभी जानने की कोशिश नहीं करेगा. तो अपना पिन नंबर किसी से भी शेयर नहीं करे।
4. अपने कार्ड के संबंध में कोई भी जानकारी डिसक्लोस नहीं करे – वो चाहे कोई भी क्यूँ न हो आपको किसी भी लोग के साथ अपने card या बैंक से सम्बंधित जानकारी उनके सामने disclose न करें. आपको अपने कार्ड की जानकारी से संबंधित किसी भी अनचाही मेल का रिप्लाइ कभी नहीं करना चाहिए. याद रखें की आपका बैंक आपसे कभी भी ऐसी जानकारी की डिमांड नहीं करता है।
5. आपको इंटरनेट से शॉपिंग करते समय इस बात का ध्यान रखना चाहिए कि आपकी शॉपिंग की साइट सिक्योर हो – आजकल का ज़माना online का है और ऐसे में हम कई बार online shopping भी करते हैं. जो की करना उचित है लकिन आपको हमेशा ही सेक्योर शॉपिंग सिम्बल का ध्यान रखना चाहिए. आप जब भी शॉपिंग करे तो पेमेंट के बाद साइट से लॉगआउट होना नहीं भूले. कोशिश करें की अपने ही system या computer या smartphone का इस्तमाल करें क्यूंकि दूसरों के computer में virus हो सकने का chance होता है।
6. आपने कार्ड के गुम हो जाने या चोरी हो जाने पर तुरंत रिपोर्ट करे – आपके कार्ड की सुरक्षा की जानकारी पूर्ण रूप से आपकी है परंतु यदि आपका कार्ड गुम हो जाता है तो आपको तुरंत इसकी रिपोर्ट कर इसे ब्लॉक करवाना चाहिए ताकि इसका कोई मिस यूस ना हो सके. इस बात का ख़याल रखें।
7. अपने बैंक अकाउंट का स्टेटमेंट तुरंत चेक करे – आपको अपने अकाउंट का स्टटमेंट अपने मोबाइल पर उपलब्ध करने की सेवा अपनी बैंक से लेना चाहिए ताकि आप उसे एटीएम का उपयोग करते समय या अन्य किसी ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के समय तुरंत चेक कर पाये. अगर आप अपने स्टेटमेंट में कोई भी गलत ट्रांजेक्शन देखते है तो आपको उसकी तुरंत कंप्लेंड करनी चाहिए।
8. अपने bank account को registered mobile से जरुर link करें.
ATM का आविष्कार किसने किया था?
ATM का आविष्कार “John Shepherd-Barron” जी ने किया था।
भारत में ATM की शुरुआत कब हुई?
भारत में सबसे पहले एटीएम 1987 को शुरू किया गया है. जब मुंबई में एचएसबीसी बैंक ने इसे पहली बार शुरू किया.
एटीएम से पैसे निकालने की लिमिट कितनी है?
देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के नियमों के अनुसार आप एक दिन में कम से 100 रुपये और ज्यादा से 20 हजार रुपये एटीएम से निकाल सकते हैं।
आज आपने क्या सीखा
मुझे पूर्ण आशा है की मैंने आप लोगों को एटीएम क्या है (What is ATM in Hindi) और ये कैसे काम करता है? के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को एटीएम से पैसे कैसे निकाले के बारे में समझ आ गया होगा।
मेरा हमेशा से यही कोशिश रहा है की मैं हमेशा अपने readers या पाठकों का हर तरफ से हेल्प करूँ, यदि आप लोगों को किसी भी तरह की कोई भी doubt है तो आप मुझे बेझिजक पूछ सकते हैं. मैं जरुर उन Doubts का हल निकलने की कोशिश करूँगा.
आपको यह लेख ATM full form in Hindi से पैसे कैसे निकालें कैसा लगा हमें comment लिखकर जरूर बताएं ताकि हमें भी आपके विचारों से कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिले।
Very good information iam very impress from your article
Thanks Shahid
Automatic Teller Machine के कुछ विसेस्तायें :
correct kariye isko
kya likhate ho sir aao topic kaha se laate ho
ATM क्या है और ATM से पैसे कैसे निकाले? amazing detailed article, thanks for sharing,
Dear ADMIN(question for you):
How to create blog thumbnail images, how tool use you ?
Uske liye Photoshop sab se best hai.
sir aap font konsa use karte ho
Ye Nato Sans font hai.
bahut acche likhte hai sir bhagvan aapko best blogger banaye
Thanks Bhai.
Your Article is Very Nice!
Good jobs
Hello
Such a great and informative article about ATM. Thanks for sharing
Hello sir kya kisi dusre person ki atm se paisa withdraw karte hai to kya atm machine read karta hai ki ye person kisi dusre ka atm se withdraw kar raha hai karke.
Hello Manoj ji, ATM mein camera lage hote hain jo ki paise nikalne par aapke photo ko khinch kar save kar leta hai. Yadi kabhi koi ATM fraud ka case hota hai tab police apne investigation ke liye wo data ka istamal kar sakti hai.
Aapne iss article mein atm ki jankari ke sath sath kuch poin wali baatein bhi batayi hai . badhiya likha hai. Thank you sir
apne step by step discribe kiya hai this is very useful
Thank you sir sharing for article
Dear Sir,
By how many types one can transfer fund.I know only two NEFT and RTGS,please tell me with details.
Hello Ranjan ji, Electronic Fund Transfer teen types ke hote hain
. NEFT or National Electronics Funds Transfer
· RTGS or Real Time Gross Settlement
· IMPS or Immediate Payment Service.