DVD क्या है और कैसे चलाएं?

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क्या आप जानते हैं की ये DVD Kya Hai? यदि नहीं तब ये article DVD क्या होता है आपको जरुर से पढना चाहिए. अभी जहाँ देखो Video-streaming services का ही बोलबाला है, Youtube ने तो Internet में Entertainment का पूरा साम्राज्य अकेले ही हासिल कर लिया है. लेकिन एक समय था जब CD, DVD में ही offline entertainment बसता था।

कहीं कहीं तो अभी भी DVD और CD का इस्तमाल होता है. वैसे ये बिलकुल ही दुनिया से गायब नहीं हुआ है बल्कि इसकी popularity में जरुर ही कमी देखने को मिली है. लेकिन अभी भी हम सभी के घरों में DVDs की बहुत सी collections आपको जरुर देखने में मिल सकती हैं।

बहुत से लोगों के मन में DVD को लेकर काफी सवाल हैं इसलिए आज मैंने सोचा की क्यूँ न आप लोगों के सभी सवालों के जवाब यह लेख DVD का अर्थ क्या है के माध्यम से दे दिया जाये. तो फिर बिना देरी किये चलिए शुरू करते हैं।

डीवीडी क्या है – What is DVD in Hindi

एक डीवीडी एक डिजिटल वर्सेटाइल डिस्क है जो 4.7 गीगाबाइट डेटा तक पकड़ सकती है। डीवीडी का उपयोग डेटा संग्रहीत करने के लिए किया जाता है, और उनका उपयोग मूवी और मीडिया के अन्य रूपों को चलाने के लिए भी किया जाता है।

DVD Kya Hai Hindi

डीवीडी “ऑप्टिकल स्टोरेज” नामक एक तकनीक का उपयोग करते हैं जिसका अर्थ है कि डेटा को बाइनरी कोड में डेटा को पढ़ने के लिए सतह में गड्ढों का उपयोग करके लेजर-एच्च्ड डिस्क पर संग्रहीत किया जाता है। लेज़र डीवीडी की सतह के माध्यम से चमकते हैं और इन गड्ढों को प्रतिबिंबित करते हैं, जिन्हें व्यवस्थित किया जाता है ताकि जब वे एक सेंसर से टकराते हैं, तो वे आपके खिलाड़ी को यह बताते हुए एक विद्युत आवेग पैदा करते हैं कि डिस्क से कौन सी जानकारी प्राप्त करनी है।

पहली डीवीडी 1995 में विकसित की गई थी, लेकिन यह 1997 तक नहीं थी जब डीवीडी हर जगह स्टोर में उपलब्ध खिलाड़ियों के साथ एक उद्योग मानक बन गई थी।

DVD का Full Form क्या है ?

DVD का full form होता है Digital Video Disc या Digital Versatile Disc

डीवीडी राइटर क्या है और इसके प्रकार

CDs और DVDs को play करने के लिए optical disc drives का इस्तमाल किया जाता है जो की computer के साथ in-built ही आते हैं. मुख्य रूप से drives के दो प्रकार होते हैं :

  • Readers – ये केवल data को read करते हैं discs से.
  • Writers – इन्हें recorders या burners भी कहा जाता है – ये data को discs में copy करने के लिए मदद करते हैं.

ज्यादातर drives केवल reader-only ही होते हैं, लेकिन writers भी readers के साथ combination में available होते हैं. इसलिए अगर आपको कोई CD या DVD खरीदना होता है तब इसके विषय में जानकारी रखना बहुत ही जरुरी होता है।

CD और DVD में कितना Space होती हैं?

CD में करीब 700 megabytes तक की data या 80 minutes की music store कर सकते हैं. वहीँ एक standard, single layer blank DVD में करीब 4.7 gigabytes तक की data को store कर सकते हैं, करीब 7 times ज्यादा information ये store कर सकते हैं जो की 2 घंटे की high-resolution video होती है।

DVDs के दोनों forms: Single और double-layer forms

Double layer discs को dual layer भी कहा जाता है. इसका इस्तमाल प्राय सभी DVD movie discs के लिए किया जाता है. वो करीब 8.5 gigabytes की data hold करते हैं और बाकि के extra space में supplemental information जैसे की multi-language soundtracks, extra scenes और दुसरे “bonus” material add किया जाता है।

इसके अलावा large amount of storage space होने के कारन ये DVDs को allow करती है higher quality audio और video content store करने के लिए, पहले की older video storage media जैसे की VHS tapes की तुलना में. इसके अलवा DVDs ज्यादा versatile होते हैं VHS tapes की तुलना में, क्यूंकि इसमें ज्यादा rewind करने की जरुरत नहीं होती।

DVD के सभी Formats क्या है?

Different formats जैसे की DVD-R, DVD+R, DVD-RW, DVD+RW, DVD-ROM, और DVD-RAM क्या है –

ये सभी Formats एक दुसरे ने related होती हैं, लेकिन फिर भी ये कुछ कुछ अलग होती हैं एक दुसरे से. जैसे DVD-R (जिसे की pronounced किया जाता है “DVD minus R” या “DVD dash R“) और वहीँ DVD+R (जिसे की pronounced किया जाता है “DVD Plus R“), इन्हें एक बार ही write किया जा सकता है, recordable formats होते हैं – जिसका मतलब है की इनका इस्तमाल एक बार ही data record करने के लिए किया जाता है और वो data permanently store हो जाता है disc में।

ये formats similar way में ही काम करते हैं लेकिन हमेशा एक दुसरे के साथ compatible नहीं होते हैं. उदाहरण के लिए DVD-R discs Apple Mac computers में काम करते हैं, लेकिन DVD+R discs काम नहीं करते हैं।

ये समान होती है कुछ recent DVD recorders में, जो की companies जैसे की Panasonic, Pioneer, और Toshiba के द्वारा बनाया गया है और जो की playback कर सकती हैं DVD+R और DVD-R discs को, लेकिन वहीँ ये केवल एक ही types की नयी contents को record कर सकते हैं जो की एक particular format में होती है, either DVD-R या DVD+R, लेकिन दोनों नहीं।

DVD-RW और DVD+RW का मतलब होता है आप उन discs में re-record कर सकते हो. Recordable CDs के तरह ही. “RW” का full form होता है “Re-writable.

DVD-RAM एक ऐसा format होता है जो की केवल कुछ companies के द्वारा support किया जाता है जिनमें Panasonic और Toshiba मुख्य हैं, और ये re-writable DVDs भी होते हैं जिन्हें की mostly इस्तमाल किया जाता है computers में record करने के लिए और कुछ home DVD recorders में भी।

ये format universally supported नहीं होती हैं, जिसका मतलब है की ज्यादातर DVD players और computers में ये आप चला नहीं सकते हैं।

DVD-ROM एक ऐसा Format होता है जिसका इस्तमाल ज्यादातर बड़े software applications को store करने के लिए किया जाता है. यह एक CD ROM के जैसे ही होता है लेकिन इसकी capacity बहुत ज्यादा होती है. इस DVD ROM में डाटा को एक बार ही लिखा जा सकता है और उसके ऊपर re-write नहीं किया जा सकता है।

CD Writer और DVD writer में क्या अंतर है?

इसका बिलकुल ही simple सा जवाब है की इन दोनों में दो अलग प्रकार के lasers heads का इस्तमाल होता है; एक DVD के लिए तो दूसरा CDROM के लिए, जहाँ CDROM laser की wide beam होती है और उसकी maximum storage करीब 700MB तक होती है, वहीँ DVD की बहुत ही ज्यादा capacity होती है narrow beam में ही।

कंप्यूटर में डीवीडी कैसे चलाएं?

यदि आप अपने Computer में DVD चलाना चाहते हैं लेकिन आपको ये नहीं पता है की इसे कैसे चलायें तब आपको निचे दिए गए steps को जरुर से पढना चाहिए।

चलिए जानते हैं की कैसे step-by-step instructions को पालन कर अपने CD या DVD को computer में कैसे चलायें।

Step 1: पहले आपको ये देखना है की आपके पास कौन से प्रकार का disc drive(s) मेह्जुद हैं।

PC में अक्सर दो drives होते हैं : एक DVD reader होता है जो की top में होता है, और एक combined DVD/CD reader/writer होता है जो की निचे स्तिथ होता है. ये दोनों actual में drawer-like trays होते हैं, जिसके अन्दर एक DVD या CD को भरा जाता है और उसके बाद tray को बंद कर दिया जाता है।

वहीँ Laptop में एक combined DVD/CD reader/writer होता है जो की keyboard के side में स्तिथ होता है. वहीँ All-in-one और touch-screen computers में एक drive होता है एक side में, जो की immediately screen के पीछे होता है।

Step 2 : अभी आपको ये ढूंडना होगा की कैसे disc drive को open किया जाये. इसे normally button को push करके किया जाता है।

PC में ‘open’ (या ‘eject’) buttons tray के नीचे होता है।

वहीँ laptop में ये button tray में ही होता है।

आपको button press करना होता है खोलने के लिए. अगर वो tray motorized हो, तब वो पूरी तरह से खुल जायेगा. वहीँ अगर ऐसा न हो तब ये slightly खुलेगा और फिर आपको उसे gently बाहर खींचना होता है।

Step 3: इसके बाद आपको disc को computer के disc drive में भरना होता है :

ये tray ‘indented’ होता है जिससे वो disc आसानी से बैठ जाती है।

जिसे side में चमक होती है उसे निचे के तरफ रखा जाता है, क्यूंकि इसमें ही data होती है. उसके बाद उसे धीरे से push करना होता है।

Step 4: अगर वो tray motorized हो तब उस eject button को दुबारा press करते ही वो अपने आप ही बंद हो जायेगा. नहीं तो थोडा सा push करते ही वो भीतर चला जायेगा।

Step 5: इसके बाद एक icon दिखेगा CD/DVD का जो की computer desktop में appear होगा. उसी समय ही आपको एक menu भी दिखेगी की आप उस disc का क्या करना चाहते हो. आप चाहें तो data को play कर सकते हैं।

Step 6: यदि आपको disc eject करना है, तब आपको पहले software बंद करना होता है जिसे आप CD/DVD को चलाने के लिए इस्तमाल कर रहे हैं. फिर CD/DVD icon के ऊपर right click करना होता है जिससे उसे eject करने का option नज़र आता है. इसे click करने से आपका CD eject हो जायेगा।

Caution :कभी भी CD/DVD चलते वक़्त उसे tray से directly न निकालें इससे CD/DVD के साथ साथ आपका computer भी damage हो सकता है.

Advantages of the DVD

डीवीडी प्रारूप एक डिजिटल वीडियो डिस्क है जो सीडी की तुलना में बहुत अधिक भंडारण प्रदान करता है। यह वीडियो गेम, मूवी और संगीत सहित डीवीडी पर अधिक मीडिया को संग्रहीत करने की अनुमति देता है। जब ऑडियो और वीडियो की बात आती है तो सीडी की तुलना में डीवीडी गुणवत्ता के मामले में भी काफी बेहतर होती है।

डीवीडी प्रारूप एक ऑप्टिकल डिस्क भंडारण तकनीक है जिसका उपयोग 1997 से किया जा रहा है। इसे फिलिप्स और सोनी द्वारा विकसित किया गया था ताकि सीडी प्रारूप पर बेहतर कार्यक्षमता के साथ उच्च क्षमता वाली डिस्क प्रदान की जा सके जिसे दो साल पहले 1995 में पेश किया गया था। पहली व्यावसायिक रूप से उपलब्ध डीवीडी प्लेयर सोनी द्वारा 1 नवंबर, 1995 को जापान में जारी किया गया था।

Disadvantages of DVD

डीवीडी प्रारूप का नुकसान यह है कि यह अधिक स्थान लेता है और सीडी की तुलना में अधिक महंगा है। सीडी प्लेयर के अंदर का लेज़र आपके हाथों के लिए खतरनाक नहीं है, लेकिन आपको डीवीडी प्लेयर के अंदर कभी भी अपने हाथों को लेज़र के सामने नहीं रखना चाहिए।

डीवीडी प्रारूप का नुकसान यह है कि वे अधिक स्थान लेते हैं और सीडी की तुलना में अधिक महंगे होते हैं। आपको डीवीडी प्लेयर के अंदर कभी भी अपने हाथ लेजर के सामने नहीं रखने चाहिए।

क्या डीवीडी को रिसाइकिल किया जा सकता है?

डीवीडी पॉली कार्बोनेट से बने होते हैं, एक प्रकार का प्लास्टिक जिसे पुनर्नवीनीकरण किया जा सकता है। इस प्रकार के प्लास्टिक को रीसायकल करने के लिए डीवीडी को छोटे टुकड़ों में तोड़ना पड़ता है।

रीसाइक्लिंग प्रक्रिया प्लास्टिक को विभिन्न प्रकारों और आकारों में छांटने से शुरू होती है। प्लास्टिक को तब तक गर्म किया जाता है जब तक कि वे तरल न हो जाएं और आगे संसाधित किया जा सके। अंतिम उत्पाद एक नई प्लास्टिक की बोतल या अन्य वस्तु है, जिसे फिर से इस्तेमाल किया जा सकता है।

Conclusion

मुझे आशा है की मैंने आप लोगों को डीवीडी क्या है (What is DVD in Hindi) के बारे में पूरी जानकारी दी और में आशा करता हूँ आप लोगों को डीवीडी क्या होता है के बारे में समझ आ गया होगा।

यदि आपके मन में इस article को लेकर कोई भी doubts हैं या आप चाहते हैं की इसमें कुछ सुधार होनी चाहिए तब इसके लिए आप नीच comments लिख सकते हैं. आपके इन्ही विचारों से हमें कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिलेगा।

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