बहुत बार ये सवाल आपने किसी competitive परीक्षा में ज़रूर देखा होगा की कंप्यूटर स्टोरेज डिवाइस के प्रकार या टाइप्स क्या क्या हैं? यदि आपको भी इनके विषय में सम्पूर्ण जानकारी चाहिए तब आपको यह आर्टिकल Computer Storage Device Types in Hindi पूर्ण ढंग से पढ़ना होगा।
तो फिर बिना देरी किए चलिए सभी कम्प्यूटर Storage Device के प्रकारों के बारे में जानते हैं।
कंप्यूटर स्टोरेज डिवाइस के प्रकार
वैसे तो Computer Storage Device के बहुत से अलग अलग प्रकार महजूद हैं, लेकिन यहाँ हम उन सभी प्रकारों को कुछ ऐसे तरीक़े से बाँटेंगे जिससे की हमें उन्हें समझने और याद रखने में आसानी हो।
इसलिए हम इन storage डिवाइस को पाँच हिस्सों में विभाजित करेंगे. जिनके विषय में नीचे आपको जानकारी प्राप्त होगी. आपकी जानकारी के लिए बता दूँ की इन storage डिवाइस का इस्तमाल कम्प्यूटर डेटा को स्टोर करने के लिए होता है।
1. मैग्नेटिक स्टोरेज डिवाइस
सबसे पहला जो Storage Device आता है वो है magnetic storage devices. इन डिवाइस का आज के समय में सबसे ज़्यादा उपयोग किया जाता है. ऐसा इसलिए क्यूँकि वो बहुत ही सस्ते होते हैं और साथ में आसानी से access किए जा सकते हैं।
इसके अलावा इसमें काफ़ी बड़ी मात्रा की डेटा को भी स्टोर किया जा सकता है।
जब ये Magnetic Storage Devices को कम्प्यूटर के साथ जोड़ा जाता है, तब एक magnetic field उत्पन्न होता है वो भी दो magnetic polarities की मदद से. वहीं ये डिवाइस आसानी से binary language पढ़ सकता है और साथ में इन्फ़र्मेशन को स्टोर भी कर सकता है।
मैग्नेटिक स्टोरेज डिवाइस के उदाहरण
चलिए अब कुछ magnetic storage devices के उदाहरणों के बारे में जानते हैं।
Floppy Disk – इन्हें floppy diskette भी कहा जाता है. यह एक removable storage device होता है यानि की इसे आसानी से निकाला और लगाया जा सकता है. वहीं इसका आकार एक square के तरह होता है जिसमें की कुछ magnetic elements होते हैं।
इसे जब कम्प्यूटर के disk reader में स्थापित किया जाता है, तब ये घूमता है और इसमें डेटा स्टोर किया जाता है. इसे अब इस्तमाल में नहीं लाया जाता है, लेकिन इसके जगह में CDs, DVDs और USB drives का उपयोग किया जाता है।
Hard Drive – Hard Drive एक ऐसा primary storage device होता है जिसे सीधी तोर से motherboard के disk controller के साथ जोड़ा गया होता है. यह एक बहुत ही महत्वपूर्ण storage space होता है क्यूँकि इसका इस्तमाल किसी भी नए program या application को डिवाइस में install करने के लिए किया जाता है।
फिर चाहे वो कोई Software programs, images, videos, या कोई दूसरा क्यूँ ना हो. काफ़ी ज़्यादा मात्रा में डेटा को hard drive में स्टोर किया जा सकता है।
Zip Disk – Zip Disk एक ऐसी removable storage device है जिसे की Iomega द्वारा शुरू किया गया था. इसके शुरूवती दौर में ये केवल 100 MB तक का ही डेटा स्टोर कर पाता था. वहीं लेकिन बाद में ये क़रीब 750 MB तक डेटा स्टोर कर पाता है।
Magnetic Strip – ये magnetic strip उन डिवाइस के साथ जुड़े हुए होते हैं जिनमें की digital data महजूद होता है. इसका सबसे बढ़िया उदाहरण है आपका ATM debit card, जिसके पीछे में जो स्ट्रिप लगा होता है वो digital data स्टोर करती है।
2. ऑप्टिकल स्टोरेज डिवाइस
Optical Storage Devices उन devices को कहा जाता है जो की lasers और lights का इस्तमाल करते हैं डेटा को detect और store करने के लिए. ये काफ़ी ज़्यादा सस्ते होते हैं USB drives की तुलना में, वहीं उनके मुक़ाबले ज़्यादा डेटा भी स्टोर करने में सक्षम होते हैं।
ऑप्टिकल स्टोरेज डिवाइस के उदाहरण
चलिए अब कुछ optical storage devices के उदाहरणों के बारे में जानते हैं।
CD-ROM – CD-ROM का फ़ुल फ़ोरम होता है Compact Disc. यह एक Read-Only Memory होने के साथ साथ एक external device होता है जो की डेटा को read और store कर सकता है audio या software data के रूप में. एक CD-ROM क़रीब 650MB या 700MB तक की data स्टोर कर सकता है।
Blu-Ray Disc – Blu-ray Disc, या जिसे केवल Blu-ray के नाम से भी जाना जाता है. यह एक digital optical disc storage format होता है. इसे ख़ास तोर से DVD format को supersede (उससे बेहतर बनने) के लिए डिज़ाइन किया गया था. वहीं ये कई घंटों की high-definition video को स्टोर करने में सक्षम होती है।
DVD – DVD का फ़ुल फ़ोरम होता है Digital Versatile Disc. यह एक अलग प्रकार की optical storage device होती है।
वहीं इसे आप readable, recordable, और rewritable के तोर पर भी इस्तमाल कर सकते हैं. इन डिवाइस में Recordings कर उसे बाहर दूसरे सिस्टम पर भी जोड़ कर इस्तमाल किया जा सकता है।
CD-R – CD एक readable Compact Disc होती है जो की photosensitive organic dye का इस्तमाल करती है डेटा को record और store करने के लिए. इसे आप एक low-cost replacement मान सकते हैं software और applications को स्टोर करने के लिए।
DVD-R, DVD+R, DVD-RW और DVD+RW disc – DVD-R और DVD+R recordable discs होते है जिन्हें की केवल एक बार लिखा जाता है, वहीं DVD-RW और DVD+RW को rewritable discs भी कहा जाता है यानी की इन पर एक से ज़्यादा बार लिखा जा सकता है।
+ और – में जो मुख्य अंतर है वो इसके formatting और compatibility में होती है।
3. फ्लैश मेमोरी स्टोरेज डिवाइस
Flash Memory Storage Devices ने अभी के समय में दोनों magnetic और optical storage devices का स्थान ले लिया है. ये बहुत ही आसान होते है इस्तमाल करने के लिए, portable होते हैं साथ में इन्हें कहीं और कभी भी उपलब्ध करवाया जा सकता है।
ये काफ़ी ज़्यादा सस्ते और ज़्यादा सुविधाजनक होते हैं डेटा स्टोर करने के लिए।
फ्लैश मेमोरी स्टोरेज डिवाइस के उदाहरण
चलिए अब कुछ Flash Memory storage devices के उदाहरणों के बारे में जानते हैं जिन्हें लोगों द्वारा ज़्यादा इस्तमाल किया जाता है।
USB Drive – USB ड्राइव को pen drive भी कहा जाता है. ये storage device बहुत ही छोटे होते हैं आकार में वहीं लेकिन इनमें काफ़ी बड़ी मात्रा में डेटा को स्टोर करने की खाशियत होती है।
इनमें एक integrated circuit महजूद होती है जो की इसे allow करती है डेटा को store और replace करने के लिए।
Memory Card – इन मेमोरी कार्ड का उपयोग अक्सर छोटे electronic और computerised devices जैसे की mobile phones या digital camera में होता है. इन memory card का इस्तमाल images, videos और audios डेटा को स्टोर करने के लिए किया जाता है. ये काफ़ी ज़्यादा compatible होते हैं, साथ में इनके आकार भी काफ़ी छोटे होते हैं।
Memory Stick – इन Memory स्टिक को Originally Sony कम्पनी द्वारा लॉंच किया गया था. मेमोरी स्टिक अधिक डेटा स्टोर कर सकती है और इस स्टोरेज डिवाइस का उपयोग करके डेटा ट्रांसफर करना आसान और त्वरित है।
समय के साथ साथ, इन Memory Stick के अलग अलग वर्ज़न भी तैयार होने लगे।
SD Card – SD Card का फ़ुल फ़ोरम होता है Secure Digital Card. इन कार्ड का इस्तमाल अलग अलग electronic devices में होता है डेटा को स्टोर करने के लिए. वहीं ये SD Card उपलब्ध होते हैं mini और micro sizes में भी।
आम तोर से देखा जाए तो, computers में एक अलग ही slot महजूद होती है एक SD card को insert करने के लिए. वहीं यदि किसी डिवाइस में ऐसी स्लॉट महजूद नहीं हो तब, ऐसे में कुछ USB रीडर भी महजूद होते हैं जिसमें की इन SD Card को इन्सर्ट कर फिर बाद में कम्प्यूटर के साथ जोड़ कर इस्तमाल किया जा सकता है।
SSD – SSD का फ़ुल फ़ोरम होता है Solid State Drive. यह एक flash memory device होता है जो की integrated circuit assemblies का इस्तमाल करता है डेटा को save करने के लिए।
4. ऑनलाइन और क्लाउड स्टोरेज डिवाइस
आज के दौर में Cloud Storage Devices की चाहत काफ़ी ज़्यादा है क्यूँकि आज सभी को घर बैठे ही सब कुछ चाहिए. ऐसे में Online और Cloud Storage Devices ऐसा कर पाने में पूर्ण सक्षम नज़र आती है. क्यूँकि इन्हें कोई भी कहीं से भी ऐक्सेस कर सकते हैं।
क्लाउड स्टोरेज डिवाइस के उदाहरण
चलिए अब कुछ Cloud storage devices के उदाहरणों के बारे में जानते हैं।
Cloud storage – इसमें Data को manage किया जाता है remotely और साथ में इसे उपलब्ध करवाया जाता है एक network के माध्यम से. इसके Basic features को तो आप मुफ़्त में इस्तमाल कर सकते हो लेकिन यदि आपकी खपत की सीमा बढ़ती है तब आपको इसके लिए ज़्यादा पैसों का भुक्तान करना पड़ सकता है।
Network media – Audio, Video, Images या Text इन सभी को एक कम्प्यूटर नेट्वर्क में इस्तमाल किया जाता है. इसमें लोगों का एक समूह कुछ कांटेंट को ऑनलाइन बनाते हैं और एक दूसरे के साथ share भी करते हैं।
5. पेपर स्टोरेज डिवाइस
इन Paper Storage Devices का इस्तमाल पहले जमाने में हुआ करता था वो भी information को सेव करने के लिए।
पेपर स्टोरेज डिवाइस के उदाहरण
चलिए अब कुछ Paper storage devices के उदाहरणों के बारे में जानते हैं।
OMR – OMR का फ़ुल फ़ोरम होता है Optical Mark Recognition. यह एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें की इंसानों द्वारा किए गए marked data को capture किया जाता है. उदाहरण के लिए surveys और tests. वहीं इसका उपयोग प्रश्नावली को कई विकल्पों के साथ पढ़ने के लिए किया जाता है जिन्हें छायांकित किया जाता है।
Punch Card – यह एक शक्त पेपर का हिस्सा होता है जिसका इस्तमाल digital information को स्टोर करने के लिए होता है जो की perforated holes से आ रहे होते हैं. पूर्व निर्धारित पदों में छिद्रों की उपस्थिति या अनुपस्थिति डेटा को परिभाषित करती है।
स्टोरेज डिवाइस के महत्व?
स्टोरेज डिवाइस का महत्व ये है की इसमें डेटा को स्टोर किया जा सकता है, उस डेटा को सुरक्षित रखा जा सकता है और साथ में ज़रूरत पड़ने पर उसका इस्तमाल भी किया जा सकता है।
स्टोरेज की परिभाषा क्या है?
स्टोरेज एक ऐसी प्रक्रिया है जिसमें की डिजिटल डेटा को सुरक्षित रखा जाता है वो भी एक डेटा स्टोरेज डिवाइस के भीतर, वहीं ऐसा करने के लिए computing technology का इस्तमाल किया जाता है. या यूँ कहे तो Storage एक ऐसा mechanism है जो की एक कम्प्यूटर को अस्थायी या स्थायी रूप से डेटा को बनाए रखने में सक्षम बनाता है।
सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस क्या है?
सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस एक ऐसा डिवाइस होता है जो की रेफ़र करता है किसी ऐसे non-volatile storage device को जी की या तो internal हो सकता है या फिर external कम्प्यूटर के लिए. ये कोई भी storage device हो सकता है primary storage को छोड़कर जो की डेटा को स्थायी रूप से स्टोर करें। उदाहरण के लिए external hard drives, USB flash drives, और tape drives ये सभी सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस कहलाते हैं।
स्टोरेज का मतलब क्या होता है?
स्टोरेज या कम्प्यूटर स्टोरेज एक ऐसी तकनीक होती है जिसमें की कम्प्यूटर के उपकरणों और रिकॉर्डिंग मीडिया का इस्तमाल किया जाता है डिजिटल डेटा को बनाए रखने के लिए। यह कम्प्यूटर का एक core function भी होता है।
प्राइमरी मेमोरी डिवाइस क्या है?
प्राइमरी मेमोरी डिवाइस या स्टोरेज डिवाइस एक ऐसा माध्यम से जो की memory को कम समय के लिए धारण करती है वो भी ऐसे समय में जब कम्प्यूटर चल रहा हो। भले ही प्राइमरी मेमोरी डिवाइस का कम access time और faster performance होता है, फिर भी ये सेकेंडरी स्टोरेज डिवाइस की तुलना में ज़्यादा क़ीमती होते हैं। उदाहरण के लिए RAM (random access memory) और cache ये सभी प्राइमरी मेमोरी डिवाइस या प्राइमरी स्टोरेज डिवाइस कहलाते हैं।.
आज आपने क्या सीखा
मुझे उम्मीद है की आपको ये लेख पसंद आये और आपको ये भी समझ में आ गया होगा की स्टोरेज डिवाइस के प्रकार. हमने Computer Storage Device के अलग अलग प्रकार और उन्हें उदाहरण के विषय में जाना।
इस लेख से जुड़े कोई भी सवाल हो तो आप निचे comment कर पूछ सकते हैं मुझे आपकी सहायता करने में बहुत खुशी होगी।
nice to read the website