ROM क्या है? रोम एक Non Volatile Memory होती है। इसका मतलब की यह एक ऐसी memory device या storage medium होती है जो की information को permanently store करती है।
ROM का Full Form होता है “Read Only Memory“। इसके बारे मै आपको पिछले Article में बताया था ये Computer का Primary Memory का ही हिस्सा है। तो थोडा और याद दिलादेता हु Computer में दो तरह की Memory होते है Primary और Secondary, Primary Memory दो प्रकार के होते है एक RAM और दूसरा ROM।
इसका पूरा नाम है Read Only Memory इसके नाम से ही आपको पता चल रहा होगा की इस Memory को हम बस Read कर सकते है। इसमें fixed Program रहता है (या फिर Permanent Memory बोल सकता है) ,इस Program को हम आसानी से बदल नहीं सकते, जैसे इसका सही जवाब है जब आप Computer को खरीद ते हो उसमे में BIOS program पहले से ही रहता है।
ये System को on करने में मदद करता है और इसके साथ ये BOIS Computer और Operating System को Link करता है।
तो ये BIOS नए Computer में पहले से ही रहता है और ये जिस Memory में रहता है उसी का नाम है ROM और एक उदाहरण है FIRMWARE Software program है जो की Hardware के साथ Attach रहता है। और Firmware में जो program है वो भी एक Rom Chip में रहता है।
इस Memory को Non-Volatile Memory भी बोला ज्याता है। इस Memory को तभी बनाया ज्याता जब Computer बनते है। ROM को बस Computer या फिर Mobile में इस्तेमाल नहीं होते इसे हम कुछ और Electronic Device में भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
जैसे WASHING Machine, Microwave Oven, TV, AC, Lift वगेरा में। तो बदलते Technology की वजह से ROM के भी अलग अलग Type होते हैं। इसके बारे में हम आगे बात करेंगे Types Of ROM in Hindi।
रोम क्या होता है – What is ROM in Hindi
ROM एक Primary Memory होता है। जिसका पूरा नाम Read Only Memory होता है। कहने का तात्पर्य यह है की, इसका केवल डाटा पढ़ा जा सकता है, वहीं इसमें नया डाटा जोड़ नहीं सकते हैं। यह एक Non-Volatile Memory होती है। इसका मतलब की Power Off होने पर भी डाटा memory से डिलिट नहीं होता है।
इस मेमोरी में कम्प्यूटर फंक्शनेलिटी से संबंधित दिशा निर्देश स्टोर रहते है।
रोम की विशेषताएँ
चलिए अब ROM की विसेश्ताओं के ऊपर गौर करते हैं।
रोम के प्रकार – Types Of ROM in Hindi
इस लेख में कुछ सब्द हैं जैसे Data, Instruction, Program सबका मतलब एक ही है Confuse मत होना और एक Term “Programmed” है इसका मतलब यह है की ये बोहत सारे Command होते हैं जो की एक Task करते है, जैसे एक Software करता है।
वैसे ही यहाँ पे Computer On करने का काम एक Software program करता है, जिसका नाम है Firmware जो की ROM में रहता है। वैसे तो ROM 4 Types के हैं जो की निचे दिए गए हैं और उनकी जानकारी भी है।
1. Masked Read Only Memory
ये सबसे पहला वाला ROM है, ये आज कल की दुनिया में इसका इस्तेमाल बिलकुल ही नहीं होता। ये Read Only Memory Hard Wired Devices है। जिसमे पहले से Pre-Programmed Data और Instruction Store किया ज्याता था। इस तरह के Memory काफी महंगे हुआ करते थे। उस ज़माने में, अभी MROM कंही भी नहीं मिलेगा।
2. Programmable Read Only Memory
ये एक ऐसा Read Only Memory है जिसको हम बस एक बार ही बदल सकते हैं। यहाँ पे बदलना मतलब PROM में कुछ नया Program डालना और एक इसको update भी बोला ज्याता है। एक बार Update करने के बाद कोई भी इसको दोबारा Update नहीं कर सकता।
User Blank PROM खरीद ता है और उसके बाद उसमे जो Instruction डालना चाहता है वो दाल सकता है (Instruction मतलब कुछ command होते है जो कुछ काम करते हैं)।
इस Memory में छोटे छोटे fuse होते हैं, जिनके अंदर programming के जरिये Instruction डाला ज्याता है। इसको एक बार programmed करने के बाद दोबारा Erase नहीं कर सकते।
3. Erasable and Programmable Read Only Memory
इस ROM का और एक Type है, इसकी खासियत यह है की इसको हम Erase भी कर सकते हैं और फिर से programmed भी कर सकते हैं। इस memory को erase करने का तरीका काफी अलग है जिसमे आपको इस Memory को 40 Minute तक Ultra Violet Light से pass किया जाता है तब जाके ये Memory खाली होती है।
थोडा और विस्तार में जानते हैं इस काम को हासिल करने के लिए “EPROM Eraser” का भी इस्तेमाल होता है। Programming करते वक्त, (Programming करने का मतलब वही है Update करना या फिर कुछ नया Program डालना) इसके अंदर Charge को डाला ज्याता है, जो की करीबन 10 सालो से भी जादा तक रखा जाता है क्यूंकि Charge को बहार निकलने के लिए कोई रास्ता नहीं होता इसलिए वो उस Memory के अंदर रह जाता है।
तो इसी Charge (instruction) को Erase करने के लिए Ultra Violet Light को Quartz Crystal Window (lid) के जरिये Pass किया ज्याता है। इस Light के प्रभाव से ही सब Charge Erase हो ज्याता है। ये थी कुछ जानकारी Erasable and Programmable ROM के बारे में।
4. Electrically Erasable and Programmable Read Only Memory
Technology के बदलाव से Read Only Memory को भी बार बार बदलने की जरुरत पड़ी, इसी वजह से इस Memory का इस्तेमाल हुआ। इसकी खासियत यह है की इसको हम 10 हजार बार Erase कर सकते हैं और Programmed कर सकते हो और बस 4 से 10 Millisecond के अंदर हम इसको Erase और Programmed भी कर सकते हैं।
हम इसमें Memory के कोई भी Location को Select कर सकते हैं और उसी को हम Erase और Programmed कर सकते हैं। हम को पुरे Chip को खाली करने की कोई जरुरत ही नहीं पड़ती। इस Advantage की वजह से ये EEPROM आसन है पर धीरे है।
तो अबतक आप जान ही गए ROM क्या है (What is ROM in Hindi) और Types of ROM in Hindi अब उसके लाभ के बारे में जानते हैं।
रोम कैसे काम करता है?
जब भी हम Computer को Switch On करते हैं, तब आपके Computer और एक चट्टान में ज्यादा अंतर नहीं होता है। मतलब की दोनों की computing power एक समान ही होती है।
इसलिए कुछ तो चाहिए जो की आपके computer के भीतर होना चाहिए जो की उसे ये बताए की उसमें दुसरे hardwares जैसे की keyboard, mouse, disk drive सभी attached हैं।
इसी को generically कहा जाता है “BIOS” (Basic Input Output System)। भले ही शुरुवात में आपका computer इतना ज्यादा smart न हो लेकिन ये BIOS chip जो की computer में होते हैं वो computer को मदद करते हैं वो सभी startup routines को access करने में जो की stored होते हैं एक disk drive, और इसमें वो RAM का भी इस्तमाल करते हैं सभी प्रकार के computations के लिए।
ये BIOS stored होते हैं एक ROM chip, अन्यथा computer को पता कैसे चले की उसके साथ दुसरे क्या hardwares assoicited हैं।
RAM के तरह ही ROM chips में भी columns और rows के grid होते हैं। लेकिन जहाँ पर ये columns और rows intersect करते हैं, वो इन ROM chips में fundamentally अलग होते हैं RAM chips की तुलना में।
जहाँ RAM transistors का इस्तमाल करते हैं एक capacitor को turn on या off करने के लिए, उसे intersection में access करने के लिए, वहीँ ROM diode का इस्तमाल करते हैं इन lines को connect करने के लिए अगर उनकी value हो 1। वहीँ अगर उनकी value 0 हो तब lines बिलकुल ही connected नहीं होते हैं।
ROM chip को सही ढंग से कार्य करने के लिए उसकी programming पूरी तरह से perfect होना बहुत ही आवश्यक होता है और उसके साथ complete data का होना भी महत्वपूर्ण है जब chip को create किया जा रहा हो। ऐसा इसलिए क्यूंकि आप एक standard ROM chip को दुबारा reprogram या rewrite नहीं कर सकते हैं।
यदि कुछ गलत हो जाता है या कोई data आपको update करना होता है तब ऐसे में आपको वो ROM बदलना होता है या नया बनाना होता है। इसलिए ROM Chip के original template को create करना बहुत ही कठिन कार्य होता है वहीँ इसमें बहुत से trial और error किया जाता है।
Advantages Of ROM in Hindi
तो अब जानते हैं, ROM के क्या क्या फायदे हैं तो उमीद करता उपर की सारी जानकारी समझ आगई होगी।
ये तो कुछ जानकारी थी Advantages Of ROM in Hindi के बारे में।
ROM का Full Form क्या होता है?
ROM का पूरा नाम Read Only Memory है।
रोम किस प्रकार का मेमरी होता है?
रोम एक परमानेंट मेमोरी है। यह मेमोरी डेटा को स्थायी रूप से स्टोर कर सकती है।
आज आपने क्या सीखा?
तो दोस्तों आज की जानकारी थी ROM क्या है (What is ROM in Hindi) आपको काफी अच्छी लगी होगी, उमीद करता हूँ आपको ये जानकारी आपके काम आये। वैसे अगर आप Student हैं तो ये जानकारी आपके ज्यादा काम अये गी। अगर आपको RAM के बारे में जानना है तो आप मेरा दूसरा Article भी पढ़ा सकते हो।
इसमें कुछ Term ऐसे हैं, जिनको समझना मुश्किल हुआ होगा अगर आप Non Technical हैं तो, लेकिन फिर भी कोई सवाल आप पूछना चाहते हो तो निचे Comment Box में जरुर लिखे और हमारे Blog को जरुर Subscribe करें क्यूंकि हम सरल भाषा Hindi में ज्ञान देते हैं, India को Digital बनाना है, जय हिंद, धन्यबाद।
good
Wow Sir Very Nice Post . Really Appropriate u r dedication
रोम का निर्माण कब और कैसे किया जाता है सर जी
thankyou
Vary Use Full Information Thanks for it
Very useful artical tnq so much srji
Thanks ji
mano koi bhi app ya program pehle device par hai use kiss memory me gina jayega? jaise hamne youtube app play store download ki
Thank you sar hamko bahut hi aacha laga
Thanks sir for this post … Apki is post se muze bhot help hui h study m …..
thankyou sir
Bhot achhi post h sir ji
thank you sir very nice
thanku very nice
behtrin post sir g..
padhakar bahut accha lga …pura samjh aa gya
Thanks you
Sir meri website ke contant bahut mast par view bahut hi kam aate
Jab tak apki blog ki authority nahi badhega, tab tak jyada views aana muskil hai.
Aap roj social share karen aur dushre blog pe guest post bhi karen.
Aap ne bahut achchha jankari diye ho sir aap ka bahut bahut dhanyvad
Bhot ache Se smjh aaya sir thanks
thankyou sir
bhout ach sy samjhya
It is a good nolaj computer ka liya sabsha accha kaun sa corse ha
Ye depend karta hai ke aap kya sikhna chahate hai.
Computer science
Thank you
Ye rom motherboard par kaisi dikhati hai sir
Hello Nagendra ji, Rom chips ke jaise dikhta hai.
Thanks sir ji bahut achhi jankari di aapne thank you so much
wht is EAPROM please explain it also.
Hello Deepti ji, hum jarur aapke requested topic par jarur article likhenge.
thanks
shayer this informaton.
thnkuu. g
bahut hi pyara blog h sir maja a gya hindi me is prak ki vishtarat jankari pakar danywad sir
Nice sir
Thankyou Sir
Thankyou sir.
दीपक जी
सुक्रिया, आपको Computer संभंदी कोई और जानकारी चाहिए तो जरुर बताएं.
Thanks for reaching me
Chandan ji apka bahut bahut dhanyawad me jaldi hi koshish krunga
Bhut badhiya v puri jankari dene ke liye dhanyvaad
Mene bhi ek hindi blog shuru smy nikalkar junior ko kuch salah de
Agar aap blogging ko le kar serious hai to wordpress pe khud ka hosting aur domain le kar suru kariye.
thankyou sir
thnx
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