रिंग टोपोलॉजी एक Network Configuration है। जिसमें प्रत्येक डिवाइस अपने पड़ोसी डिवाइस (Workstation, Server, Printer) से कनेक्ट रहता है। सिग्नल के चारों ओर घूमने के लिए यह एक Ring बनाते है।
इसमें Data Packets एक डिवाइस से दूसरे डिवाइस तक तब तक घूमते है जब तक की वह अपने Destination तक नहीं पहुँच जाते है। रिंग टोपोलॉजी को Active Topology भी कहा जाता है, क्योंकि यह हर एक डिवाइस तक संदेश पहुँचाने का कार्य करती है।
रिंग टोपोलॉजी की परिभाषा
रिंग टोपोलॉजी में डिवाइस एक Ring से जुड़े होते है और Ring Structure में यह अपने निकट डिवाइस के अनुसार एक दूसरे डिवाइस से या एक दूसरे को जानकारी देते है। Ring Topology में डाटा भेजने का कार्य करने के लिए Nodes के साथ बहुत से Repeaters का उपयोग होता है।
रिंग टोपोलॉजी में डिवाइस को Hoop Network के रूप में परिभाषित किया जाता है। इसमें प्रत्येक Network Node 2 Connection में रहता है। जिससे इसे Dual Ring Topology भी कहते है। इस Topology का उपयोग Computer में Network Card के आधार पर Lan और Wan में किया जाता है।
Ring Topology में जितने भी Computer Use किये जाते है उनमें जो नेटवर्क कार्ड उपयोग किये जाते है उनके आधार पर कंप्यूटर को साथ में कनेक्ट करने के लिए एक Coaxial Cable और Rj-45 Network Cable का उपयोग किया जाता है।
रिंग टोपोलॉजी कैसे बनती है?
Ring Topology में प्रत्येक डिवाइस दो डिवाइस से कनेक्ट रहता है। जिससे की सभी डिवाइस आपस में जुड़कर एक गोलाकार पथ बनाते है। जिसे Ring Network कहते है। डाटा, Node द्वारा Token के माध्यम से Destination Node तक Send किया जाता है। इसलिए इस Topology को Token Ring Topology भी कहते है।
अगर Nodes बड़ी संख्या में रहते है तो टोकन को अपने Destination तक पहुँचने के पहले विभिन्न तरह के Nodes पर से Jump करना होता है। जिसकी वजह से Data Loss हो सकता है और इस हानि से बचने के लिए और Signal Strength को बढ़ाने के लिए आवर्तक रूप से पुनरावर्तक Install किये जाते है।
रिंग टोपोलॉजी का उपयोग क्यों करते है?
Ring Topology Select करना इस पर निर्भर करता है।
Access Protocols के बारे में
Rings का उपयोग Circuits या Packets या फिर इन दोनों के Combination तक पहुँचने के लिए किया जाता है। सर्किट का Out-of-band Signalling Protocols के साथ सेटअप किया जाता हैं लेकिन पैकेट Medium Access Control Protocol (MAC) के द्वारा अपनी पहुँच बनाते है।
मीडिया एक्सेस कंट्रोल यह निर्धारित करता है की कौन से स्टेशन को कब Broadcast किया जाता है। Media Access Protocol को 3 वर्गों में बांटा जाता है Slotted, Token और Register Insertion.
रिंग टोपोलॉजी का इतिहास
Ring Topology को 1984 में IBM द्वारा Invent (आविष्कार) किया गया था और Institute Of Electrical And Electronics Engineers के द्वारा IEEE 802.5 मापदंड में इसे परिभाषित किया था।
आमतौर पर यह 4mbps मापदंड हुआ करते थे और आज जो System उपयोग किये जा रहे है वह 16mbps पर कार्य कर रहे है। साथ ही नए System और भी तेज गति से कार्य करते है।
रिंग टोपोलॉजी के इतिहास की बात करे तो यह पहले समय में ऑफिस, स्कूल और छोटी इमारतों में उपयोग किये जाते थे, जहाँ पर नेटवर्क छोटे हुआ करते थे आज शायद ही Ring Topology का उपयोग किया जाता है।
रिंग टोपोलॉजी के लाभ (Advantages)
रिंग टोपोलॉजी के हानि (Disadvantages)
Ring Topology की भ्रांतियां / गलत धारणाएं
क्या होती है Ring Topology ?
रिंग टोपोलॉजी में प्रत्येक डिवाइस अपने निकट के दो डिवाइस से जुड़े रहते है जिस तरह एक रिंग नेटवर्क का निर्माण होता है।
रिंग टोपोलॉजी का अविष्कार कब किया गया था ?
1984 में Ring Topology का अविष्कार किया गया था।
कैसे बनती है रिंग टोपोलॉजी?
जब सभी डिवाइस आपस में जुड़कर एक Ring Structure बनाते है तब Ring Topology बनती है।
आज आप ने क्या सीखा?
मुझे पूर्ण आशा है की मैंने आप लोगों को रिंग टोपोलॉजी क्या है के बारे में पूरी जानकारी दी। और में आशा करता हूँ आप लोगों को रिंग टोपोलॉजी के बारे में समझ आ गया होगा।
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