मेष टोपोलॉजी किसे कहते हैं?

Mesh Topology में सभी Network Node अन्य Nodes से जुड़े रहते है। इसमें किसी तरह का Central Hub, Switch या Computer की आवश्यकता नहीं होती है जो की संदेशों को आगे पहुँचाने के लिए किसी Central Point के रूप में कार्य करता है। 

इसमें प्रत्येक कंप्यूटर सिर्फ अपने ही संदेशों को नहीं भेजता है बल्कि यह दूसरे Computers से डाटा भी Relay करता है। मेष टोपोलॉजी में Wired और Wireless के आधार पर Connection होता है। 

मेष टोपोलॉजी की परिभाषा

मेष टोपोलॉजी एक प्रकार की ऐसी नेटवर्किंग है, जिसमें सभी Node आपस में डाटा वितरित करते है। जिस तरह से इसमें डाटा वितरित किया जाता है तो यह एक जाल की आकृति बनाते है इसलिए इसे Mesh Topology कहते है।

mesh topology kya hai hindi
मेष टोपोलॉजी का चित्र

यह नेटवर्क डाटा को डिवाइस और क्लाइंट के बीच आसानी से रुट करने के लिए सेट किये गए होते है। Mesh Network Topology कनेक्टेड नोड्स के बीच कार्य करने के लिए विभिन्न तरह के Routes बनाती है। जब Node या Connection विफल होते है तब यह नेटवर्क के लचीलेपन को बढ़ाने में मदद करता है। 

Larger Mesh Networks में विभिन्न Routers, Switch और अन्य डिवाइस भी रहते हैं। एक Mesh Network के अंतर्गत सैकड़ों Wireless Mesh Nodes आ सकते हैं।

Mesh Networks कैसे काम करते हैं?

Mesh Network में Message भेजने के लिए Routing या Flooding तकनीक का उपयोग किया जाता है। Routing में एक सन्देश को अपने Destination पर पहुँचने के लिए नोड से नोड तक जाना होता है।

Mesh Network में लगातार कनेक्शन होते रहना चाहिए। यदि इस बीच पथ टूट जाता है तो स्वयं उपचार एल्गोरिदम (Healing Algorithms) का उपयोग कर Reconfigure कर लेना चाहिए। 

Flooding Technique एक नेटवर्क में डाटा को एक नोड से दूसरे नोड में वितरित करने पर निर्भर करती है। डाटा को नोड्स के Subset द्वारा भेजा जाता है क्योंकि एक ही समय में सभी नोड्स का उपलब्ध होना असंभव है। हर एक नोड में डाटा का एक Subset तो होता है।

Mesh Networks का उपयोग 

छोटे घरेलू नेटवर्क या बड़े संगठनों में Mesh Network उपयोग किये जाते है, लेकिन यह बड़े स्थानों के लिए बेहतरीन है।

इंटरनेट कनेक्टिविटी Share करने के लिए विभिन्न Devices को Mesh Network सक्षम बनाता है। अगर कोई Node Hub से दूर है तो यह पास के Node के द्वारा उस समय तक Communicate कर सकता है जब तक की Mesh Network Router तक नहीं पहुँच पाता। 

Mesh Network इनमें उपयोग किया जाता है। 

  • घर पर निगरानी रखने के लिए। 
  • चिकित्सा निगरानी में उपयोग। 
  • औद्योगिक के लिए निगरानी और नियंत्रण रखने के लिए। 
  • सुरक्षा प्रणालियों में। 
  • सार्वजनिक सेवा संचार में उपयोग। 

जैसे की – Monitoring System में जाल विन्यास (Mesh Configuration) और एक व्यापक क्षेत्र  में फैले विभिन्न तरह के Sensor Nodes  हो सकते है। 

मेष टोपोलॉजी के प्रकार 

मेष टोपोलॉजी के 2 प्रकार होते है जो आपको नीचे बताये जा रहे है। 

1 . Full Mesh TopologyFull Mesh Topology में सारे Nodes एक दूसरे से आपस में जुड़े हुए रहते है। फुल मेश टोपोलॉजी में कनेक्शन की संख्या को Calculate करने के लिए इस Formula का उपयोग किया जाता है। (N नेटवर्क में कंप्यूटरों की संख्या है): N(N-1)/2 इसे Implement (लागू) करना बहुत महंगा होता है। ज्यादातर Network Backbone के लिए इसका उपयोग किया जाता है। 

2 . Partial Mesh Topology – आंशिक मेष टोपोलॉजी में Network के कई अन्य Computers का Network के 2 Computers से Connection होता है। यह कम खर्चीली है और जो की अतिरेक (Redundancy) को भी कम करने में सहायक होती है। Partial Mesh Topology अधिक व्यवहारिक है। अगर नेटवर्क में Primary Computer या  Connection में से कोई एक Fail हो जाता है, तो बाकि के नेटवर्क अपना कार्य तब भी जारी रखते है। 

Mesh Network और Traditional Wi-fi में अंतर

  • Traditional Wi-fi में Single Network Connection होते है जिसमें डिवाइस के लिए जो अनुरोध (Request) किये जाते है उसे Central Router से कनेक्ट करने के लिए अनुमति दी जाती है।  
  • मेष नेटवर्क Single Access Point पर निर्भर नहीं होता बल्कि यह डिवाइस को Client के बीच Data Routing के लिए एक साथ Link करने की अनुमति देता है।
  • Wi-fi में एक पारंपरिक राउटर (Traditional Router) एक केंद्रीकृत एक्सेस प्वाइंट के रूप में कार्य करता है और Mesh Network विकेंद्रीकृत के रूप में होते है।
  • कम बजट और छोटे स्थान के लिए Wi-fi Recommend किया जा सकता है लेकिन बड़े क्षेत्र में जहाँ लागत की चिंता ना हो वहां Mesh Network पर विचार करना सही है। 

मेष टोपोलॉजी के लाभ (Advantages)

मेष नेटवर्क में नीचे बताये गए लाभ शामिल हैं।

  • यह High Amount Traffic को Manage कर सकता है क्योंकि इसमें कई डिवाइस एक साथ डेटा संचारित (Data Simultaneously) कर सकते हैं।
  • यह टोपोलॉजी Destination और Tons Redundancy (टन अतिरेक) में सफलता के लिए बहुत से मार्ग उपलब्ध करती है
  • अगर एक डिवाइस Fail होता है तो नेटवर्क में किसी तरह का ब्रेक या Data Transmission नहीं होता है।
  • Device Add किये जाने पर अन्य डिवाइस के बीच Data Transmission का कार्य बाधित नहीं होता है।
  • इसमें दोष की पहचान करना सीधा काम है।
  • Traffic की कोई समस्या नहीं आती है क्योंकि प्रत्येक कंप्यूटर के लिए समर्पित बिंदु से Point Link होता है।
  • यदि किसी तरह का Attack किया जाता है तो Single Node को आसानी से बदला जा सकता है।
  • Nodes एक दूसरे से सीधा Communication कर सकते है। जिसके लिए Central Access Point की जरुरत नहीं होती है।
  • Mesh Network अधिक दूरी पर Signals Transmit कर सकते हैं।

मेष टोपोलॉजी के हानि (Disadvantages)

मेष टोपोलॉजी के नुकसान आपको आगे जानने को मिलेंगे। 

  • Implement (लागू) करने की लागत अधिक है।
  • Mesh में Installation कठिन है।
  • Power की आवश्यकता ज्यादा होती है क्योंकि इसमें सभी Nodes को हर समय Active रहना और Load Share करना होता है।
  • अनावश्यक Connection की संभावना ज्यादा रहती है जिसमें की उच्च लागत ( High Cost) और कम दक्षता के लिए अधिक क्षमता की जरुरत होती है।
  • Mesh के साथ Maintenance बहुत ही चुनौतीपूर्ण हैं।
  • Mesh Topology को Communication के लिए उच्च Cable और I/O Port की आवश्यकता होती है।
  • कम पावर वाले Wan के साथ विलंबता एक समस्या बन सकती है क्योंकि मैसेजिंग को Handle करने के लिए पर्याप्त संसाधन क्षमता नहीं हो सकती है।

मेष टोपोलॉजी विकास का इतिहास 

Wireless Mesh Radio Network को सैन्य अनुप्रयोगों के लिए बनाया गया था। जिस तरह से प्रत्येक Node अन्य दूसरे Node के लिए Router के रूप में काम कर सकता है और अगर कुछ Nodes Fail भी हो जाते हैं तो अन्य Nodes फिर भी एक दूसरे से Communicate कर सकते है। 

प्रारंभिक Wireless Mesh Network Nodes में एक तरह का एकल अर्ध-द्वैध रेडियो (Half-duplex Radio) था। जो एक ही क्षण में या तो संचारित कर सकता था या फिर प्राप्त कर सकता था लेकिन एक समय में दोनों नहीं कर सकता था। 

यह साझा जाल नेटवर्क (Shared Mesh Networks)  के साथ ही Develop किया गया था। बाद में इसे Complex Radio Hardware (जटिल रेडियो हार्डवेयर) के द्वारा हटा दिया गया था। 

जो की Upstream Node से पैकेट प्राप्त कर सकने में समर्थ था और पैकेट को Downstream Node में एक साथ (एक अलग आवृत्ति (Frequency) या एक अलग CDMA Channel) पर भेज सकता था और इसने Mesh Network को Allow किया Mesh Network की अनुमति दी। 

किसे कहते है मेष टोपोलॉजी?

इस नेटवर्किंग में सभी Nodes आपस में डाटा वितरित करते है यानि की सभी Nodes अन्य Nodes से जुड़े रहते है।

कैसे काम करती है मेष टोपोलॉजी?

Mesh Network में Message भेजने के लिए Routing या Flooding तकनीक का उपयोग किया जाता है। जिसके बारे में आपको ऊपर विस्तार में जानकारी दी गई है।

इस तकनीक का कहाँ उपयोग किया जाता है ?

छोटे घरेलू नेटवर्क या बड़े संगठनों में Mesh Network उपयोग किये जाते है।

आज आप ने क्या सीखा

मुझे पूर्ण आशा है की मैंने आप लोगों को मेष टोपोलॉजी क्या है के बारे में पूरी जानकारी दी। और में आशा करता हूँ आप लोगों को मेष टोपोलॉजी के बारे में समझ आ गया होगा।

मेरा आप सभी पाठकों से गुजारिस है की आप लोग भी इस जानकारी को अपने आस-पड़ोस, रिश्तेदारों, अपने मित्रों में Share करें, जिससे की हमारे बिच जागरूकता होगी और इससे सबको बहुत लाभ होगा. मुझे आप लोगों की सहयोग की आवश्यकता है जिससे मैं और भी नयी जानकारी आप लोगों तक पहुंचा सकूँ।

मेरा हमेशा से यही कोशिश रहा है की मैं हमेशा अपने readers या पाठकों का हर तरफ से हेल्प करूँ, यदि आप लोगों को किसी भी तरह की कोई भी doubt है तो आप मुझे बेझिजक पूछ सकते हैं. मैं जरुर उन Doubts का हल निकलने की कोशिश करूँगा।

आपको यह लेख मेष टोपोलॉजी का उपयोग कैसा लगा हमें comment लिखकर जरूर बताएं ताकि हमें भी आपके विचारों से कुछ सीखने और कुछ सुधारने का मोका मिले.मेरे पोस्ट के प्रति अपनी प्रसन्नता और उत्त्सुकता को दर्शाने के लिए कृपया इस पोस्ट को Social Networks जैसे कि Facebook, Twitter इत्यादि पर share कीजिये.

About the Author

Prabhanjan Sahoo

Prabhanjan Sahoo

मैं Prabhanjan, HindiMe का Technical Author & Co-Founder हूँ। Education की बात करूँ तो मैं एक Enginnering Graduate हूँ। मुझे नयी नयी Technology से सम्बंधित चीज़ों को सीखना और दूसरों को सिखाने में बड़ा मज़ा आता है।

Related Posts

Leave a Comment